धनबाद: राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में बालकों का दीक्षा समारोह
राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर धनबाद में बालकों का दीक्षा समारोह कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। प्राचार्य सुमंत कुमार मिश्रा ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराया, छात्रों को दीक्षा दी।
धनबाद। राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर धनबाद में बालकों का दीक्षा समारोह कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। विद्यालय के प्राचार्य सुमंत कुमार मिश्रा ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराया, छात्रों को दीक्षा दी।
उन्होंने कहा कि विद्यालय को आप सभी गौरवान्वित करेंगे , आपने अपना लक्ष्य तय कर लिया है। अब केवल दृढ़ संकल्प के साथ आपको आगे बढ़ना है। मौलिक ज्ञान आपको विशिष्ट बनाता है। आप जिस क्षेत्र में भी जाएं अपने विद्यालय एवं माता पिता का नाम उज्जवल करें । सदा सत्य बोलें और हमारे जो शुभ चरित्र हैं उन्हीं का अनुकरण करें ,अन्य का नहीं।
विद्यालय के अध्यक्ष विनोद कुमार तुलस्यान ने कहा कि आपको आपका उद्देश्य उच्च बनाता है, संस्कार, संगति, एकता, इस मंत्र को आप जीवन में न भूलें तभी अच्छे बनेंगे।आपका व्यक्तित्व निखरेगा। कहां बोलना है, कितना बोलना है, कैसे बोलना है, इसका ख्याल हमेशा रखें। यह दुख का विषय है कि किसी सैनिक का शीश कटता है तो हम चुप होते हैं और किसी पिक्चर का एक सीन कटता है तो आवाज लगाते हैं।सचिव संजीव अग्रवाल ने कहा कि दीक्षा आपको भविष्य में अच्छे अवसर प्रदान करेगा। आप सफल व्यवसाई बने, शिक्षक बने, राजनेता बने, यही आपकी गुरु दक्षिणा होगी। आपको आपके रास्ते में कई संभालने वाले लोग मिलेंगे तो कई आदर्शवादी। आप अच्छे श्रोता बने। अपने काम को कल के ऊपर ना छोड़कर आज ही कर लें। ऐसे में आप का सर्वांगीण विकास होगा।
कार्यक्रम के चीफ गेस्ट आईआईटी आईएसएम धनबाद के डीन चिरंजीव कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आप भाग्यशाली हैं क्योंकि आपने ऐसे विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है। जीवन में संतुष्टि मिल गई तो आप रुक गये। खुशी मिली तो अहंकारी बन बैठे। हमेशा सफल होना सीखिए आज से आपके लिए बाहरी दुनिया में प्रवेश सुनिश्चित है। आपको आईआईटी आईएसएम आना है। अपने ड्रीम को फुलफिल करने के लिए संकल्प ले कि एक अच्छा इंसान बनना कम महत्वपूर्ण कार्य नहीं है। शिक्षा के दौरान माता पिता एवं गुरुजनों के द्वारा लगाई गई फटकार और मार आपको सुगढ़ बनती है। उसे कभी अन्यथा नहीं लेना चाहिए जीवन में सामंजस्य बनाना सीखिए सपने को पूरा करने के लिए बहुत सी इच्छाओं की बलि देनी पड़ती है। सपने सच करना चाहते हैं तो कमिटमेंट करें। उन्होंने अपने ओजस्वी उद्बोधन से छात्रों को गदगद कर दिया।
दीक्षा समारोह के विशिष्ट अतिथि विद्या विकास समिति झारखंड रांची के प्रदेश सचिव अजय कुमार तिवारी ने कहा कि विद्या भारती का उद्देश्य देश के लिए अच्छा नागरिक तैयार करना है। आप विद्या भारती के एलमुनि पाटल से जुड़े। यह आपके लिए सबसे बड़ा मंच है ।आजीवन सीखने की कला रखिए। 25 वर्ष की आयु तक मौज मस्ती से दूर रहकर हमेशा अध्ययन के लिए तत्पर रहें एवं देश का नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़े। मेरी आपके साथ यही शुभकामना है। विद्यालय के सचिव दीपक कुमार रुइया ने कहा कि आज आपके लिए महत्वपूर्ण दिन है कल से अति प्रातः काल आपको जगने को कोई नहीं कहेगा। अब आपकी अपनी मर्जी होगी लेकिन मेरी मान्यता है कि जो भी बनो चरित्रवान बनो एवं नकारात्मक भावों को अपने तक ना आने दो इसके लिए आप बहरे की तरह बन जाओ।
चीफ गेस्ट ने स्मृति मंजूषा का विमोचन किया। विद्यालय के अध्यक्ष विनोद कुमार तुलस्यान ने चीफ गेस्कोट पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार दिये गये। विद्यालय के उप प्राचार्य मनोज कुमार ने परीक्षा परिणाम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विज्ञान में कृष्णानाशु चौधरी प्रथम, हरिमोहन सिंह द्वितीय एवं अभिजीत कुमार विश्वकर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं वाणिज्य में केशव शाह प्रथम, मनमीत सिंह द्वितीय एवं कृष्णा सराफ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
मौके पर 12वीं के अंकित मिश्रा, शुभोजीत डे एवं आर्यन तिवारी ने विद्यालय में बिताए क्षणों की चर्चा की एवं तालियां बटोरी। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईआईटी आईएसएम के डीन डाक्टर चिरंजीव कुमार, विद्यालय के पूर्व संरक्षक श्यामसुंदर चौधरी, अध्यक्ष विनोद कुमार तुलस्यान, सचिव संजीव अग्रवाल, सह सचिव दीपक कुमार रुइया, कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर अग्रवाल, बाल कल्याण समिति धनबाद जिला एवं विद्यालय समिति के माननीय अधिकारी एवं सदस्य मुरलीधर पौदार , शरद दुदानी, विद्यालय के प्राचार्य सुमंत कुमार मिश्रा, उप प्राचार्या उमा मिश्रा एवं उप प्राचार्य मनोज कुमार उपस्थित थे। कार्यक्रम का मंच संचालन हिंदी शिक्षिका ज्योति बाला एवं धन्यवाद ज्ञापन शिक्षिका सुषमा पाण्डेय ने किया।