झारखंड: फर्जी डिग्री विवाद में झारखंड हाईकोर्ट का निर्देश- बेवजह एमपी निशिकांत दुबे को बेवजह परेशान न करे पुलिस

फर्जी डिग्री विवाद मामले में गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि बेवजह पुलिस निशिकांत दूबे को परेशान न करे।

झारखंड: फर्जी डिग्री विवाद में झारखंड हाईकोर्ट का निर्देश- बेवजह एमपी निशिकांत दुबे को बेवजह परेशान न करे पुलिस

रांची। फर्जी डिग्री विवाद मामले में गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि बेवजह पुलिस निशिकांत दूबे को परेशान न करे।
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में गुरुवार को गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार और शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह एमपी निशिकांत दुबे को बेवजह परेशान न करे। अब इस मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। हालांकि कोर्टने पूर्व दिये गये अंतरिम राहत को बरकरार रखा। पूर्व में कोर्ट ने एमपी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई थी।

इस संबंध में दर्ज एफआइआर के खिलाफ एमपी निशिकांत दुबे ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान एमपी के एडवोकेट ने कहा कि उनके खिलाफ विष्णुकांत झा नामक व्यक्ति ने देवघर में कंपलेन कराते हुए कहा है कि उनकी एमबीए की डिग्री फर्जी है। इस मामले में बिना जांच के लिए पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है। जबकि यह आरोप बेबुनियाद है। यह मामला राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज किया गया है।पुलिस उन्हें बेवजह परेशान कर रही है। इस पर कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि कोर्ट के पूर्व के आदेश का पालन करे। कहा कि कोर्ट सांसद निशिकांत दुबे को परेशान नहीं करेगी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई
निशिकांत दुबे की ओर से हाईकोर्ट के सीनीयर एडवोकेट आरएस मजूमदार ने कोर्ट में पक्ष रखा। जबकि राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीएस पति ने अदालत के समक्ष उपस्थित होकर निशिकांत दुबे के द्वारा दायर याचिका का विरोध किया गया। 
काउंटर एफिडेविट दायर करने का दिया निर्देश
उल्लेखनीय है कि एमपी निशिकांत दुबे की डिग्री पर सवाल उठाते हुए उनके खिलाफ देवघर में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह का वक्त देते हुए काउंटर एफिडेविट दायर करने का निर्देश दिया है।इस मामले के सूचक विष्णु कांत झा को भी अदालत ने 3 सप्ताह का समय देते हुए काउंटर एफिडेविट दायर करने का निर्देश दिया है।