धनबाद। कोयला नगरी धनबाद के गुजराती व्यवसायियों ने डॉक्टर चंडीचरण हाजरा (डॉक्टर सीसी हाजरा) को पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिला से लगभग 80 साल पहले धनबाद बुलाया था। यहां आने के बाद उन्होंने सबसे पहले श्री श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट द्वारा संचालित हॉस्पिटलों में सेवा शुरू की।
वर्ष 1978 में डॉक्टर सीसी हाजरा श्री श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट ट्रस्ट एवं हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट बने। गायनी रोड स्पेशलिस्ट के रुप मे धनबाद में बड़ी पहचान बनाई। इसके बाद सीसी हाजरा ने पिता आरसी हाजरा के नाम पर हाजरा मेमोरियल हॉस्पिटल खोला। वर्ष 2014 में सीसी हाजरा का निधन हो गया। उनके बाद उनके बेटों ने पुराना बाजार स्थित टेलीफोन एक्सचेंज रोड में सीसी हाजरा के नाम से हॉस्पिटल को डेवलप किया। पहले एक बिल्डिंग हुआ करती था। बेटों ने दो नये बिल्डिंग बनाये। एक बिल्डिंग में डॉक्टर समीर तो दूसरी बिल्डिंग में डॉक्टर विकास पेसेंट को देखते थे। घर में बंगाली रीति रिवाज का पालन होता है।
इसी बिल्डिंग में विकास और समीर की बहन डा रीता हाजरा भी प्रैक्टिस करती हैं। रीता ने शादी नहीं की है। बाद में डा विकास हाजरा की वाइफ डा प्रेमा हाजरा भी प्रैक्टिस करने लगी। फैमिली के सभी सदस्य गायनी रोग स्पेशलिस्ट हैं। बांझपन का भी इलाज सभी करते हैं। हॉस्पिटल में धनबाद के अलावा दूसरे जिलों के भी दूरदराज के मरीज प्रसव के लिए आते हैं।
पिता बांझपन के रोग के रहे हैं प्रसिद्ध विशेषज्ञ
डॉ विकास के पिता का धनबाद कोयलांचल में काफी बड़ा नाम रहा है। डॉक्टर सीसी हाजरा मशहूर स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ एवं बांझपन रोग विशेषज्ञ रहे हैं। वर्ष 1978 में डॉक्टर सीसी हाजरा श्री श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट एवं अस्पताल के अधीक्षक रहे। इसके बाद सीसी हाजरा ने अपने पिता आरसी हाजरा के नाम पर 1982 में सीसी मेमोरियल हॉस्पिटल बनवाया। वर्ष 2014 में सीसी हाजरा का निधन हो गया।
भाई डॉक्टर समीर के साथ नहीं था अच्छा संबंध
बताया जाता है कि डॉ विकास हाजरा और उनके भाई डॉक्टर समीर हाजरा के बीच संबंध बेहतर नहीं थे। इसको लेकर पारिवारिक विवाद भी रहा। इसके बावजूद सभी मिलकर हॉस्पिटल का संचालन कर रहे थे। दोनों के लिए अलग-अलग चेंबर और अलग-अलग पेसेंट के एडमिट होने की जगह है।टेलिफोन एक्सचेंज रोड स्थित अस्पताल में पहले एक बिल्डिंग हुआ करती थी, अब दो नये बिल्डिंग बनाये गये थे। एक बिल्डिंग में डॉक्टर समीर तो दूसरी बिल्डिंग में डॉक्टर विकास पेसेंट को देखते थे।
घटना से पूरा शहर सदमे में
धनबाद के सीसी हाजरा मेमोरियल अस्पताल शनिवार की देर रात आग लगने की घटना से पूरे शहर में सनसनी मच गई है। इसमें डॉक्टरा दंपत्ति डॉक्टर विकास हाजरा व डॉक्टर प्रेरणा हाजरा समेत पांच लोगों की मौत हो गई । फायर बिग्रेड ने काफी मशक्कत के बाद लगभग साात घंटे में आग पर काबू पाया।घटना की जानकारी मिलते ही धनबाद एमएलए राज सिन्हा, बीजेप लीडर रागिनी सिंह, बियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय झा आदि घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। सभी ने घटना को काफी दुखद बताया।
बचने से विकास ने लिया बाथरूम में टब का सहारा
फायर बिग्रेड की टीम घर के अंदर गये तो देखा कि आग व धुएं से बचने के लिए डा. विकास हाजरा बाथरूम में नहाने वाले पानी के टब में अपने आपको डुबाए हुए थे। लेकिन आग लगने से कमरे में इतनी अधिक गैस फैल गई थी कि उनका दम घुट गया था। किसी तरह उन्हें बाहर निकाला गया। फिर दूसरे कमरे में जाकर देखा, तो डा. प्रेमा हाजरा आग से बचाव के लिए कंबल में लिपटी हुई थीं।
रेसक्यू के दौरान फायर बिग्रेड का स्टाफ जख्मी
फायर बिग्रेड चार दमकल व 12 स्टाफ रेस्क्यू में डटकर लगे रहे। कमरे में घुसने के दौरान बचाने के क्रम में एक स्टाफ मनीष कुमार का चेहरा जल गया। की लपटें इतनी अधिक थीं कि काफी देर तक कुछ भी नहीं दिखाई नहीं दे रहा था। चेहरा जलने के बाद मनीष कुछ देर तक रुके रहे, लेकिन फिर से खुद को संभालने के बाद वह अपने काम में जुट गए।
हादसा या साजिश जांच में जुटी पुलिस
डॉक्टर के घर में आग लगने की वजह अभी स्पष्ट नहीं है। धनबाद पुलिस इसकी जांच में जुटी है। एसपी रिश्मा रमेशन बताया कि मामले की जांच के लिए फॉरेंसिक टीम की मदद ली जा रही है। बिजली विभाग के एसडीओ, जूनियर इंजीनियर और फायर सेफ्टी विभाग के अधिकारियों को भी जांच में शामिल किया गया है। इन सभी की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट रूप से पता तल सकेगा कि आग लगने का कारण क्या है।
नौकरानी की चीख-पुकार से हरकत में आये लोग
आरसी हाजरा मेमोरियल हॉस्पिटल बिजली मिस्त्री अनिल व गार्ड बंटी ने बताया कि उनकी नींद घर की नौकरानी तारा देवी की चीख-पुकार के बाद ही खुली थी। अन्य लोग आवाज भी नहीं लगा पाये थे। मगर वह बचाओ-बचाओ चिल्ला रही थी। इसी दौरान कई लोग जब बाहर आये तो उन लोगों ने भी देखा कि आग की लपटें निकल रही हैं। नौकतरानी थोड़ी देर चिल्लाने के बाद वह भी शांत हो गईं।
डायल 100 से नहीं मिला कोई रिस्पांस
टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित आरसी हाजरा मेमोरियल अस्पताल में अग्नीकांड की घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर बिग्रेड ने क्विक रिस्पांस किया। बिजली मिस्त्री अनिल ने बताया कि इस दौरान उन लोगों ने डायल 100 पर भी सूचना दी थी मगर उन लोगों ने कुछ रिस्पांस नहीं दिया। इसके बाद बैंक मोड़ पुलिस को इसकी सूचना दी।
नवजात समेत नौ महिला पेसेंट को हॉस्पिटल से सुरक्षित बाहर निकाला गया
सीसी हाजरा मेमोरियल हॉस्पिटल के स्टाफ दिलेरी के कारण हॉस्पिटल में एडमिट नवजात समेत नौ महिला पेसेंट की जान बच गई। आवासीय कैंपस में भीषण आग से निकलने वाला धुआं डॉक्टर विकास हाजरा की कमरे की तरफ बढ़ा, तो दूसरी ओर आग की लपटें हॉस्पिटल कैंपस की तरफ आगे बढ़ीं। हॉस्पिटल चारों ओर धुएं से भर गया। लेकिन हॉस्पिटल के स्टाफ ने दिलेरी से काम लिया।
प्रसूतियों को सुरक्षित बाहर निकाला
स्टाफ बंटी ने बताया कि रात 1.30 बजे आग की लपटें तेज होने लगीं। कुछ स्टाफ डॉ विकास के कमरे की ओर मदद करने चले गए, तो कुछ स्टाफ हॉस्पिटल के पेसेंट की और दौड़े। हॉस्पिटल में नवजात समेत नौ महिला पेसेंट थीं। इसमें सिजेरियन डिलीवरी के बाद की भी प्रसूता एडमिट थी। कुछ गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए आई थीं।
खाली कराया गया हॉस्पिटल कैंपस
स्टाफ ने महिला मरीज और उनके बच्चों को सभी ने उठाकर बाहर निकाला। उनके तीमारदारों को भी जल्दी-जल्दी बाहर निकालने का प्रयास किया गया। हॉस्पिटल में में लगभग 30 के आसपास मरीज और उनके तीमारदार थे। सभी को बाहर निकालकर एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। इसके बाद कुछ पेसेंट अपने घर चले गये। कुछ दूसरे हॉस्पिटल चले गये। पूरा हॉस्पिटल कैंपस खाली करा लिया गया।
डाक्टर दंपत्ति को एक बेटा व एक बेटी
डाक्टर विकास हाजरा व डाक्टर प्रेमा हाजरा की हुई मौत का एक बेटा व एक बेटी है। दोनों एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। पुत्र आयुष पांडिचेरी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। जबकि पुत्री प्रेरणा की पढ़ाई नेपाल में हो रही है।दोनों को घटना की सूचना दे दी गई। दोनों देर रात धनबाद पहुंच गये। परिजन ने बताया कि सरस्वती पूजा में दोनों को माता-पिता ने आने के लिए कहा था, लेकिन का प्रेशर अधिक होने के चलते दोनों नहीं आ पायेए। हर साल सरस्वती पूजा के मौके पर हाजरा का पूरा परिवार यहां जुटता है । शहर के कई गणमान्य लोगों को भी यह जुटान होता है।
मौत के दो घंटे पहले डॉ प्रेमा ने करायी थी एक डिलीवरी
मौत के दो घंटे पहले डॉ प्रेमा हाजरा ने नर्सिंग होम में भर्ती एक महिला का प्रसव कराया था। महिला गांधी रोड की रहने वाली है। उसे शुक्रवार की रात पुत्र हुआ है।डिलीवरी के दौरान ओटी में मौजूद नर्सों ने बताया कि डॉ प्रेरणा हाजरा ने सुबह मिठाई मंगवाकर मुंह मीठा कराने की बात प्रसूता से कहा था।
रात नौ बजे तक सरस्वती पूजा के हवन में शामिल हुए थे डाॅ विकास व डाॅ प्रेमा
सरस्वती पूजा के समापन के पश्चात डॉ विकास हाजरा के घर में शुक्रवार की शाम हवन पूर्णहूति का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। शुक्रवार शाम लगभग छह बजे हवन का कार्यक्रम शुरू हुआ। वही रात नौ बजे तक कार्यक्रम चला। सभी के बीच प्रसाद वितरण किया गया। इसके बाद डॉ विकास हाजरा, डॉ प्रेमा हाजरा अपने कमरे की ओर चले गये। रात 11.30 बजे के करीब डॉ प्रेमा हाजरा पेसेंट को देखने वापस नींचे उतरी थी। एक मरीज की डिलीवरी कराकर वो अपने कमरे में वापस लौट गई थी।
पोस्टमार्टम हाउस में भी जुटी भीड़, तरह-तरह की चर्चा
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एंबुलेंस से डॉ विकास हाजरा एवं अन्य लोगों का बॉडी पहुंचा। इसके बादउनके परिचित और शुभचिंतक का पोस्टमार्टम हाउस में जुटाने होने लगा। बीजेपी के धनबाद एमएलए राज सिन्हा, रागिनी सिंह जेएमएम लीडर देबू महतो एसएनएमएमसीएच पहुंचे। बड़ी संख्या में डाक्टर भी मौजूद थे।
राज सिन्हा की जांच कराने की मांग
एमएलए राज सिन्हा ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह धनबाद कोयलांचल के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर विकास हाजरा चिकित्सा के क्षेत्र के अलावा समाजसेवी के रूप में भी जाने जाते थे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस घटना की गहराई से जांच की जानी चाहिए।
रागिनी सिंह ने भी की जांच की मांग
बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रागिनी सिंह ने कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है। डॉक्टर विकास हाजरा और उनकी वाइफ बहुत ही सुलझे और सरल व्यक्ति थे। उनका इस तरह दुनिया से चले जाना अत्यंत दुखद है। मामला संदेहास्पद प्रतीत होता है। घटना की जांच होनी चाहिए।