देश के दर्जनभर ठिकानों पर CBI रेड, CCLके आम्रपाली प्रोजेक्ट 83.63 करोड़ के कोल घोटाला मामले में कई दस्तावेज बरामद
सीबीआई ने सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (सीसीएल) की चतरा स्थित मगध आम्रपाली एरिया के आम्रपाली प्रोजेक्ट से 83.63 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में देश के दर्जनभर ठिकानों पर गुरुवार को एक साथ रेड की है। सीबीआइ की कई टीम ने आरोपितों से जुड़े ठिकानों की।
- गांधीनगर, कोलकाता, रांची, व चतरा में एक साथ रेड
रांची। सीबीआई ने सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (सीसीएल) की चतरा स्थित मगध आम्रपाली एरिया के आम्रपाली प्रोजेक्ट से 83.63 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में देश के दर्जनभर ठिकानों पर गुरुवार को एक साथ रेड की है। सीबीआइ की कई टीम ने आरोपितों से जुड़े ठिकानों की।
सीबीआइ एसीबी रांची ने इसी 17 अगस्त को सभी आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की थी। सीबीआइ ने जिन आरोपितों के यहां रेड की है उनमें उनमें आम्रपाली प्रोजेक्ट के पीओ दिलीप कुमार शर्मा के चतरा स्थित आवास व ऑफिस, मौनेजक शंभू कुमार झा के चतरा स्थित घर ऑफिस, सीनियर मैनेजर सर्वेयर उमेश कुमार सिंह के चतरा स्थित आवास व ऑफिस, सीनियर सर्वेयर अफसर पंकज कुमार झा के चतरा स्थित आवास व ऑफिस, चीफ मैनेजर माइनिंग निहार रंजन साव के चतरा स्थित आवास व ऑफिस, माइनिंगकंपनी मेसर्स एएमपीएल-एमआइपीएल-जीसीएल (जेवी) के निदेशक विनेश शिवजी ढोलू के गांधीनगर स्थित आवास, डायरेक्टर दीपेंद्र नाथ मुखर्जी के कोलकाता स्थित आवास, गुमला के भरनो व रांची के एनके एरिया खलारी में कंपनी से जुड़े अफसरों के ठिकाने शामिल हैं।
सीबीआई ने दर्ज किया मामला
चतरा जिले के टंडवा पुलिस स्टेशनएरिया सीसीएल की आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट से स्टॉक से 8.75 लाख मीट्रिक टन कोयला गायब हो गया है। इससे सीसीएल को 83 करोड़, 63 लाख, 64 हजार, 471 रुपये का घाटा हुआ है। सीबीआइ ने मामले में आम्रपाली परियोजना के प्रोजेक्ट अधिकारी, मैनेजर, सीनियर मैनेजर व माइनिंग कंपनी के अफसरों के मामला दर्ज किया है।
मेजरमेंट बुक में छेड़छाड़ कर गायब कराया गया कोल
सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों में बताया गया है कि लगातार यह सूचना मिल रही थी कि लंबे समय से सभी आरोपित एक आपराधिक साजिश के तहत मेजरमेंट बुक में छेड़छाड़ कर कोयला गायब करवा रहे हैं। सीसीएल के सीनीयरअफसरों के साथ जांच के लिए एक टीम बनी और इसकी छानबीन शुरू की गयी।छानबीन में कोयला स्टॉक से आठ लाख 75 हजार 774 मिट्रिक टन कोयला गायब मिला। छानबीन में इस बात का भी खुलासा कोलकाता की कंपनी AMPL – MIPL- GCL (JB) को आम्रपाली प्रोजेक्ट में कोयला निकालने से लेकर डंपिंग तक की जिम्मेदारी दी गयी थी। इस गड़बड़ी में सभी की संलिप्ता पायी गयी।
आउटसोर्सिंग मां अंबे व नकास ट्रांसपोर्टिंग कंपनी परियोजना क्षेत्र में कोल माइनिंग के साथ-साथ ट्रांसपोर्टिंग भी करती थी। दोनों कार्य एक ही कंपनी द्वारा किए जाने से बगैर कांटा कराए रेलवे साइडिंग ढुलाई करती थी। इसमें लगभग पांच सौ रैक कोयला गबन किया गया है।