इंडियन नेवी ने किया ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण
इंडियन नेवी ने मंगलवार को सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। पश्चिम तट पर तैनात नेवी के लड़ाकू युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है।
नई दिल्ली। इंडियन नेवी ने मंगलवार को सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। पश्चिम तट पर तैनात नेवी के लड़ाकू युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है।
धनबाद: डॉ मासूम आलम बनाये गये SNMMCH पीजी ब्लॉक डेडीकेटेड कोविड सेंटर इंचार्ज
Advanced sea to sea variant of BrahMos Supersonic Cruise missile was tested from INS Visakhapatnam today. Missile hit the designated target ship precisely. @indiannavy @BrahMosMissile#SashaktBharat#AtmaNirbharBharat pic.twitter.com/BbnazlRoM4
— DRDO (@DRDO_India) January 11, 2022
डीआरडीओ ने बनाई है मिसाइल
इंडियन नेवी सोर्सेज ने बताया कि ये मिसाइल का समुद्र से समुद्र में मार करने वाला वैरिएंट था। इसने अधिकतम रेंज और सटीकता के साथ लक्ष्य वाले जहाज पर हमला किया। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है। इस मिसाइल की रेंज हाल ही में 298 किमी से बढ़ाकर 450 किमी की गई थी। कम दूरी की ये रैमजेट, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल विश्व में अपनी श्रेणी में सबसे तेज गति वाली है। इसे पनडुब्बी, पानी के जहाज, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। इस मिसाइल को इंडियन आर्मी, एयरफोर्स और नेवी को सौंपा जा चुका है।
यह है विशेषता
ब्रह्मोस मिसाइल को देश में ही विकसित किया गया है।
ब्रह्मोस मिसाइल रूस और भारत का संयुक्त प्रोजेक्ट है।
इसमें Brah का मतलब है 'ब्रह्मपुत्र' और Mos का मतलब 'मोस्कवा'।
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में की जाती है।
ब्रह्मोस में रैमजेट इंजन लगा है, जो इसकी गति को बढ़ाती है और सटीकता और ज्यादा घातक बनाती है।
ब्रह्मोस मिसाइल मैक 3.5 यानी 4,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकती है।
इसको दुश्मन के राडार पकड़ नहीं सकते हैं।
इस मिसाइल को भविष्य में मिग-29, तेजस और राफेल में भी तैनात करने की है।