झारखंडः प्राइवेट कंपनियों में 40 हजार रुपये वेतन वाले 75 परसेंट पोस्ट लोकल युवाओं के लिए होंगे रिजर्व
झारखंड में प्राइवेट कंपनियों में 40 हजार रुपये तक वेतन वाले 75 परसेंट पोस्ट लोकल युवक-युवतियों के लिए आरक्षित होंगे। श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष के हंगामे के बीच झारखंड राज्य के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 पर गठित प्रवर समिति की रिपोर्ट पेश कर दी है। यह विधेयक पिछले बजट सत्र के दौरान पास नहीं हो पाया था। विधानसभा से अब गुरुवार को पास होने पर यह विधेयक कानून बनेगा।
- विधानसभा में विधेयक पेश
रांची। झारखंड में प्राइवेट कंपनियों में 40 हजार रुपये तक वेतन वाले 75 परसेंट पोस्ट लोकल युवक-युवतियों के लिए आरक्षित होंगे। श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष के हंगामे के बीच झारखंड राज्य के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 पर गठित प्रवर समिति की रिपोर्ट पेश कर दी है। यह विधेयक पिछले बजट सत्र के दौरान पास नहीं हो पाया था। विधानसभा से अब गुरुवार को पास होने पर यह विधेयक कानून बनेगा।
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कानून के दायरे में सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट के उपक्रम इसमें शामिल नहीं होंगे, लेकिन इन उपक्रमों से जुड़ी आउटसोर्स कंपनियां कानून के दायरे में होंगी। यह 10 या 10 से अधिक व्यक्तियों का नियोजन करने वाली वैसी संस्थाओं पर भी लागू होगा, जिसे सरकार की ओर से अधिसूचित किया जाता है। प्रवर समिति की रिपोर्ट में यह प्रविधान भी किया गया है कि जिन कंपनियों की स्थापना से प्रभाव पड़ा है, उन्हें विस्थापित होने वाले लोगों, संबंधित जिले के स्थानीय अभ्यर्थियों और समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व को भी ध्यान में रखना होगा।इसका लाभ तभी मिलेगा, जब उम्मीदवार श्रम विभाग के पोर्टल पर रजिस्टर्ड होगा। कानून का अनुपालन करने के लिए सक्षम प्राधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तर पर एक जांच समिति गठित की जायेगी। इसमें बतौर सदस्य संबंधित संस्था, उस स्थान के स्थानीय निकाय या नामित प्रतिनिधि, डीडीसी, संबंधित मंडल के अंचलाधिकारी, श्रम अधीक्षक और जिला नियोजन पदाधिकारी शामिल होंगे।
समिति की रिपोर्ट के आधार पर सक्षम प्राधिकार कंपनी के दावे को मंजूर अथवा खारिज कर सकेंगे। इससे संबंधित आदेश को कंपनियां 60 दिनों के अंदर अपीलीय प्राधिकार में अपील कर सकेगी। उल्लंघन करने पर कम से कम 10 हजार से पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकेगा। दोष साबित होने पर प्रतिदिन एक हजार से पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगेगा।प्रवर समिति ने यह प्रावधान भी किया है कि जिन कंपनियों को स्थापित करने के कारण विस्थापित हुए और संबंधित जिले के स्थानीय उम्मीदवार व समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखना होगा। लेकिन, इसका लाभ तभी मिलेगा जब उम्मीदवार पोर्टल पर खुद को रजिस्टर्ड कर लेगा।
प्रवर समिति में सभापति श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता रहे। जबकि सदस्यों में विधायक रामदास सोरेन, मथुरा प्रसाद महतो, रामचंद्र चंद्रवंशी शामिल रहे। मनोनीत सदस्यों के रूप में एमएलए विनोद कुमार सिंह और प्रदीप यादव को रखा गया।