हरियाणा: रणजीत सिंह मर्डर केस में गुरमीत राम रहीम सहित पांच दोषियों को उम्रकैद, 31 लाख का जुर्माना भी लगा
पंचकूला सीबीआइ कोर्ट ने रंजीत सिंह मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उसे जुर्माने की 50 परसेंट राशि अभी अदा करनी होगी।
पंचकूला। पंचकूला सीबीआइ कोर्ट ने रंजीत सिंह मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उसे जुर्माने की 50 परसेंट राशि अभी अदा करनी होगी।
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बाकी दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। गुरमीत पर लगाये गये जुर्माने की आधी राशि पीड़ित परिवार को दी जायेगी। सीबीआइ कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह मर्डर के दोषी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के अलाला कृष्ण लाल, अवतार, जसबीर और सबदिल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई। एक आरोपित इंद्रसेन की ट्रायल के दौरान 8 अक्टूबर 2020 को मौत हो गई थी।
रंजीत सिंह के पुत्र जगसीर सिंह ने फैसले को पर संतोष जताया
रंजीत सिंह के पुत्र जगसीर सिंह ने फैसले को पर संतोष जताते हुए इसे सराहनीय बताया। सीबीआइ ने गुरमीत राम रहीम को फांसी की सजा देने के मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। बचाव पक्ष ने इसका विरोध किया और कहा कि यह रेयर आफ रेयरेस्ट मामला नहीं है। उल्लेखनीय है कि आठ अक्टूबर को जसबीर सिंह, सबदिल सिंह और कृष्ण लाल को धारा 302 के साथ 120-बी के तहत दोषी ठहराया गया था। गुरमीत राम रहीम सिंह, अवतार सिंह, जसबीर सिंह, सबदिल सिंह और कृष्ण लाल को धारा 120बी, 302 एवं 506 के साथ पठित धारा के तहत दोषी ठहराया गया था। सबदिल सिंह को आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 27 के तहत अपराध के तहत दोषी करार दिया गया था। जबकि आरोपित जसबीर सिंह पर आम्र्स एक्ट 1959 की धारा 25/27 को हटा दिया गया था।गुरमीत राम रहीम के वकील अजय वर्मन ने कहा कि वह इस फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।
क्या है मामला
डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 में गोली मारकर मर्डर कर दी गयी थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रंजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। रंजीत सिंह 10 जुलाई को अपने खानपुर कोलियां में अपने पिता को खेतों में चाय देकर लौट रहा था, तो बाइक सवार दो आरोपितों ने उसकी गोलियां मारकर मर्डर कर दी थी। इसके बाद आरोपित सबदिल और जसवीर की शिनाख्त हो गई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। मामले में तीन गवाह महत्वपूर्ण थे। इनमें दो चश्मदीद सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह हैं, जिन्होंने अभियुक्तों को रंजीत सिंह पर गोली चलाते हुए देखा था। तीसरा गवाह गुरमीत राम रहीम का ड्राइवर खट्टा सिंह था, जिसके सामने रंजीत को मारने के लिए कहा गया था। आरोप है कि रंजीत सिंह मर्डर में डेरा सच्चा सौदा के पांच सदस्य अवतार, इंदर सैनी, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के कहने पर रंजीत सिंह की मर्डर की साजिश रची थी।
जुलाई 2007 को साध्वी यौन शोषण, रंजीत सिंह मर्डर और रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में सीबीआइ कोर्ट में चालान पेश हो गये थे। अब राम रहीम साध्वी यौन शोषण मामले और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस केस में सुनारिया जेल में बंद है।