झारखंड: हाई कोर्ट ने खारिज की एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव की जमानत याचिका
एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय की कोर्ट ने उनकी बेल पिटीशन पर सुनवाई करने के बाद उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया है।
रांची। एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय की कोर्ट ने उनकी बेल पिटीशन पर सुनवाई करने के बाद उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पूर्व में जमानत खारिज कर चुकी है। ऐसे में कोर्ट उन्हें जमानत की सुविधा नहीं दे सकती है।
सुनवाई के दौरान योगेंद्र साव के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में एफआइआर दर्ज कराने वाले सूचक ने अपनी गवाही में कहा है कि योगेंद्र साव घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। इस मामले में योगेंद्र साव लगभग तीन साल से जेल में बंद हैं। ऐसे में उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। लेकिन हई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इसी आधार पर जमानत खारिज करने का हवाला देते हुए योगेंद्र साव को जमानत देने से इन्कार कर दिया। उनकी याचिका खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव ने हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध किया था। इस दौरान पुलिस व ग्रामीणों के बीच झड़प हुई थी। एफआइआर दर्ज होने के बाद वह जेल में है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद इन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। योगेंद्र साव पर हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी के लिए जमीन अधिग्रहण करने के दौरान सरकारी काम में बाधा पहुंचाना और पुलिसकर्मियों पर हमला करवाने का आरोप है।