Bihar: आइजी Vikas Vaibhav ने किया ट्वीट, मूर्ख के पांच लक्षण
बिहार फायर बिग्रेड एवं होमगार्ड सर्विसेज की डीजी शोभा ओहटकर पर गाली देने का आरोप लगाने वाला ट्वीट करने के बाद आइजी विकास वैभव विवादों में आ गये हैं। उन्होंने शनिवार को एक और ट्वीट किया। उन्होंने संस्कृत का एक श्लोक पोस्ट करते हुए उसका हिंदी में अर्थ समझाया।
पटना। बिहार फायर बिग्रेड एवं होमगार्ड सर्विसेज की डीजी शोभा ओहटकर पर गाली देने का आरोप लगाने वाला ट्वीट करने के बाद आइजी विकास वैभव विवादों में आ गये हैं। उन्होंने शनिवार को एक और ट्वीट किया। उन्होंने संस्कृत का एक श्लोक पोस्ट करते हुए उसका हिंदी में अर्थ समझाया।
यह भी पढ़ें:Bihar: पटना साहिब में फोटो खिंचवाने को लेकर भिड़े कांग्रेसी, गाली-गलौज, जमकर लात-घूंसे भी चले
"मूर्खस्य पञ्च चिह्नानि गर्वो दुर्वचनं तथा ।
— Vikas Vaibhav, IPS (@vikasvaibhavips) February 11, 2023
क्रोधश्च दृढवादश्च परवाक्येष्वनादरः ।।"
अर्थात - "एक मूर्ख के पांच लक्षण होते हैं घमण्ड, दुष्ट वार्तालाप, क्रोध, जिद्दी तर्क और अन्य लोगों के लिए सम्मान में कमी ।"#SaturdayThoughts
विकास वैभव ने ट्वीट किया- 'एक मूर्ख के पांच लक्षण होते हैं- घमंड, दुष्ट वार्तालाप, क्रोध, जिद्दी तर्क और अन्य लोगों के लिए सम्मान में कमी।' उनके इस पोस्ट को भी डीजी विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। सीएम नीतीश कुमार ने भी ट्वीट पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि अफसरों का काम ट्वीट करना नहीं है। इस मामले में जांच के आदेश भी दिये गये हैं।
सोमवार को दे सकते हैं डीजी के शोकॉज का जबाव
आइजी विकास वैभव को विवादित ट्वीट मामले में डीजी शोभा ओहटकर उनहें शोखॉज नोटिस दे चुकी हैं। डीजी ने नौ फरवरी को जारी नोटिस में उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा था। लेकिन आईजी के छुट्टी पर होने के कारण उनका जवाब अभी नहीं मिल सका है।
विकास वैभव पहले से स्वीकृत छुट्टी पर पारिवारिक समारोह में भाग लेने के लिए सिलीगुड़ी गये हुए हैं। इस कार्यक्रम की फोटो भी उन्होंने फेसबुक के साथ ट्विटर पर शेयर की है। वह रविवार तक पटना लौटेंगे। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आइजी सोमवार को शो कॉज का जवाब दे सकते हैं।
दुष्ट कभी मित्र नहीं बन सकता
इससे पहले आइजी विकास वैभव ने शुक्रवार की सुबह एक ट्वीट किया था। संस्कृत में श्लोक लिखने के बाद उन्होंने उसका अर्थ लिखा- ''कभी-कभी सर्प भी मित्र बन सकता है, किंतु दुष्ट को कभी मित्र नहीं बनाया जा सकता। शेषनाग पर शयन करने वाले हरि का भी दुर्योधन मित्र न बन सका।'' विकास वैभव हर दिन अपने ट्विटर हैंडल से संस्कृत के श्लोक का अर्थ बताते हुए ट्वीट करते हैं।