Bihar: IPS विकास वैभव को जान का खतरा! होम डिपार्टमेंट को लेटर भेजा, मांगा ट्रांसफर, कहा- यहां काम करना खतरे से खाली नहीं
बिहार में फायर एवं होमगार्ड सर्विसेज के आईजी आइपीएस विकास वैभव कोअब जान पर खतरे की आशंका जतायी है। फायर एवं होमगार्ड सर्विसेज डीजी शोभा ओहटकर पर गाली-गलौज देने का आरोप लगाकर चर्चा में आये आइजी विकास वैभव ने होम डिपार्टमेंट को एक पत्र लिखकर ट्रांसफर की अपील की है।
- डीजी ने वाइफ के बारे में गलत टिप्पणी की
- ब्लडी IG बोला
पटना। बिहार में फायर एवं होमगार्ड सर्विसेज के आईजी आइपीएस विकास वैभव कोअब जान पर खतरे की आशंका जतायी है। फायर एवं होमगार्ड सर्विसेज डीजी शोभा ओहटकर पर गाली-गलौज देने का आरोप लगाकर चर्चा में आये आइजी विकास वैभव ने होम डिपार्टमेंट को एक पत्र लिखकर ट्रांसफर की अपील की है।
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आईजी ने लेटर में लिखा कि मैं कई महीनों से प्रताड़ित हूं। मैं और मेरा परिवार मानसिक तौर पर बेहद परेशान है। मुझे दूसरे विभाग में भेजा जाए। वर्तमान विभाग में एक दिन भी काम करना खतरे से खाली नहीं। वहां अप्रिय घटना भी हो सकती है। विकास वैभव ने डिपार्टमेंट नहीं बदलने पर अवकाश की मांग की है।
प्रताड़ना युक्त पद से मुक्ति चाहिए
आईपीएस विकास वैभव ने DG पर गंभीर आरोप लगाये थे। डीजी ने उनसे इसे लेकर सफाई मांगी थी। होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज के आईजी विकास वैभव ने कारण बताओ नोटिस का जवाब तो नहीं दिया, लेकिन चार पेज का लेटर अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को लिखी है। उन्होंने वर्तमान पद से मुक्त करने का आग्रह कहा है। इस पद को मानसिक प्रताड़ना युक्त बताया है। उन्होंने यह भी लिखा है कि इस संबंध में मैं आश्वस्त कराना चाहता हूं कि निर्धारित अवधि में मैं अपना स्पष्टीकरण महोदय के समक्ष आवश्यक विवरण के साथ उपलब्ध करा दूंगा।
मेरी वाइफ के बारे में गलत कहा
आईजी विकास वैभव ने लिखा है आपके ऑफिस चेंबर में निजी रूप से मिलकर पहली बार दिसंबर महीने के प्रथम सप्ताह में ही बताया गया था कि डीजी महोदय अत्यंत अभद्र भाषा का प्रयोग करती हैं। निरंतर गाली दी जा रही। मेरी वाइफ के संबंध में अपमानजनक टिप्पणियां की गई हैं। इस अमानवीय दुर्व्यवहार के कारण ही दूसरे ऑफिसर विनोद कुमार उनके कार्यालय कक्ष में बेहोश भी हो गये थे। लगभग 45 मिनट के बाद ही होश में आ सके थे। तब से उनकी तबीयत लगातार खराब ही चल रही है। यहां तक की कई अफसरों को उनके द्वारा बिहारी बोल कर अपमानित करने का प्रयास किया गया और बताया गया कि बिहारी कामचोर होते है।
तीन बार ब्लडी आईजी कहा
IG ने पत्र में लिका है कि डीजी मैडम ने मुझे तीन बार ब्लडी IG सभी के सामने कहा गया। डीआईजी विनोद कुमार को अपमानित करके गेट आउट कहकर सभा कक्ष से बाहर निकाल दिया गया। इन कारणों से मैं अत्यंत विचलित और मानसिक रूप से द्रवित हो उठा। बैठक के बाद हुए अपमान के कारण मुझे पूरी रात नींद नहीं आई।मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। उसी मनोदशा में देर रात 1:45 एक ट्वीट करने की इच्छा हुई और मैंने ट्वीट कर दिया। परंतु कुछ देर बाद मुझे लगा कि ट्वीट नहीं करते हुए मुझे सरकार को अवकाश के लिए आवेदन देना चाहिए। मैंने ट्वीट को डिलीट कर दिया। ट्वीट डिलीट करने के पश्चात ट्वीट के प्रसारण में मेरी कोई भूमिका नहीं रही है।
अफसरों की बैठक में DG मैडम करती हैं अपमानित
विकास वैभव ने लिखा है कि स्टेट गवर्नमनेंट को मुझे यह अवगत कराना है कि 20 अक्टूबर 2022 को होम डिपार्टमेंट आईजी होमगार्ड एंड के पद पर जॉइन किया है। मुलाकातों और विभागीय अफसरों की हर बैठक में अनावश्यक, असंसदीय और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए डीजी मैडम मुझे अत्यंत अपमानित करती रही हैं। यह मेरे जैसे कर्तव्यनिष्ठ एवं उत्तरदायी लोकसेवक के लिए बहुत ही बड़ी मानसिक प्रताड़ना रही है।
बाहर था बिहार से
विकास वैभव ने अपने लेटर में लिखा है कि अगले दिन मैं छुट्टी पर निकल गया। मैं बिहार से बाहर था। इससे पहले कि लौट कर आने के बाद मैं अपना स्पष्टीकरण महोदय को समर्पित करता, उनके द्वारा 10 फरवरी को मेरे विरुद्ध अनुशासन अनुशासन एक कार्यवाही करने के संबंध में गृह विभाग को पत्र लिखा गया। इसका जवाब मैं शीघ्र समर्पित करूंगा। उनके द्वारा मुझसे स्पष्टीकरण की मांग की गई, लेकिन परंतु इसके लिए कोई रीजनएबल अपॉर्चुनिटी नहीं प्रदान करते हुए मात्र 24 घंटों में अनुपालन की अपेक्षा की गई। इससे प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि वह यथाशीघ्र मुझे और भी मानसिक रूप से प्रताड़ित करने तथा युद्ध स्तर पर अन्य प्रकार से दंडित करने की मंशा रखती हैं।
डीजी के साथ काम करना खतरे से कम नहीं
आईजी ने कहा है कि मैंने दो महीने की छुट्टी राज्य सरकार से मांगी थी। इस पर सीनियर अफसर ने आपत्ति लगा दी। मैं अब एक दिन भी उनके अधीन काम नहीं कर सकता। उने साथ काम करना मेरे लिए गंभीर खतरे की घंटी से कम नहीं है। मुझे डर है कि ऑफिस में मेरे साथ कुछ गंभीर अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं। मुझे अपूर्णीय क्षति पहुंचाई जा सकती है। मुझे यहां से स्थायी रूप से कार्यमुक्त करके किसी अन्य पद दिया जाए। वैकल्पिक व्यवस्था संभव नहीं हो तो 13 फरवरी 2023 के बाद से मेरे दिेये गये आवेदन पर छुट्टी पर विचार किया जाए। यदि संभव हो तो स्पष्टीकरण समर्पित करने की अवधि को सात दिन से बढ़ाकर 14 दिन करने की कृपा की जाए।
विकास वैभव ने 60 दिनों की छुट्टी मांगी
आईपीएस विकास वैभव ने कहा कि निर्दोष पारिवारिक सदस्यों के साथ मेरी सुरक्षा पर विचार करते हुए अस्थाई तौर पर भी उक्त वरीय पदाधिकारी के नियंत्रण से मुक्त किसी अन्य पद पर पदस्थापित करने हेतु राज्य सरकार की स्वीकृति प्राप्त करने की कृपा की जाए यदि किसी कारणवश वैकल्पिक व्यवस्था संभव नहीं हो तो 13 फरवरी 2023 के पूर्वाह्न से 60 दिन का अवकाश दे दें।
आईजी ट्वीट के बाद शुरू हुआ विवाद
होमगार्ड और फायर सर्विसेज के आईजी विकास वैभव ने ट्वीट और फेसबुक पर पोस्ट कर DG पर आरोप लगाये थे। उन्होंने लिखा था- DG मैडम के मुख से गालियां ही सुन रहा हूं, परंतु यात्री मन आज वास्तव में द्रवित है। ट्वीट के बाद प्रशासनिक महकमा, राजनैतिक महकमे में खलबली मच गई। हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया।डीजी की गाली की शिकायत करने पर सीनियर IPS अफसर विकास वैभव को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में उनसे पूछा गया है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया क्या वो IPS सर्विस का उल्लंघन नहीं है। विकास वैभव ने मौखिक रूप से बताया है कि मैंने डिपार्टमेंट से 60 दिन की छुट्टी की मांग की है, लेकिन उसे मंजूर नहीं किया गया।
होमगार्ड एंड फायर सर्विस डीजी ने फरवरी को आईजी को जारी किया नोटिस
आईजी के विवादित ट्वीट मामले में डीजी शोभा ओहटकर आइजी विकास वैभव को शोकॉज नोटिस दे चुकी हैं। नौ फरवरी को जारी नोटिस में उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया था। हालांकि, छुट्टी पर होने के कारण उनका जवाब अभी नहीं मिल सका। आईजी वैभव पारिवारिक समारोह में भाग लेने के लिए सिलीगुड़ी गये थे। ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि सोमवार को आईजी स्पष्टीकरण का जवाब दे सकते हैं।हालांकि, सोमवार को पूर्व स्वीकृत अवकाश से लौटते ही उन्होंने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा और डीजी शोभा अहोटकर से खुद और परिवार को खतरा बताकर एक बार फिर सबको सकते में डाल दिया है। उन्होंने पत्र में बताया कि उन्होंने DG शोभा अहोटकर की गालीबाजी की शिकायत न केवल सितंबर 2022 में की, बल्कि उनके साथ कई अन्य पदाधिकारी भी डीजी से बचाने की गुहार लेकर गृह विभाग के चक्कर लगा चुके हैं।