झारखंड: नये विधानसभा व नवनिर्मित हाईकोर्ट निर्माण की जांच करेगा ज्यूडिशियल कमीशन
झारखंड गवर्नमेंट ने विधानसभा भवन निर्माण और नवनिर्मित हाईकोर्ट भवन निर्माण में हुई सभी अनियमितताओं की जांच ज्यूडिशियल कमीशन से कराने का आदेश दिया है। इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन ने दो जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री झारखंड विधानसभा के नये भवन और झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन के निर्माण के दौरान बरती गई वित्तीय अनियमितता की जांच एसीबी से कराने का निर्देश दिया था।
- स्टेट गवर्नमेंट का फैसला
रांची। झारखंड गवर्नमेंट ने विधानसभा भवन निर्माण और नवनिर्मित हाईकोर्ट भवन निर्माण में हुई सभी अनियमितताओं की जांच ज्यूडिशियल कमीशन से कराने का आदेश दिया है। इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन ने दो जुलाई 2021 को CM हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा के नये भवन और झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन के निर्माण के दौरान बरती गई वित्तीय अनियमितता की जांच एसीबी से कराने का निर्देश दिया था।
रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में बनी विधानसभा के नये भवन और झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन टेंडर प्रक्रिया के दौरान से ही चर्चा में रही है। झारखंड विधानसभा के निर्माण के बाद आग लगने की घटना, सीलिंग गिरने का मामला या प्राक्कलन राशि में बढोत्तरी का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा में रहा है।
रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को मिला था काम
झारखंड विधानसभा के नये भवन की निर्माण लागत शुरुआत में 465 करोड़ से घटाकर 323.03 करोड़ कर दिया गया था। बाद में वास्तुदोष का हवाला देते हुए क्षेत्रफल बदलकर फिर से रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को ही ये काम दे दिया गया। इस तरह कुल निर्माण राशि 136 करोड़ रुपये बढ़ गई। करोड़ों खर्च करने के बाद भी इसकी मजबूती और घटिया निर्माण को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं।झारखंड हाई कोर्ट के नये भवन निर्माण में भी शुरुआती प्राक्कलन राशि 265 करोड़ रुपये थी, लेकिन जैसे- जैसे काम बढ़ता गया राशि भी बढ़ती चली गई। हाईकोर्ट के इस नए भवन निर्माण में 697 करोड़ रुपये खर्च हो गये। भवन निर्माण में राशि बढोत्तरी के लिये अनुमति भी नहीं ली गई। झारखंड हाईकोर्ट का निर्माण भी रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के द्वारा ही किया गया है।