बिहार: नीतीश कुमार से मिले उपेंद्र कुशवाहा, RLSP का होगा JDU में विलय !
जेडीयू सुप्रीमो व बिहार के सीएम नीतीश कुमार से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रसिडेंट उपेन्द्र कुशवाहा की मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति में नये सियासी संकेत मिलने लगे हैं। राजनीतिक अटकलों के अनुसार जल्द आरएलएसपी का जेडीयू में विलय हो सकता है।
पटना। जेडीयू सुप्रीमो व बिहार के सीएम नीतीश कुमार से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रसिडेंट उपेन्द्र कुशवाहा की मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति में नये सियासी संकेत मिलने लगे हैं। राजनीतिक अटकलों के अनुसार जल्द आरएलएसपी का जेडीयू में विलय हो सकता है।
जेडीयू स्टेट प्रसिडेंट बशिष्ठ नारायण सिंह के बयान से इस चर्चा को और बल मिला है। बशिष्ठ नारायण सिंह ने दोनों नेताओं की मुलाकात के सवाल पर कहा कि दोनों नेता एक ही धारा से हैं। अगर दोनों एक साथ आ जाते हैं तो क्या हर्ज है। हलांकि रालोसपा का विलय के सवाल पर जेडीयू स्टेट प्रसिडेंट यह कहते हुए बचने की कोशिश करते नजर आये कि कुछ कल पर भी छोड़िए। इंतजार कीजिए।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में भी आएलएसपी एक भी सीट नहीं जीत पाई है। इसके बाद रालोसपा अपनी राजनीतिक जमीन बचाने में जुटी है। पिछले दिनों रालोसपा चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने एक अणे मार्ग में सीएम नीतीश से मुलाकात की थी। रालोसपा प्रवक्ता राजेश यादव के अनुसार दोनों नेताओं की मुलाकात दो दिसम्बर की रात में ही हुई है।
दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद अब यह कयास लगाये जा रहे हैं कि एक बार फिर रालोसपा चीफ जेडीयी का दामन थाम सकते हैं। ऐसा होने पर उपेन्द्र कुशवाहा को संगठन या सरकार में भी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दिये जाने की भी चर्चा है। उल्लेखनीय है कि 17वीं बिहार विधानसभा के पहले सत्र के अंतिम दिन 27 नवंबर को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की टिप्पणी से सत्ताधारी दल के साथ ही रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने भी नाराजगी जताई थी। कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के आचरण को अशोभनीय बताते हुए उनकी टिप्पणी को अमर्यादित बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसी घटनाओं में वे सीएम नीतीश कुमार के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। कुशवाहा के इसी बयान के बाद दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई है।
यह है रालोसपा का इतिहास
रालोसपा का गठन वर्ष 2013 में हुआ। पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए में शामिल होकर तीन सीट पर लड़कर तीनों सीट पर जीत हासिल की। 2015 के विधानसभा चुनाव में एनडीए के साथ 23 सीटों पर लड़कर दो पर जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनाव में आरएलएसी महागठबंधन में आ गई और पांच सीटों पर लड़ी लेकिन एक सीट पर भी जीत हासिल नहीं कर सकी। हाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने महागठबंधन से नाता तोड़कर एक अलग फ्रंट बनाया। 104 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन एक सीट पर भी जीत हासिल नहीं हुई।