हजारीबाग: एक लाख के इनामी महिला नक्सली उषा किस्कू सहित तीन माओवादियों ने किया सरेंडर
प्रतिबंधित भाकपा माओवादी उग्रवादी संगठन के दो महिला समेत तीन एक्टिव एक लाख इनामी नक्सली ऊषा किस्कू उर्फ ऊषा संताली उर्फ फूलमनी, सरिता सोरेन उर्फ ममता संताली और नागेश्वर गंझू ने गुरुवार को हजारीबाग पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया।
- प्रतिबंधित भाकपा माओवादी उग्रवादी संगठन में बाल कैडर के रूप में हुए थे भर्ती
- झारखंड पुलिस की 'नई दिशा एक पहल' का दिखा असर
हजारीबाग। प्रतिबंधित भाकपा माओवादी उग्रवादी संगठन के दो महिला समेत तीन एक्टिव एक लाख इनामी नक्सली ऊषा किस्कू उर्फ ऊषा संताली उर्फ फूलमनी, सरिता सोरेन उर्फ ममता संताली और नागेश्वर गंझू ने गुरुवार को हजारीबाग पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया।
झारखंड गवर्नमेंट की सरेंडर एवं पुनर्वास नीति के तहत हजारीबाग डीसी आदित्य कुमार आनंद, एसपी कार्तिक एस, सदर एसडीओ विद्याभूषण प्रसाद व अन्य अफसरों ने सरेंडर करने वाले तीनों नक्सलियों को बुके व शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया। सरेंडर पॉलिसी के तहत इनामी नक्सली ऊषा किस्कू को एक लाख का चेक भी दिया गया। वहीं पुनर्वास नीति के तहत अन्य सभी सुविधाएं इन तीनों माओवादियों को दी जायेगी। हजारीबाग में उग्रवादियों के सरेंडर का यह पहला मौका है। एसपी कार्तिक ने 22 माओवादी को प्रेरित कर सरेंडर के लिए तैयार कराया है।
सार्थक पहल का परिणाम
मौके पर डीसी आदित्य कुमार आनंद ने कहा कि एसपी कार्तिक एस के सार्थक पहल का परिणाम है कि आज हजारीबाग, चतरा और बोकारो जिलों में सक्रिय रहे तीन नक्सली मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सरेंडर किये हैं। ये तीनों युवा हैं जो मुख्यधारा से भटक गये थे. ऊषा और सरिता पढ़ने-लिखने के समय नक्सलियों के बहकावे में आकर संगठन में गयी थी। जब इन्हें एहसास हुआ कि यह गलत रास्ता है, तो सरकार की सरेंडर पालिसी के तहत सरेंडर किया।उन्होंने अन्य बच्चे व युवा वर्ग से ऐसे रास्ते में नहीं जाने की अपील की है।
नक्सल मुक्त सोसाइटी का निर्माण होगा
एसपी कार्तिक एस ने कहा कि वापस आओ लाइफ बनाओ नीति के तहत झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र को नक्सल मुक्त सोसाइटी का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के सरेंडर नीति के तहत घोषित सुविधाएं सरेंडर किये तीनों नक्सलियों को दिया जायेगा. तीनों को व्यवसायिक प्रशिक्षण, छह हजार रुपये, आवास निर्माण के लिए जमीन समेत अन्य कई सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी।
सरेंडर नीति से प्रभावित होकर किया सरेंडर
सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के कमांडेंट राजीव कुमार ने कहा कि सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर तीनों नक्सलियों ने सरेंडर किया है। तीनों नक्सलियों ने सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़े हैं।हजारीबाग पुलिस, CRPF व कोबरा बटालियन के सार्थक पहल का यह परिणाम है। उन्होंने कहा कि एसपी ने वीडियो जारी किया है। इस वीडियो के माध्यम से वापस आओ लाइफ बनाओ का स्लोगन देकर मुख्यधारा से भटके युवक- युवतियों को प्रेरित किया जा रहा है।
ऊषा किस्कू उर्फ ऊषा संताली पिता चेतो मांझी, सरिता सोरेन उर्फ ममता पिता अर्जुन सोरेन आंगो पुलिस स्टेशन एरिया के हरली धुकरु गांव की रहनेवाली है।जबकि नक्सली नागेश्वर गंझू पिता बनोदि गंझू चतरा सिमरिया पुलिस स्टेशन एरिया के दुधमतिया गांव के रहने वाला है। तीनों नक्सलियों पर हजारीबाग, चतरा और बोकारो जिलों के कई पुलिस स्टेशन में नक्सली मामले दर्ज हैं। 2018 में नागेश्वर ने माओवादी ज्वाइन किया था।ममता संथाली 2015 से एक्टिव थी। उषा किस्को उर्फ उषा संथाली 2009 में बाल कैडर के रूप में माओवादी में शामिल हुई थी।उनके माता नहीं थी और पिता शराबी थे। इस कारण गांव के कुछ लोग उन्हें अच्छी जिंदगी जीने का बात कह माओवादी में ले गये थे। उषा किस्कू पर राज्य सरकार ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उषा ने एक दर्जन से अधिक बड़े कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
नागेश्वर गंजू ने 2018 में कटकमदाग पुलिस स्टेशन एरिया के कुसुंबा में आधा दर्जन कोयला लदे ट्रकों को आग के हवाले कर दिया था। केरेडारी के घाघरा डैम में भी निर्माण कार्य में लगी मशीनों में आग लगा दी थी।