त्रिशूल चोटी पर रेस्क्यू  के दौरान नेवी के चार पर्वतारोहियों के बॉडी बरामद, अभी एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता

त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आए नेवी के पांच पर्वतारोहियों में से चार की बॉडी बरामद कर ली गयी है। इनकी पहचान लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और हरिओम हरिओम एमसीपीओ के रूप में हुई है। अभी नेवी का एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता है। 

त्रिशूल चोटी पर रेस्क्यू  के दौरान नेवी के चार पर्वतारोहियों के बॉडी बरामद, अभी एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता

उत्तरकाशी। त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आए नेवी के पांच पर्वतारोहियों में से चार की बॉडी बरामद कर ली गयी है। इनकी पहचान लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और हरिओम हरिओम एमसीपीओ के रूप में हुई है। अभी नेवी का एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता है। 

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रेस्क्यू आपरेशन से जुड़ी हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास) की पांच मेंबर टीम शनिवार सुबह ही त्रिशूल पर्वत पर साढ़े पांच हजार मीटर ऊंचाई वाले इलाके में पहुंच गई। यह टीम रविवार सुबह रेकी में दिखे पर्वतारोहियों को रेस्क्यू करने के लिए आगे बढ़ेगी। हवास को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू आपरेशन की विशेषज्ञता हासिल है।
मुंबई से तीन सितंबर को नेवी का 20 सदस्यीय दल त्रिशूल पर्वत की चोटी आरोहण करने के लिए रवाना हुआ। वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे स्वर्णिम विजय वर्ष के तहत नेवी के पर्वतारोही माउंट त्रिशूल अभियान पर निकले हैं। यह चोटी 7120 मीटर ऊंची उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में है। छह हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप-तीन से नेवी के 10 पर्वतारोही गुरुवार को आगे बढ़े। लगभग 6700 मीटर की ऊंचाई के आसपास शुक्रवार सुबह टीम के पांच सदस्य और एक पोर्टर एवलांच की चपेट में आ गये। इस पर बाकी सदस्य अभियान रोक कर वापस कैंप में लौट आये। लापता सदस्यों की खोजबीन के लिए शुक्रवार दोपहर बाद से रेस्क्यू चल रहा है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास), वायुसेना, थलसेना और एसडीआरएफ संयुक्त रूप से इसमें जुटे हैं।

निम के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि शनिवार सुबह त्रिशूल चोटी पर लगभग 5700 मीटर ऊंचाई पर हिमस्खलन वाले क्षेत्र में चार व्यक्ति बर्फ में पड़े हुए दिखाई दिए। उनकी ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दिखी है। हेलीकाप्टर के जरिये दोपहर के समय हवास के प्रशिक्षकों के साथ ही निम और आर्मी जवानों का संयुक्त दल कैंप-एक के निकट पहुंचा। इस बीच, हवास के पांच सदस्यीय दल को 5500 मीटर की ऊंचाई पर बने कैंप-एक में उतारा गया। दल के कैंप-दो तक पहुंचने की सूचना है। रेकी में दिखे नेवी के चार पर्वतारोहियों की बॉडी बरामद कर बेस कैंप एक तक लाया गया है।अभी नेवीका एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता है। नेवी ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर दूसरे दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी शेयर की है।

बारिश बर्फबारी से रेसक्यू में परेशानी
रेस्क्यू दलों को शनिवार शाम तक मौसम ने साथ दिया, लेकिन उसके बाद मौसम की करवट ने दिक्कतें पेश की। उच्च हिमालयी क्षेत्र में रुक-रुक कर बर्फबारी भी हो रही है। दिनभर में रेस्क्यू दलों ने आठ बार उड़ान भरी। इसमें चार हेलीकाप्टर लगाये हैं। चमोली जिले में सुतोल घाट की तरफ से पैदल टीमें भी रेस्क्यू के लिए रवाना हुई हैं। इनमें सेना के जवानों के साथ ही एसडीआरएफ भी शामिल हैं। इनके रविवार रात तक बेस कैंप पहुंचने की उम्मीद है।