झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार छह दिनों की ED रिमांड पर, कोलकाता पुलिस ने किया था अरेस्ट

कोलकाता में 50 लाख कैश लेते अरेस्ट हुए झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को ईडी ने छह दिनों की रिमांड पर लिया है। कोर्ट के आदेश पर ईडी की टीम राजीव कुमार को अलीपुर जेल से छह दिनों के लिए रिमांड पर लेकर रांची आयेगी। 

झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार छह दिनों की ED रिमांड पर, कोलकाता पुलिस ने किया था अरेस्ट

रांची। कोलकाता में 50 लाख कैश लेते अरेस्ट हुए झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को ईडी ने छह दिनों की रिमांड पर लिया है। कोर्ट के आदेश पर ईडी की टीम राजीव कुमार को अलीपुर जेल से छह दिनों के लिए रिमांड पर लेकर रांची आयेगी। 

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यह रहस्यमय अधिसूचना झारखंड पुलिस की कार्य संस्कृति का नमूना है.डीजीपी के आदेश के बिना एक एएसआई की पोस्टिंग अपने पास करने के लिए एडीजी,प्रशिक्षण ने मौखिक आदेश से एसपी,सीटीसी,मुसाबनी से अधिसूचना निकलवाया.क्या धनबाद का पुराना अनुभव विधायकों और #अधिवक्ता राजीव को फाँसने में काम आया? pic.twitter.com/wSoNiv3d7s

— Saryu Roy (@roysaryu) August 14, 2022
ईडी ने किया था केस को टेकओवर
ईडी की टीम झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार के खिलाफ कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल की कंपलेन की जांच कर रही है। इस मामले में कोलकाता पुलिस ने ईडी के ओड़िशा क्षेत्रीय कार्यालय के उप निदेशक सुबोध कुमार को भी तलब किया था।  उनसे अपना बयान दर्ज करने को कहा था। सुबोध कुमार इससे पहले ईडी के रांची ऑफिस में डिप्टी डायरेक्टर पद पर तैनात थे। कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार के साथ उनकी कुछ कथित व्हाट्सएप बातचीत के आधार पर उन्हें तलब किया था। राजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा के साथ मिलकर बिजनसमैन और कंपनियों से रंगदारी वसूलने के लिए जनहित याचिका दायर की थी।<br

/>कोलकाता में 50 लाख रुपये के साथ किये गये थे अरेस्ट
एडवोकेट राजीव कुमार को 31 जुलाई को कोलकाता में 50 लाख रुपये के साथ अरेस्ट किया गया था। पुलिस ने बताया कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ एक जनहित याचिका 4290/21 में मदद के नाम पर अमित अग्रवाल से जबरन वसूली गई 50 लाख कैश के साथ उन्हे अरेस्ट किया गया है। याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने अपने पीआईएल में दावा किया है कि सीएम, उनके परिवार के सदस्य और सहयोगी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने विभिन्न शेल कंपनियों के माध्यम से अपने बेहिसाब पैसे का मनी लॉंड्रिग किया है। अमित अग्रवाल इस जनहित याचिका के प्रतिवादी नहीं हैं, बल्कि उनकी कंपनी ऑरोरा स्टूडियो प्रा. लिमिटेड को जनहित याचिका में एक संदिग्ध शेल कंपनी के रूप में नामित किया गया था। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि अमित अग्रवाल सीएम के करीबी हैं। हालांकि, प्रतिवादी के रूप में हेमंत सोरेन ने अपने खिलाफ लगे आरोपों का जोरदार खंडन किया है। राजीव कुमार याचिकाकर्ता के वकील हैं।