- ईडी ने सीसीटीवी फुटेज और स्पष्टीकरण भी मांगा
रांची। इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने बिरसा मुंडा से्ंट्रल जेल के जेलर प्रमोद कुमार को समन भेजा है। जेलर प्रमोद कुमार को यह समन जेल से पत्रकार को धमकी देने के मामले में भेजा गया है। ईडी ने प्रमोद कुमार को दो जनवरी को ईडी के रांची जोनल ऑफिस में उपस्थित होने को कहा है। एजेंसी ने होटवार जेल प्रशासन से योगेंद्र तिवारी के सेल का सीसीटीवी फुटेज भी मांगा है। ईडी ने जेलर से यह स्पष्टीकरण मांगा है कि एक आरोपी को जेल के अंदर टेलीफोन तक कैसे पहुंच मिली।
प्रभात खबर के चीफ एडीटर को दी गयी थी धमकी
प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को होटवार जेल से योगेंद्र तिवारी के नाम पर धमकी दी गयी थी। प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को होटवार जेल से धमकी मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल समन कर दो जनवरी को रांची के रीजनल ऑफिस में हाजिर होने का निर्देश दिया है। ईडी ने उन्हें जेल का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को कहा है और पूछा है कि आखिर कैसे जेल के अंदर सेफोन का इस्तेमाल कर धमकी दी गयी है। प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से योगेंद्र तिवारी के नाम पर धमकी दी गयी है। धमकी का फोन 0651-2911807 से आशुतोष चतुर्वेदी के मोबाइल नंबर पर आया था. घटना को लेकर वरीय रेसीडेंट एडीटर विजय पाठक ने झारखंड के होम सेकरेटरी, डीजीपी, रांची के डीसी, एसएसपी, जेल आईजी और बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के सुपरिटेडेंट से लिखित शिकायत की है। उन्होंने घटना की जानकारी देते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
प्रभात खबर के चीफ एडीटर आशुतोष चतुर्वेदी को उक्त नंबर से फोन आया था. फोन करनेवाले ने पहले खुद का नाम योगेंद्र तिवारी बताया। इसके बाद उसने प्रभात खबर में छप रही खबरों का उल्लेख करते हुए धमकी दी। इसके कुछ देर बाद विजय पाठक के मोबाइल नंबर पर भी 0651- 2911801, 2911807, 2911805, 2911806 और 2270002 से फोन आये। हालांकि उनकी बात नहीं हो पायी। जब मामले में जानकारी हासिल की गयी, तब पता चला कि ये सभी फोन बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल किये गये हैं। ईडी के गवाहों को भी होटवार जेल से मिल चुकी है धमकी इससे पहले होटवार जेल से ईडी के गवाहों की भी धमकी मिली थी। रेड के दौरान ईडी को इससे संबंधित कई महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज भी मिले थे। ईडी को उनके अफसरों को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रचने के सबूत भी मिले थे। ईडी ने अपने गवाहों को धमकी देने की सूचना के बाद उन फोन नंबरों को सर्विलांस पर रखा था, जिससे गवाहों को धमकी दी जा रही थी।