बिहार: नीतीश कैबिनेट में सामाजिक समीकरणों का पर विशेष ध्यान, अनुभव पर भी रही नजर
सातवीं बार बिहार के सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट में फस्ट फेज में बीजेपी से सात, जेडीयू से पांच, हम व वीआइपी से एक-एक मिनिस्टर शामिल किये गये हैं। कैबिनेट में सामाजिक समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया है।बीजेपी के कोटे से दो लोगों ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है।
- बीजेपी से सात व जेडीयू से से पांच मिनिस्टर
- हम व वीआइपी को एक-एक बर्थ
पटना। सातवीं बार बिहार के सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट में फस्ट फेज में बीजेपी से सात, जेडीयू से पांच, हम व वीआइपी से एक-एक मिनिस्टर शामिल किये गये हैं। कैबिनेट में सामाजिक समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया है।बीजेपी के कोटे से दो लोगों ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है।
जिन लोगों ने आज मंत्री पद की शपथ ली है। उसमें सभी जातियों को साधने की कोशिश की गई है। नीतीश खेमे से शपथ लेने वाले लोगों में सवर्ण, दलित, अतिपिछड़ा और महिला हैं। शपथ लेने वाले 15 में से सात मंत्री पिछड़े वर्ग से, इनमें दो डिप्टी सीएम समेत बीजेपी से सात लीडर मिनिस्टर बने हैं। सवर्ण समुदाय से पांच, पिछड़ा वर्ग से सात और दलित समुदाय से तीन नेताओं को मंत्री बनाया गया है। भाजपा से तीन पिछड़े, तीन अगड़े और एक दलित को मौका मिला है। जदयू से एक अगड़े, चार पिछड़े और एक दलित को मंत्री बनाया गया है।
बीजेपी कोटे से मिनिस्टर
तार किशोर प्रसाद: कटिहार से एमएलए तारकिशोर प्रसाद वैश्य समुदाय से आते हैं। अब तक डिप्टी सीएम रहे सुशील मोदी भी इसी समुदाय के हैं।
रेणु देवी: डिप्टी सीएम रेणु देवी नोनिया समुदाय से आति हैं। बिहार में यह अति पिछड़ी जाति है। रेणु पहले ही मिनिस्टर रह चुके हैं। वह बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बी थी।
मंगल पांडेय: बीजेपी एमएलसी, ब्राह्मण समुदाय से हैं। पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। आरएसएस और एबीवीपी में रह चुके हैं। बिहार बीजेपी के प्रसिडेंट भी रह चुके हैं।
अमरेंद्र प्रताप सिंह: आरा से एमएलए राजपूत वर्ग से हैं। इनका राजानीतिक बैकग्राउंड भी है। अमरेंद्र के भाई भूपेंद्र झारखंड में विधानसभा अध्यक्ष व मिनिस्टर रहे हैं।
रामप्रीत पासवान: मधुबनी के राजनगर से एमएलए रामप्रीत बीजेपी का दलित चेहरा हैं। एलजेपी के अलग होने के बाद बीजेपी ने पासवान समुदाय के नेता को मिनिस्टर बनाया है।
जीवेश मिश्रा: मिथिलांचल में बीजेपी के भूमिहार समुदाय के बड़े नेता हैं। दरभंगा की जाले सीट से एमएलए हैं। मिथिलांचल व तिरहुत में बीजेपी से मात्र दो भूमिहार ही एमएलए हैं।
रामसूरत राय:मुजफ्फरपुर के औराई से बीजेपी एमएलए यादव समुदाय से आते हैं। पहली बार मंत्री बन रहे हैं।पहले जेडीयू में थे। पिछला चुनाव हार गये थे।
जेडीयू कोटे से मिनिस्टर
विजय चौधरी: भूमिहार जाति से आनेवाले विजय चौधरी पिछली गवर्नमेंट में विधानसभा में स्पीकर थे। नीतीश के करीबी नेताओं में शामिल हैं। समस्तीपुर के सरायरंजन छह बार से एमएलए हैं।
बिजेंद्र यादव: सुपौल से जेडीयू एमएलए यादव जाति के बीजेंद्र यादव कैबिनेट में 74 साल के यादव सबसे उम्रदराज मंत्री हैं। जेपी आंदोलन के समय से राजनीति में हैं। 1990 से सुपौल से आठ बार से एमएलए हैं। पिछली सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे हैं।
अशोक चौधरी: महादलित वर्ग के अशोक चौधरी अभी किसी सदन के मेंबर नहीं है। बिहार जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और नीतीश के करीबी हैं। कांग्रेस के स्टेट प्रसिडेंट रह चुके हैं। इनके पिता महावीर चौधरी भी बिहार कांग्रेस के बड़े लडीर थे।
मेवालाल चौधरी: कुशवाहा वर्ग आनेवाले मेवालाल चौधरी तारापुर से एमएलए हैं। बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे।इनकी वाइफ भी एमएलए रह चुकी है।
शीला कुमारी: अति पिछड़े वर्ग आनेवाली शीला कुमारी फुलपरास से जेडीयू की एमएलए हैं। पहली बार चुनाव जीती और मंत्री बनीं।
हम व वीआइपी के मिनिस्टर
संतोष मांझी: हम के एमएलसी महादलित वर्ग से हैं। एक्स सीएम जीतन राम मांझी के बेटे हैं। विधानसभा में हम चार सीटों पर जीत हासिल की है।
मुकेश सहनी: निषाद वर्ग के मुकेश साहनी की अपनी पार्टी VIP है। महागठबंधन छोड़कर NDA में आने के बाद 11 सीटों पर कैडिटेट उतारे। खुद सिमरी बख्तियारपुर सीट से चुनाव हार गये। मुकेश की पार्टी चार सीटें जीती है।