Jharkhand: अमन साहू को ढेर करने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह ने कई बार दिखाया है सिंघम अवतार

झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह (प्रमोद कुमार सिंह) की टीम के हाथों कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू मंगलवार (11 मार्च 2025) को मारा गया। पीके सिंह उर्फ प्रमोद कुमार सिंह झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाने जाते हैं। डीएसपी पीके सिंह वर्तमान में झारखंड एटीएस में पोस्टेड हैं।

Jharkhand: अमन साहू को ढेर करने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह ने कई बार दिखाया है सिंघम अवतार
एटीएस डीएसपी प्रमोद कुमार सिंह (फाइल फोटो)।
  • एटीएस की टीम को लीड कर रहे थे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह

रांची। झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह (प्रमोद कुमार सिंह) की टीम के हाथों कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू मंगलवार (11 मार्च 2025) को मारा गया। पीके सिंह उर्फ प्रमोद कुमार सिंह झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाने जाते हैं। डीएसपी पीके सिंह वर्तमान में झारखंड एटीएस में पोस्टेड हैं।

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डीएसपी पीके सिंह को गैंगस्टर अमन साहू को रायपुर जेल से रांची लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। डीएसपी पुलिस के तीन वाहनों के काफिला के साथ रायपुर जेल से अमन साहू को लेकर पलामू के लिए रवाना हुए। रायपुर से रांची आने के दौरान पलामू मेंअमन साव गैंग के सदस्यों ने एटीएस की टीम पर हमला कर अमन साव को छुड़ाने की कोशिश की।इस हमले में एटीएस की जवाबी कार्रवाई में अमन साहू मारा गया। जबकि एटीएस के एक हवलदार राकेश कुमार घायल हुए, जिसको एमएमसीएच में प्राथमिक उपचार कर छोड़ दिया गया।
पीके सिंह ने कई बार दिया है एनकाउंटर को अंजाम
1994 बैच के सब इंस्पेक्टर रहे पीके सिंह उर्फ प्रमोद कुमार सिंह प्रमोशन पाकर डीएसपी बने हैं। पलामू जिले के चैनपुर थाना में थाना प्रभारी के पद पर रहने के दौरान पीके सिंह ने साल 2004 में लूटपाट के लिए मशहूर मंगरदाहा घाटी में सड़क लुटेरों का एनकाउंटर किया था। वह सिविल ड्रेस में ट्रक के उपर बैठकर गये थे। जहां से उन्होंने सड़क लुटेरों को मार गिराया था। उसके बाद उनके रहने के दौरान मंगरदाहा घाटी में लूटपाट की घटना नहीं हुई।
लातेहार में भी एक नक्सली को एनकाउंटर में किया था ढे़र
उन्होंने लातेहार जिला अंतर्गत बरवाडीह के मंडल के इलाके में एक नक्सली को एनकाउंटर में मारा था। नक्सली का एनकाउंटर करने के बाद अपने बुलेट से ही शव को लेकर थाना पहुंचे थे। उनके कार्यकाल में चैनपुर पुलिस स्टेशन एरिया में क्रिमिनलों के साथ-साथ नक्सली घटनाएं थम सी गई थी।उनका तबादला होने के विरोध में चैनपुर थाना क्षेत्र के जनता ने कोयल नदी पुल को जाम करने के साथ-साथ एक दिन का बंद रखा था।
पीके सिंह धनबाद जिले के बैंक मोड़ थाना प्रभारी रहे हैं। वर्ष 2022 में बैंक मोड़ में मुथूट फाइनेंस में क्रिमिनलों ने डाका डालने की कोशिश की थी, तब पीके सिंह ने अकेले ही उन डकैतों को एनकाउंटर में मार गिराया था। इस घटना में सभी अपराधी मारे गये थे। यह एनकाउंटर काफी चर्चित हुई थी। पीके सिंह को उनकी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार के साथ-साथ मुख्यमंत्री पदक भी मिल चुका है।

वर्ष 2006 में नावाडीह में हुई थी पीके सिंह की पोस्टिंग
पीके सिंह की पहली पोस्टिंग वर्ष 2006 में नावाडीह थाने में हुई थी। पोस्टिंग के दौरान ही उन्होंने कहा था कि वह जहां रहेंगे, क्रिमिनल उनके नाम से थर-थर कांपेंगे। अपने कथन को उन्होंने सच साबित किया. कुछ ही दिनों में क्रिमिनलों के लिए वह खौफ का पर्याय बन गये। कई क्रिमिनलों का उन्होंने एनकाउंटर किया। इसके बाद उनको एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाने लगा।
क्रिमिनलोंके लिए काल हैं डीएसपी प्रमोद कुमार सिंह
क्रिमिनलों के लिए काल बन चुके प्रमोद कुमार सिंह उर्फ पीके सिंह का नाम विवादों से भी जुड़ा है। झरिया में आउटसोर्सिंग में हुई एक मजदूर की मर्डर के बाद पीड़ित लोग जब न्याय और मुआवजे की मांग पर प्रदर्शन कर रहे थे, तब पीके सिंह ने उन पर लाठी चार्ज कर दिया था। हालांकि, प्रदर्शन बिल्कुल शांतिपूर्ण था। इसकी कंपलेन हेमंत सोरेन तक से की गयी थी। इस मामले में झरिया थानेदार रहे प्रमोद सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था।