Jharkhand: सात घंटे ऑपरेशन के बाद रिम्स के डॉक्टर्स ने बचायी युवक की जान, पुलिसकर्मी के बेटे के सिर में लगी थी गोली
झारखंड के सबसे बड़े गवर्नमेंट हॉस्पिटल रिम्स के डॉक्टर्स ने सिर में गोली लगे युवक मनीष कुमार(23) की जान बचायी है। सात घंटे के लंबे ऑपरेशन के बाद युवक फिलहाल वेंटिलेटर पर है।डॉक्टर्स ने ऐसा कर रिम्स के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ाया है।
रांची। झारखंड के सबसे बड़े गवर्नमेंट हॉस्पिटल रिम्स के डॉक्टर्स ने सिर में गोली लगे युवक मनीष कुमार(23) की जान बचायी है। सात घंटे के लंबे ऑपरेशन के बाद युवक फिलहाल वेंटिलेटर पर है।डॉक्टर्स ने ऐसा कर रिम्स के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ाया है।
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बताया जा रहा है कि उक्त युवक पुलिसकर्मी का बेटा है। वह पंडरा का रहनेवाला है। युवक के सिर में गोली लगी थी। रातभर वह रांची के कटहल मोड़ के पास पड़ा रहा था। सुबह उसे रिम्स लाया गया था। इसके बाद उसके परिजन प्राइवेट हॉस्पिटल ले गये थे, लेकिन इलाज से इनकार करने के बाद वे फिर रिम्स पहुंचे और एडमिट कराया। रिम्स के डॉक्टर्स ने लंबे ऑपरेशन के बाद युवक की जान बचा ली है। फिलहाल वहह वेंटिलेटर पर है। रिम्स के डॉ सीबी सहाय के लीडरशीप में न्यूरो सर्जरी के डॉक्टर्स की टीम ने सात घंटे ऑपरेशन के बाद इस युवक को नई जिंदगी दी है।
मनीष के सिर में लगी थी गोली
पुलिसकर्मी के पुत्र व पंडरा निवासी युवक मनीष कुमार (23) के सिर में दो गोली मारी गयी थी। इससे वह रातभर घटनास्थल (कटहल मोड़, रांची) पड़ा रहा था। सुबह उसे रिम्स में एडमिट कराया गया था। उसके परिजन/दोस्त उसे प्राइवेट हॉस्पिटल ले गये थे, वहां डॉक्टर्स ने मनीष का ऑपरेशन से इनकार कर दिया। इसके बाद जख्मी मनीष को फिर से रिम्स लाया गया। रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में डॉ प्रोफेसर सीबी सहाय की यूनिट में एडमिट कर तत्काल इलाज शुरू कर सर्जरी की व्यवस्था की गयी।
सिर में गोली लगने से आंख डैमेज
रिम्स के डॉक्टर का कहना है कि पहली गोली मनीष के सिर के पिछले हिस्से से घुसी थी। गोली ब्रेन को डैमेज करते हुए सिर के सामने की हड्डी में जाकर टकरा गई थी। वहीं दूसरी गोली सिर के पीछे से बायें कान और ब्रेन को डैमेज करते हुए उसकी बायीं आंख में जाकर फंस गई थी। इस हादसे में मनीष की आंख पूरी तरह डैमेज हो गयी है।
ऑपरेशन के बाद वेंटिलेटर पर है मनीष
रिम्स के डॉ सीबी सहाय के लीडरशीप में न्यूरो सर्जरी के डॉ सौरभ बेसरा, डॉ दीपक, डॉ विकास, डॉ रवि, डॉ मयंक और ईएनटी के डॉ दीपक लकड़ा, डॉ शहनाज, डॉ कुलदीप, डॉ धीरज, एनेस्थेसिया टीम की डॉ अर्चना, डॉ कार्तिक, डॉ प्रियदर्शनी, ओटी टेक्नीशियन और स्टाफ नर्स सुनील आनंद, प्रभात, मंटू, सरोज, मधु, दीपा, विनीता के सहयोग इस युवक का सफल ऑपरेशन किया गया। दोनों गोलियां निकली गयीं। युवक के ब्रेन के सूजन को कम करने के लिए अभी उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।