धनबाद: विरोध पर रेलवे का यूटर्न, कहा- हनुमानजी को मंदिर हटाने की नोटिस का मकसद नहीं था भावनाएं आहत करना
रेलवे ने हनुमानजी को नोटिस भेजकर 10 दिनों के अंदर मंदिर हटाने का नोटिस जारी करने के फरमान पर यूटर्न ले लिया है। धनबाद के बेकारबांध रेलवे कालोनी से सटे खटिक मोहल्ला का है। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने मोहल्ले में 27 घरों को अवैध कब्जा बताते हुए उनकी दीवार पर नोटिस चिपकाया है। इस दौरान मोहल्ले के हनुमान मंदिर में भी नोटिस चिपका दिया गया है।
धनबाद। रेलवे ने हनुमानजी को नोटिस भेजकर 10 दिनों के अंदर मंदिर हटाने का नोटिस जारी करने के फरमान पर यूटर्न ले लिया है। धनबाद के बेकारबांध रेलवे कालोनी से सटे खटिक मोहल्ला का है। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने मोहल्ले में 27 घरों को अवैध कब्जा बताते हुए उनकी दीवार पर नोटिस चिपकाया है। इस दौरान मोहल्ले के हनुमान मंदिर में भी नोटिस चिपका दिया गया है।
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रेलवे ने अब हनुमान जी को नोटिस पर यू टर्न ले लिया है। मामले में रेलवे की ओर से कहा गया है कि यह बस एक मानवीय भूल है। नोटिस में गलती से हनुमान जी का नाम लिख दिया गया है। इसे सुधार किया जायेगा। आगे से ऐसी गलती ना हो, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। किसी की भावनाओं को आहत करना विभाग का मकसद नहीं था। रेलवे का उद्देश्य जमीन को अतिक्रमण मुक्त करना था।
रेलवे ने डीआरएम ऑफिस से सटे बेकारबांध रेल कालोनी के खटिक मुहल्ला के 27 घरों को अवैध कब्जा बताकर खाली करने का नोटिस चिपकाया है। वहां स्थित हनुमान मंदिर में भी नोटिस चिपका दिया। मंदिर कमेटी या किसी सदस्य के बदले सीधे हनुमान जी को मंदिर खाली करने का फरमान जारी किया।
10 दिन में हटा लें मंदिर, वरना कानूनी कार्रवाई करेंगे
नोटिस में लिखा है कि आपका मंदिर रेलवे की जमीन पर है। वहां अवैध कब्जा किया गया है। आपको निर्देश दिया जाता है कि पत्र प्राप्ति के 10 दिनों के अंदर उपरोक्त रेलवे जमीन को यथाशीघ्र खाली कर वरीय अनुभाग अभियंता-वन को सुपूर्द कर दें, अन्यथा आपके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी। इसे अतिआवश्यक समझें। नोटिस को लेकर हंगामा मच गया। अब रेलवे बैकफुट पर आ गई है। बेकारबांध खटिक मुहल्ला के लोग रेलवे के जमीन खाली करने के नोटिस से अब भी दहशत में हैं। उनका कहना है कि घरों में नोटिस चिपकाने के बाद से कोई नहीं आया।
मुहल्ले में रह रहे लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं मोहलत पूरी होने पर उन्हें सख्ती से हटाने की कोशिश न की जाए।खटिक मोहल्ले में वर्षों से लोग रह रहे हैं। वहां खटिक समुदाय के लोग मुख्यत: उत्तर प्रदेश से आए हैं। उनका दावा है कि करीब सौ वर्ष से झुग्गी-झोपड़ी डालकर वे रह रहे हैं। पानी फल, मछली, सब्जी समेत अन्य छोटे-छोटे कारोबार कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं। नोटिस को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि रेलवे की जमीन पर अन्य धार्मिक स्थल बने हैं, लेकिन रेलवे कभी कार्रवाई नहीं करती है। उन्हें परेशान किया जा रहा है।