धनबाद: जज उत्तम अनंद मौत मामला: सीबीआइ ने एसएनएमएमसीएच के डॉक्टरों से की पूछताछ
जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच कर दिल्ली सीबीआइ क्राइम ब्रांच की एक टीम फिर धनबाद पहुंची है। सीबीआइ टीम ने SNMMCH के दो डॉक्टरों से शुक्रवार को व तीन डॉक्टरों को नोटिस देकर सिंफर गेस्ट हाउस बुलाकार पूछताछ की।
- धनबाद स्टेशन रोड से एक दर्जन मोबाइल चोरी कर चुके हैं लखन व राहुल
धनबाद। जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच कर दिल्ली सीबीआइ क्राइम ब्रांच की एक टीम फिर धनबाद पहुंची है। सीबीआइ टीम ने SNMMCH के दो डॉक्टरों से शुक्रवार को व तीन डॉक्टरों को नोटिस देकर सिंफर गेस्ट हाउस बुलाकार पूछताछ की।
डॉक्टरों से शनिवार को लगभग आठ घंटे तक पूछताछ के दौरान सीबीआइ की टीम ने डॉक्टरों से मर्डर और एक्सीडेंट के अंतर को समझने का प्रयास किया। जज के पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी कई सवाल पूछताछ कर उनका बयान रिकॉर्ड किया गया। डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार ही सीबीआई टीम को जानकारी दी। पूछताछ में केस के आइओ एएसपी विजय शुक्ला उपस्थित थे।
लखन व राहुल की गांधीनगर में हुई ब्रेन मैपिंग
ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व राहुल वर्मा की ब्रेन मैपिंग शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद में हुई। इस दौरान सीबीआइ की टीम, फोरेंसिक टीम, मनोवैज्ञानिक और डॉक्टर मौजूद थे। सीबीआई की एक टीम जज को धक्का मारने वाले ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की ब्रेन मैपिंग व नार्को टेस्ट करा रही है। ब्रेन मेपिंग की प्रक्रिया शनिवार को भी चल रही थी। इसमें 10 दिन से भी अधिक का समय लगता है।
धनबाद सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने जांच के बाद तीन सितंबर तक दोनों को वापस धनबाद लाने का आदेश दिया है। दोनों का पॉलीग्राफ टेस्ट गुरुवार को करवाया गया था। ब्रेन मैपिंग में पूछताछ के दौरान दोनों की दिमागी हरकत को समझने की कोशिश की गयी।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अनुसंधान का निर्देश सीबीआई को दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जज के सिर में डेढ़ इंच के घाव का जिक्र है। इसी घाव का जिक्र करते हुए इस पर इन्विस्टीगेशन कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है।
धनबाद स्टेशन रोड से एक दर्जन मोबाइल चोरी कर चुके हैं लखन व राहुल
जिला एवं सत्र न्यायधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की मर्डर मामले में अरेस्ट ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके साथ राहुल पहले मोबाइल चोरी करता था। दोनों ने लगभग एक दर्जन मोबाइल फोन चोरी किया था। दोनों ऑटो चलाने से पूर्व लोगों के पाकेट से मोबाइल उड़ाते थे। इसमें से नौ मामले में तो एफआइआर भी दर्ज नहीं हुई थी। सीबीआइ ने जब धनबाद में दोनों से पूछताछ की, तब उन्होंने यह जानकारी दी है। जब दोनों की गिरफ्तारी हुई थी उस वक्त भी उनलोगों के पास से दो चोरी के मोबाइल फोन बरामद हुए थे। जज की मौत से पहले भी रात में दोनों ने शहर की हिल कालोनी स्थित आउट हाउस में रहनेवाले रेलवे कंट्रेक्टर के मुंशी पुर्णेदू विश्वकर्मा का तीन मोबाइल उड़ा लिया था। उसी मोबाइल से दोनों बातचीत भी कर रहे थे।
सीबीआइ को जब इस बात की जानकारी मिली तो छानबीन की गई। पता चला कि पुणेंदु विश्वकर्मा ने मोबाइल चोरी की कंपलेन धनबाद पुलिस स्टेशन में की थी, लेकिन उसके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुणेंदु विश्वकर्मा ने मोबाइल चोरी का आवेदन मुंशी विजय यादव को दिया था, उसने आवेदन अपने पास रखा लिया था। सीबीआइ की जांच में जब यह बात उजागर हुई तो एसएसपी ने मुंशी को सस्पेंड कर दिया। लखन वर्मा व राहुल पुराने दोस्त है। धनबाद स्टेशन रोड व आसपास वे मोबाइल चोरी करते थे।