Jharkahand: ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के संपर्क में थे एक दर्जन से अधिक MLA व लीडर
सवा सौ करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अरेस्ट झारखंड के ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम का ब्यूरोक्रैट्स और राजनेताओं के बेहतर संबंध रहे हैं। झारखंड के एक दर्जन से अधिक एमएलए और पॉलिटिकल लीडर भ्रष्टाचार के केस में फंसे ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के संपर्क में थे। ये सभी अपनी पसंद के ठेकेदारों को ग्रामीण विकास विभाग का टेंडर दिलाना चाहते थे।
- मोबाइल कॉल रिकॉर्ड से हुआ खुलासा
- जो पांच परसेंट कमीशन नहीं देगा, उसे नहीं मिलेगा टेंडर'
- वीरेंद्र राम और अफसर की बातचीत का ऑडियो लगा ईडी के हाथ
रांची। सवा सौ करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अरेस्ट झारखंड के ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम का ब्यूरोक्रैट्स और राजनेताओं के बेहतर संबंध रहे हैं। झारखंड के एक दर्जन से अधिक एमएलए और पॉलिटिकल लीडर भ्रष्टाचार के केस में फंसे ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के संपर्क में थे। ये सभी अपनी पसंद के ठेकेदारों को ग्रामीण विकास विभाग का टेंडर दिलाना चाहते थे।
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जानकार सोर्सेज के अनुसार लगभग 17 ऐसे एमएलए और राजनेताओं ने बीरेंद्र राम के साथ लगातार और लंबी बातचीत की थी। इनमें दो महिला एमएलए भी शामिल हैं।झारखंड के कई सीनीयर ब्यूरोक्रैट्स भी नियमित रूप से टेंडरों के प्रबंधन के लिए बीरेंद्र राम से बात किया करते थे। एक ब्यूक्रैट्स को बीरेंद्र राम द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के एक टेंडर के बारे में निर्देश देते हुए सुना गया कि जो पांच प्रतिशत कमीशन नहीं देगा, उसे काम नहीं मिलेगा। ये सारी जानकारी कई लोगों के साथ आरोपी इंजीनियर की टेलीफोन पर हुई बातचीत की छानबीन से सामने आई है।
ईडी ने ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के मोबाइल का डेटा ईडी ने सुरक्षित कर लिया है। प्राप्त डेटा में एक बातचीत का अंश सामने आया है, जिसमें वीरेंद्र राम को उनका एक सीनीयर अफसर उन्हें निर्देश दे रहा है कि जो पांच परसेंट कमीशन नहीं देगा, उसे टेंडर नहीं मिलेगा। ईडी ने वीरेंद्र राम से उक्त अफसर के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। बताया जा रहा है कि जल्द ही ईडी उन्हें समन कर पूछताछ के लिए बुलायेगी।
ईडी की जांच में यह बात भी सामने आई है कि वीरेंद्र राम अपने पसंद के ठेकेदारों के पक्ष में टेंडर पास करने व अन्य टेंडर भरने वालों को प्रक्रिया से बाहर व अयोग्य करने की बात फोन पर कर रहे हैं।मोबाइल पर जो भी काल डिटेल्स ईडी को मिल रहे हैं, उसका सत्यापन वीरेंद्र राम से रिमांड के दौरान कराया जा रहा है।
पसंद के ठेकेदारों का पक्ष लेने को कहते थे लीडर
बीरेंद्र राम को ईडी ने पिछले सप्ताह2019 के भ्रष्टाचार मामले में अरेस्ट किया था। इससे पहले झारखंड एसीबी द्वारा एक जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान ईडी ने बीरेंद्र राम और कई अन्य लोगों को निगरानी में रखा था। एमएलए और पॉलिटिकल लीडर नियमित रूप से बीरेंद्र राम से फोन पर बात करते थे। ये नेता अपनी पसंद के ठेकेदारों का पक्ष लेने, अन्य प्रतिभागियों को निविदा प्रक्रिया से बाहर करने और अयोग्य घोषित करने के लिए बीरेंद्र राम से लंबी बातचीत करते थे। बीरेंद्र राम के कॉल रिकॉर्ड से इसका खुलासा हुआ है।
कई लोगों को समन करेगी ईडी
ईडी को वीरेंद्र राम के मोबाइल के विश्लेषण में 17 से अधिक एमएलए, पॉलिटिकल लीडर व दो महिला लीडर से बातचीत सामने आई है। सभी टेंडर को लेकर उनसे बातचीत करते रहते थे। ऐसे लोगों को भी ईडी समन कर पूछताछ के लिए बुलायेगी।