Jharkhand: स्थानीय नीति पर CM हेमंत सोरेन की मंशा साफ नहीं, DGP के लिए हो रही सौदेबाजी: बाबूलाल मरांडी
झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने खतियान आधारित स्थानीय नीति को लागू नहीं करना चाहते हैं। वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। दूसरे के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। अगर सही मायने में ईमानदार हैं तो जल्द से जल्द नीति को लागू करना चाहिए।
पलामू। झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने खतियान आधारित स्थानीय नीति को लागू नहीं करना चाहते हैं। वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। दूसरे के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। अगर सही मायने में ईमानदार हैं तो जल्द से जल्द नीति को लागू करना चाहिए।
आज मेदिनीनगर में आयोजित @bjpscmorchajh के प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में प्रदेश भर से आए मोर्चा के सदस्यों के साथ संवाद किया।@BJP4Jharkhand के इस प्रमुख स्तंभ के ऊर्जावान कार्यकर्ता पार्टी की मजबूत आधारशिला है।@BJPSCMorcha@amarbauri pic.twitter.com/USaNjeyCHn
— Babulal Marandi (@yourBabulal) February 12, 2023
बीजेपी खतियान नीति विरोधी नहीं
बाबूलाल मरांडी ने रविवार को पलामू बीजेपी ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजेपी खतियान आधारित नीति की विरोधी नहीं है। इस मुद्दे पर बीजेपी का स्टैंड साफ है। जेएमएम व सीएम हेमंत सोरेन का स्टैंड समय-समय पर बदलते रहा है।
विरोधाभासी है विधेयक
उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहती है कि स्थानीय नीति विधि सम्मत हो ताकि कोर्ट से खारिज न हो। हेमंत सरकार के विधि विभाग ने ही जिस विधेयक पर आपत्ति जताई थी, उसी को गवर्नर के पास भेजा गया। यह अपने आप में विरोधाभास है। यह सब राज्य की जनता को समझ में आने लगी है।उन्होंने कहा कि 1932 के खतियान को लागू करने में जो कानूनी दिक्कतें हैं, उसे दूर करने के लिए देश के बड़े और मंहगे वकीलों से राज्य सरकार को सलाह लेना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। दूसरी तरफ खुद को खनन घोटाले से बचाने के लिए महंगे वकीलों की सेवा ले रहे हैं। इससे साफ है कि स्थानीय नीति पर सीएम की मंशा साफ नहीं है।
DGP के लिए हो रही सौदेबाजी
मरांडी ने डीजीपी की रिटायरमेंट के बाद भी नये डीजीपी की नियुक्ति नहीं होने को लेकर हेमंत सरकार पर सौदेबाजी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तो एक साल तक डीजीपी जैसा महत्वपूर्ण पद एक्टेंशन पर चला। इससे स्टेट की लॉ एंड ऑर्डर खराब है। डीजीपी के लिए पैनल में तीन नाम हैं। इनमें से किसी के एक के नाम की घोषणा कर देनी चाहिए। ऐसा नहीं होने से साफ है कि सरकार सौदेबाजी कर रही है।
विधानसभा अध्यक्ष की कार्यवाही गैर संवैधानिक
झारखंड बीजेपी प्रसिडेंट बनने और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर फिर से राजधनवार से चुनाव लड़ने के सवाल पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कि कुछ बातें मीडिया में चलती रहती हैं। वैसे नेतृत्व का जो आदेश होगा मानेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उन्हें विधायक दल का नेता चुन रखा है। चुनाव आयोग ने बीजेपी के जेवीएम में विलय को मान्यता दी है। बीजेपी सदस्य के रूप में राज्यसभा चुनाव में मतदान भी करता हूं। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने जेवीएम को जिंदा रखा है। यह गैर संवैधानिक और मनमानी कार्यवाही है।