धनबाद: CIMFR डायरेक्टर के रेस में आईआईटी-एनआईटी के कई लेक्चरर

सिंफर डायरेक्टर बनने के लिए सिंफर साइंटिस्ट्स के साथ-साथ देश के कई आईआईटी के कई लेक्चरर ने भी आवेदन किया है। आईआईटी के अलावा एनआईटी एवं बीएचयू जैसे बड़े यूनिवर्सिटी से भी कई आवेदन हैं। प्राप्त आवेदनों को शॉर्टलिस्ट किये जाने के बाद नये  डायरेक्टर के सलेक्शन के लिए इंटरव्यू आयोजित किया जायेगा। 

धनबाद: CIMFR डायरेक्टर के रेस में आईआईटी-एनआईटी के कई लेक्चरर

धनबाद। सिंफर डायरेक्टर बनने के लिए सिंफर साइंटिस्ट्स के साथ-साथ देश के कई आईआईटी के कई लेक्चरर ने भी आवेदन किया है। आईआईटी के अलावा एनआईटी एवं बीएचयू जैसे बड़े यूनिवर्सिटी से भी कई आवेदन हैं। प्राप्त आवेदनों को शॉर्टलिस्ट किये जाने के बाद नये  डायरेक्टर के सलेक्शन के लिए इंटरव्यू आयोजित किया जायेगा। 

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पूर्व में आईएसएम के टीचर डीडी मिश्रा डायरेक्टर बन चुके हैं। वहीं बीएचयू से प्रो. धर भी सिंफर डायरेक्टर बने हैं। पिछले दो-तीन टर्म से सिंफर के साइंटिस्ट ही डायरेक्टर बनते रहे हैं। जैसे टीएन सिंह, अमलेंदू सिन्हा, पीके सिंह आदि। सोर्सेज का कहना है कि ज्यादा आवेदन के कारण। इसके आधार पर आवेदनों को शॉर्टलिस्ट की जायेगी। चर्चा है कि अभी से डायरेक्टर पोस्ट के लिए कुछ दावेदार दिल्ली आना-जाना शुरू कर दिए हैं। सीएसआईआर हेडक्वार्टर से ही सलेक्शन की सारी प्रक्रिया पूरी होती है।

दिसंबर 2021 से एडीशनल चार्ज में डायरेक्टर का पोस्ट
आईएमएमटी भुवनेश्वर के डायरेक्चर प्रो. सुधासत्व बसु को सिंफर के फिलहाल प्रभारी निदेशक हैं। 15 दिसंबर 2021 को उन्होंने सिंफर निदेशक का प्रभार ग्रहण किया है। डॉ पीके सिंह का कार्यकाल पूरा होने के बाद बसु को प्रभार दिया गया है। डॉ. पीके सिंह को एक साल अवधि विस्तार की उम्मीद थी लेकिन ऐन मौके पर नहीं मिला। इस वजह से प्रभारी निदेशक की नियुक्ति करनी पड़ी। नये निदेशक के लिए जनवरी में वैकेंसी जारी की गई थी। 28 फरवरी तक आवेदन की तिथि थी। सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ पीके सिंह नौ दिसंबर 2015 को निदेशक बने थे। उनसे पहले राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला जमशेदपुर के निदेशक को सिंफर का प्रभारी निदेशक बनाया गया था।