मुंबई के सांताक्रूज में मिला कोरोना XE वैरिएंट का दूसरा केस, देश में अब तक तीसरा मामला

देश में कोरोना के नये सब वैरिएंट XE का दूसरा केस मुंबई के सांताक्रूज में मिला है। बीएमसी ने शनिवार को कंफर्म किया है कि मुंबई में इस नए वैरिएंट के केस की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही देश में XE वैरिएंट के कुल तीन केस हो गये हैं। XE वैरिएंट की दस्तक महाराष्ट्र के बाद गुजरात में हो चुकी है।

मुंबई के सांताक्रूज में मिला कोरोना XE वैरिएंट का दूसरा केस, देश में अब तक तीसरा मामला
  • फोर्थ वेव के खतरे के बीच जरूरी है बूस्टर डोज

नई दिल्ली। देश में कोरोना के नये सब वैरिएंट XE का दूसरा केस मुंबई के सांताक्रूज में मिला है। बीएमसी ने शनिवार को कंफर्म किया है कि मुंबई में इस नए वैरिएंट के केस की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही देश में XE वैरिएंट के कुल तीन केस हो गये हैं। XE वैरिएंट की दस्तक महाराष्ट्र के बाद गुजरात में हो चुकी है। 

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बताया जाता है कि सांताक्रूज शहर के रहने वाले 67 वर्षीय शख्स में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। यह शख्स कोरोना की दोनों वैक्सीन ले चुका है। बीएमसी के अनुसार, वह व्यक्ति 11 मार्च को वडोदरा गया था और होटल में एक बैठक के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उसने कोरोना जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। हालांकि कोरोना के लक्षण नजर नहीं आने पर वह वापस मुंबई चला आया। अब उसके कोरोना जांच के सैंपल की स्क्रीनिंग की गई तो रिपोर्ट में XE वैरिएंट की पुष्टि हुई है।  बीएमसी ने कहा है कि इस शख्स को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है और वह पूरी तरह से स्वस्थ है। उल्लेखनीय है कि WHO ने कोरोना के इस नये सब वैरिएंट को ओमिक्रॉन का वैरिएंट बताया है, जो 10 गुना ज्यादा संक्रामक है।
इंडिया में में नये वेरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं

वर्ल्ड में कोरोना के XE वैरिएंट के सात सौ मामले सामने आ चुके हैं। WHO की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि एक्सई वेरिएंट डेल्टा जितना प्रभावी नहीं होगा। डॉ.सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि कोरोना के XE वेरिएंट का भारत में डेल्टा जैसा प्रभाव होने की संभावना नहीं है। इंडिया में अधिकांश लोगों को कोरोना का वैक्सीन लग चुका है। नये वेरिएंट को लेकर प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर कहा जा रहा है कि यह दूसरे वेरिएंट से 10% अधिक संक्रामक है। यानी इसके फैलने की दर अधिक है। डॉ.सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि हम अभी भी एक्सई वेरिएंट का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं। अधिक जानकारी आ रही है। अब तक, घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहा। जिसको वैक्सीन लगी है उसमें शुरुआती कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं।

फोर्थ वेव के खतरे के बीच जरूरी है बूस्टर डोज
यूके हेल्थ एजेंसी के मुख्य चिकित्सा सलाहकार सुसान हॉपकिंस के अनुसार, कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट के साथ जुड़कर बन रहे इस तरह के वेरिएंट बहुत ज्यादा घातक नहीं होते हैं। जल्दी मर जाते हैं।ओमीक्रोन के दो सबवेरिएंट BA1 और BA2 का रीकॉम्बिनेंट तैयार हुआ है, जिसे XE कहा जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि कोई कॉम्बिनेशन तब तैयार होता है, जब कोई व्यक्ति एक से अधिक प्रकार से संक्रमित हो जाता है। अब तक 700 के करीब मामले मिले हैं। यह वायरस यूके में पाया गया है। इनमें से सबसे पहला नमूना 19 जनवरी 2022 है को मिला था।
चीन में कोरोना से त्राहिमाम
एशिया और यूरोप के कई देशों को कोरोना की फोर्थ वेव का सामना करना पड़ रहा है। साउथ कोरिया में रोजाना काफी संख्या में नए मामले देखने को मिल रहे हैं। चीन में स्थिति गंभीर बनी हुई है। चीन में कई शहरों में फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। ऐसे समय में इस घातक वायरस ने चिंता पैदा कर दी है। 
XE वेरिएंट वैरिएंट के लक्षण 

XE वैरिएंट ओमिक्रोन वैरिएंट के उपभेदों का एक उत्परिवर्तन (म्यूटेशन ऑफ स्ट्रेन) है, जो दुनिया भर में फैला हुआ है। इसके बारे में पहली बार 19 जनवरी को यूके में पता चला था। तब से सैकड़ों रिपोर्ट और पुष्टि की जा चुकी है।शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह अन्य ओमिक्रोन म्यूटेशन की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैल सकता है। WHO के अनुसार, नया एक्सई वैरिएंट दो अन्य ओमिक्रोन वैरिएंट्स, बीए.1 और बीए.2 का एक म्यूटेंट हाईब्रिड है और वैश्विक स्तर पर फैल रहे मामलों के लिए जिम्मेदार है।

नया म्यूटेंट ओमिक्रोन के बीए.2 सब-वैरिएंट की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक ट्रांसमिसिबल

WHO ने कहा है कि नया म्यूटेंट ओमिक्रोन के बीए.2 सब-वैरिएंट की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक ट्रांसमिसिबल है।हालांकि दुनिया भर में एक्सई के फिलहाल कम ही मामले देखने को मिले हैं, मगर इसकी अत्यधिक उच्च संचरण क्षमता का मतलब यह हो सकता है कि यह निकट भविष्य में सबसे प्रभावशाली स्ट्रेन बन जाता है।हाल ही में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है, "एक्सई (बीए.1-बीए.2), पहली बार 19 जनवरी को यूके में पाया गया था और 600 से कम सीक्वेंस की रिपोर्ट और पुष्टि की गई है।इसमें कहा गया है, "शुरूआती दिन के अनुमान बीए.2 की तुलना में सामुदायिक विकास दर में 10 प्रतिशत का संकेत देते हैं, हालांकि, इसके लिए और पुष्टि की आवश्यकता है।"

नाक बहने, छींकने और गले में खराश जैसे लक्षण

यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, XE में नाक बहने, छींकने और गले में खराश जैसे लक्षण होते हैं, जो वायरस के मूल स्ट्रेन के विपरीत होते हैं, क्योंकि मूल स्ट्रेन में आमतौर पर रोगी को बुखार और खांसी की शिकायत रहती है और साथ ही उसे किसी चीज का स्वाद नहीं आता और कोई गंध भी नहीं आती है।डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि म्यूटेशन के बारे में और कुछ कहने से पहले और डेटा पर गौर करने की आवश्यकता है।