Dhanbad: आठ साल छह माह बाद घर लौटे ‘झरिया के शेर’ संजीव सिंह, सिंह मैंशन में उमड़ा जनसैलाब

आठ साल छह माह बाद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की घर वापसी पर सिंह मैंशन में उमड़ा जनसैलाब। पत्नी रागिनी सिंह के स्वागत, समर्थकों के नारे और पारिवारिक एकजुटता ने कार्यक्रम को भावनात्मक बना दिया।

Dhanbad: आठ साल छह माह बाद घर लौटे ‘झरिया के शेर’ संजीव सिंह, सिंह मैंशन में उमड़ा जनसैलाब
घरती को प्रणाम कर सिंह मेंशन में किया इंट्री।
  •  झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की घर वापसी पर सिंह मैंशन में हुआ भावनात्मक स्वागत
  •  समर्थकों ने कहा— देखो देखो कौन आया, शेर आया...

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के झरिया की राजनीति के करिश्माई चेहरा कहे जाने वाले पूर्व विधायक संजीव सिंह रविवार को आठ साल छह माह बाद घर लौटे तो सिंह मैंशन में जश्न का माहौल बन गया। घर वापसी पर आयोजित भव्य स्वागत समारोह समर्थकों और परिजनों के लिए भावनात्मक पुनर्मिलन का प्रतीक बन गया।
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दुर्गापुर हवाई अड्डा से निकलने के बाद जब शाम करीब सात बजे संजीव सिंह का काफिला सिंह मैंशन पहुंचा, तो वहां पहले से मौजूद हजारों समर्थक ढोल-नगाड़ों, शंखध्वनि और आतिशबाजी के साथ झूम उठे। पूरे माहौल में “देखो देखो कौन आया... शेर आया...!” के नारे गूंजने लगे।
 परिवार के साथ भावनात्मक पल
मुख्य द्वार पर उनकी पत्नी व झरिया विधायक रागिनी सिंह ने गायत्री परिवार की महिलाओं के साथ पारंपरिक तरीके से तिलक, आरती और पुष्पवर्षा से स्वागत किया। मां कुंती सिंह, बड़े चाचा विक्रमा सिंह, भाई सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह, बहन किरण सिंह और अन्य परिजनों ने भी उनका अभिनंदन किया।
संजीव सिंह ने मंच से उतरकर एक-एक समर्थक से हाथ मिलाया और कई को गले लगाया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच बिहार के हाजीपुर से आए पुरोहितों ने उनका पूजन-सम्मान किया। छोटे भाई सिद्धार्थ गौतम ने चांदी का मुकुट पहनाकर स्वागत किया।
 “ओनली फैमिली, नो पॉलिटिक्स” का संदेश
सिंह मैंशन परिसर में बने मुख्य मंच को पूरी तरह पारिवारिक एकता का प्रतीक बनाकर सजाया गया था। मंच पर स्व. सूरजदेव सिंह, स्व. राजीव रंजन सिंह, रागिनी सिंह, सिद्धार्थ गौतम और संजीव सिंह के कटआउट लगाए गए। इससे यह स्पष्ट संदेश गया कि यह आयोजन राजनीति से परे पारिवारिक मिलन समारोह है।
 समर्थकों में जोश और भावनाएं
कार्यक्रम शुरू होने से पहले दोपहर चार बजे से ही समर्थक सिंह मैंशन के बाहर जमा होने लगे थे। शाम होते-होते हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। कई समर्थक हाथों में झंडे, पोस्टर और फूल-मालाएं लेकर स्वागत में खड़े थे। संजीव सिंह के आगमन पर फूलों की बारिश, आतिशबाजी और जयकारों से माहौल उत्सव में बदल गया। रात 10 बजे तक सिंह मैंशन में मिलने-जुलने का सिलसिला चलता रहा। कई समर्थकों ने मोबाइल कैमरों से इस ऐतिहासिक क्षण को रिकॉर्ड किया। मिठाइयों का वितरण हुआ और पूरा परिसर “संजीव सिंह जिंदाबाद” के नारों से गूंज उठा।
 भाजपा नेताओं की मौजूदगी
कार्यक्रम में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे, जिनमें संजय झा, मिल्टन पार्थसारथी, नितिन भट्ट, रमेश राही, रमा सिन्हा, अमलेश सिंह, जयंत चौधरी समेत अन्य स्थानीय पदाधिकारी शामिल थे। कई नेता दुर्गापुर एयरपोर्ट पर भी उनकी आगवानी के लिए पहुंचे थे।
झरिया की राजनीति में नई हलचल
26 अगस्त 2025 को नीरज सिंह हत्याकांड में साक्ष्य के अभाव में बरी होने के बाद संजीव सिंह इलाज के लिए दिल्ली गए थे। अब स्वस्थ होकर लौटे हैं। उनकी वापसी से झरिया की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। समर्थक इसे उनके सार्वजनिक जीवन में वापसी का संकेत मान रहे हैं, हालांकि संजीव सिंह ने स्वयं किसी राजनीतिक घोषणा से परहेज किया।