बिहार: स्कूलों में 45852 प्रधानाध्यापकों की होगी नियुक्ति, नीतीश कैबिनेट का फैसला

बिहार में शिक्षा विभाग की ओर से 45 हजार शिक्षक और हेडमास्टर की बहाली की जायेगी। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति दी गई। अब बिहार के राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल 45852 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।

बिहार: स्कूलों में 45852 प्रधानाध्यापकों की होगी नियुक्ति, नीतीश कैबिनेट का फैसला

पटना। बिहार में शिक्षा विभाग की ओर से 45 हजार शिक्षक और हेडमास्टर की बहाली की जायेगी। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति दी गई।अब बिहार के राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल 45852 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।

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कैबिनेट द्वारा राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकाय संस्था के अधीन पंचायत प्रारंभिक शिक्षक व नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के स्वीकृत 40518 पदों को समाप्त कर दिया है। कैबिनेट ने राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में मूल कोटि के पदों की जगह पर 40518 प्रधान शिक्षकों के पदों के सृजन की स्वीकृति दी है।प्रधान शिक्षकों की सीधी नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जायेगी।
कैबिनेट बैठक में पटना और हाजीपुर जेल में 19 करोड़ की लागत से जैमर लगाने व आर्यभट विश्वविद्यालय में सात नये कोर्स को मंजूरी दे दी गई है। शहरों की तरह अब गांव की गलियां और चौराहे एलईडी बल्ब से रौशन होंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाईट योजना की स्वीकृति कैबिनेट ने दे दी है। ग्रामीण क्षेत्रों के हर वार्ड में औसतन दस बल्ब लगेंगे। हर बल्ब 12 से 20 वाट के होंगे। राज्य के लगभग एक लाख 13 हजार वार्डों में ये बल्ब लगेंगे। इस प्रकार 11 लाख से अधिक बल्ब लगेंगे। पंचायती राज विभाग को इस योजना में बिहार रिन्यूअबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) इस कार्य में तकनीकी सहयोग देगा। जिस एजेंसी के माध्यम से ये बल्ब लगेंगे, वहीं इसका पांच सालों तक रख-रखाव भी करेगी। बिजली के पोलों में ये सारे बल्ब लगाए जाएंगे। पोलों को लेकर सर्वे पहले ही कर लिया गया है। इस योजना में जीपीएस के माध्यम से यह भी जानकारी मिलेगी कि कहां-कहां बल्ब लगाए गए हैं। इस योजना में 15 प्रतिशत खर्च 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत मिली राशि से तथा शेष 25 प्रतिशत खर्च छठे राज्य वित्त आयोग और राज्य योजना मद से की जायेगी।

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ईटीएस मशीन से होगी जमीन की मापी 
मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर सचिव संजय कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि राजस्व विभाग ई मापी कार्यों के मशीनरी खरीदने के लिए 42 करोड़ 66 लाख राशि स्वीकृत की गई है।हीं शेखपुरा के चिकित्सा पदाधिकारी अंजनी कुमार को सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया गया है। राज्य में जमीन मापी में अब ईटीएस (इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन) मशीन का सहोयग लिया जायेगा। ताकि मापी का कार्य और अधिक तेजी से तथा बिल्कुल सटीक हो। इसके लिए राज्य के सभी 534 प्रखंडों के लिए एक-एक, सभी 101 अनुमंडलों के लिए एक-एक तथा सभी जिलों के दो-दो इटीएस मशीन उपलब्ध कराई जायेगी। हर मशीन की कीमत छह लाख है। कुल 42 करोड़ 66 लाख की भी  स्वीकृति इसके लिए दी गई है।  
छोआ की ग्रेड वार नई दर तय हुई
बिहार छोआ (नियंत्रण) अधिनियम, 1947 की धारा-8 के अधीन राज्य में उत्पादित छोआ की ग्रेड वार नई दर तय कर दी गई है। 37 से 41 प्रतिशत सुगर कंटेट वाले छोआ 336 रुपये प्रति क्विंटल, 41 से 45.99 प्रतिशत वाले का 385 रुपये, 46 से 50 प्रतिशत वाले का 439 रुपये, 51 से 55 प्रतिशत वाले का 494 रुपये और 56 प्रतिशत से अधिक सुगर कंटेट वाले छोआ की कीमत प्रति क्विंटल 550 रुपये तय की गई है। चीनी मिलों द्वारा गन्न एवं इथनॉल के वृद्धि के आधार पर छोआ की कीमत का पुनर्निधारण की मांग की जा रही थी। वर्ष 2014 के बाद छोआ की कीमत नहीं बढ़ाई गई थी। तब 287 रुपये प्रति क्विंटल छोओ की कीमत तय गई थी। 
औद्योगिक विकास निगम को 20 करोड़
झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में वर्ष 2021-22 में बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम को बिहार आकस्मिकता निधि से 20 करोड़ अग्रिम और समतुल्य राशि सशर्त अल्पकालीन ऋण के रूप में भुगतान की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। इससे निगम के कर्मियों के वेतन आदि का भुगतान हो सकेगा। झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम कर्मचारी महासंघ बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य के वाद के आलोग में यह निर्देश दिया गया था। 

बिजली कंपनियों को 850 करोड़ ऋण की स्वीकृति
ने राज्य के दोनों बिजली वितरण कंपनियों को बैंकों से 850 करोड़ रुपये कार्यशील पूंजी ऋण लेने की स्वीकृति दी गई है। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी। नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को 400 करोड़ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को 450 करोड़ ऋण की स्वीकृति दी गई है। ऋण और इस पर ब्याज का भुगतान दोनों कंपनियां अपने आंतरिक संसाधनों से करेंगी। बिहार राज्य औद्योगिक सुरक्षा बटालियन में सृजित पदों का नये सिरे से नामकरण कियागया है। मिट्टी व जल संरक्षण कार्यक्रमों के बेहतर संचालन के लिए कृषि अभियंत्रण कोटे के सभी पदाधिकारियों द्वारा तकनीकी स्वीकृति दिये जाने की राशि में बढ़ोतरी  की गयी है।