झारखंड: एक ही जिले में 10 वर्षों से जमे कांस्टेबल का होगा ट्रांसफर
झारखंड के विभिन्न जिलों में व ब्रांच में लगतार दस साल से जमे पुलिस कांस्टेबलों का ट्रांसफर किया जायेगा। इनमें जिला रेल, सीआइडी, एसीबी, स्पेशल ब्रांच भी शामिल हैं। पुलिस हेडक्वार्टर ने सभी जिलों में 15 अक्तूबर 2020 को दस साल या उससे अधिक समय पूरा करने वाले पुलिसकर्मियों की लिस्ट मांगी है।
रांची।झारखंड के विभिन्न जिलों में व ब्रांच में लगतार दस साल से जमे पुलिस कांस्टेबलों का ट्रांसफर किया जायेगा। इनमें जिला रेल, सीआइडी, एसीबी, स्पेशल ब्रांच भी शामिल हैं। पुलिस हेडक्वार्टर ने सभी जिलों में 15 अक्तूबर 2020 को दस साल या उससे अधिक समय पूरा करने वाले पुलिसकर्मियों की लिस्ट मांगी है।
डीआईजी कार्मिक ए विजयालक्ष्मी ने सभी एसएसपी व एसपी को 10 साल व उससे अधिक से जिले में जमे सभी पुलिसकर्मियों की लिस्ट 25 अक्तूबर तक भेजने को कहा है। जिलों के एसपी से दस साल का टर्म पूरा कर चुके पुलिसकर्मियों का नाम, रिजर्वेशन कटेगरी, परजंट पोस्टिंग, ज्वाइनिंग डेट,ले में योगदान की तिथि, सभी पूर्व पदस्थापन, प्रशासनिक दृष्टिकोण से कभी ट्रांसफर हुआ है या नहीं, किसी प्रकार की कोई अभियुक्ति है या नहीं, इस बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है।
वर्ष 2015 के बाद नहीं हुआ है ट्रांसफर
स्टेट में वर्ष 2015 में कांस्टेबलों का ट्रांसफर हुआ था। इसके बाद पुलिस हेडक्वार्टर लेवल पर अभी कोई ट्रांसफर नहीं हुआ था। पुलिस एसोसिएशन व पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने डीजीपी एमवी राव से मिलकर एक ही जिले में लंबे समय से जमे पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर की मांग की थी। डीजीपी को बताया गया था कि कई साल से कांस्टेबलों का एक जिले से दूसरे जिलों में ट्रांसफर नहीं हुआ है। नक्सल प्रभाव वाले जिलों में लंबे समय से कांस्टेबलों की लगातार तैनाती से भी मनोबल पर प्रभाव पड़ रहा है।वर्ष 2005 के बाद बहाल हुए अधिकांश कांस्टेबल एक ही जिलों में हैं। दस साल या उससे लंबे अरसे से एक ही जिले में तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या दस हजार से अधिक हो सकती है।
नयी ट्रांसफर पॉलिसी, कटेगरी में बांटे गये जिले
झारखंड पुलिस में ट्रांसफर को लेकर नयी पॉलिसी बनी है। नक्सल प्रभाव वाले जिलों में तैनात पुलिसकर्मियों को शहरी जिलों में तैनात किया जायेगा। जिलों को ए, बी, सी और डी कटेगरी में बांटा गया है। सीआईडी, स्पेशल ब्रांच, रेल समेत अन्य विंग में तैनात पुलिसकर्मियों को भी बदला जायेगा। पुलिस हेडक्वार्टर में ट्रांसफर के लिए अलग से बोर्ड का भी गठन किया जायेगा।