झारखंड: सत्‍ता में बने रहने को 1932 के खतियान के मुद्दे को हवा दे रहे JMM-कांग्रेस, BJP ने पहले ही तय कर दी थी स्थानीय नीति

झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि स्टेट की हेमंत सोरेन सरकार में शामिल दल अंदरूनी अंतर्कलह से जूझ रहे हैं। गठबंधन गलों की आपसी खींचतान से प्रदेश का विकास लगभग थम सा गया है। इससे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वह 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति के विवाद को हवा दे रहे हैं।

झारखंड: सत्‍ता में बने रहने को 1932 के खतियान के मुद्दे को हवा दे रहे JMM-कांग्रेस, BJP ने पहले ही तय कर दी थी स्थानीय नीति

धनबाद। झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि स्टेट की हेमंत सोरेन सरकार में शामिल दल अंदरूनी अंतर्कलह से जूझ रहे हैं। गठबंधन गलों की आपसी खींचतान से प्रदेश का विकास लगभग थम सा गया है। इससे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वह 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति के विवाद को हवा दे रहे हैं।

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बाबूलाल शनिवार को पश्चिम बंगा्ल के आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में प्रचार करने के बाद शनिवार को रांची लौटने के दौरान धनबाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मरांडी ने कहा कि बिहार से अलग होने के बाद प्रदेश में उनके नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी थी। सरकार बनते ही उन्होंने स्थानीयता मुद्दे को हल करने के लिए सर्वदलीय सम्मेलन बुलाई। इसमें बिहार के 1982 के स्थानीय एवं नियोजन नीति के आधार पर झारखंड में भी नियोजन की बात सभी ने सर्वसम्मति से तय की थी। लेकिन उनकी सरकार के जाते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया। 

भाषा के आधार पर लोगों के बांटने का काम
उन्होंने कहा कि रघुवर दास की सरकार ने भी इसी को आधार बना कर स्थानीय एवं नियोजन नीति लाई। इसे राजनीतिक फायदे के लिए हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार ने खारिज करते हुए भाषा के आधार पर लोगों के बांटने का काम किया है।मरांडी ने कहा कि जब अर्जुन मुंडा राज्य के सीएम थे, तब डिप्टी सीएम हेमंत सोरेन थे, लेकिन तब उन्‍होंने कुछ नहीं किया। सोरेन का स्टैंड इस मामले में लगातार बदलता रहा है। इस कारण आज तक स्थानीय एवं नियोजन नीति नहीं बन पाई।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार केवल यहां की संपदा का दोहन कर रही है। उनके मंत्री और दलों के कार्यकर्ता आम आदमी के विकास की जगह अपना आर्थिक विकास करने में लगे हुए हैं। इसके लिए वे हर तरह का अवैध तरीका अपनाने से भी नहीं चूक रहे। राज्य में कानून व्यवस्था अभी तक से सबसे खराब दौर से गुजर रही है। अपराधियों को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है।

आसनसोल में बीजेपी की जीत तय
 बाबूलाल आसनसोल उपचुनाव को लेकर काफी आशान्‍व‍ित दिखे। उन्‍होंने कहा कि वहां के लोग भी वर्तमान सरकार की दंगाई नीति से परेशान हैं। लोग बदलाव चाह रहे हैं। ऐसे में स्वाभाविक रूप से लोगों का रुझान बीजेपीकी ओर दिख रहा है। बीजेपी कैंडिडेट की जीत बस समय का इंतजार कर रही है।