झारखंड: चारा घोटाला में लालू यादव को पांच साल की सजा,60 लाख जुर्माना
झाारखंड की राजधानी रांची डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी ठहराये गये बिहार के एक्स सीएमव आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनायी है। कोर्ट ने लालू पर 60 लाख जुर्माना लगाया गया है। लालू यादव के अलावा चारा घोटाला के इस बड़े मामले में 37 अन्य दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।
रांची। झाारखंड की राजधानी रांची डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी ठहराये गये बिहार के एक्स सीएमव आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनायी है। कोर्ट ने लालू पर 60 लाख जुर्माना लगाया गया है। लालू यादव के अलावा चारा घोटाला के इस बड़े मामले में 37 अन्य दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।
सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज एस के शशि ने इन दोषियों को सजा सुनाई। इससे पूर्व सभी दोषियों ने ऑनलाइन कोर्ट में हाजिरी लगाई। लालू प्रसाद यादव इस समय रांची रिम्स में इलाजरत हैं। यहां पर होटवार जेल प्रशासन की ओर से उन्हें एक लैपटाप उपलब्ध कराया गया था। इसी लैपटाप के सहारे लालू यादव ने अपनी सजा सुनी। सजा सुनाये जाने से पहले लालू प्रसाद की ओर से उनके वकील प्रभात कुमार ने कोर्ट में बहस की। उन्होंने कहा कि लालू यादव की उम्र 75 साल हो गई है। लालू को कुल 17 तरह की बीमारियां है। बीपी और शुगर का भी हवाला दिया। कोर्ट से उन्होंने कम से कम सजा देने की मांग की। वहीं सीबीआई के वकील ने बहस करते हुए सभी दोषियों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की।
किसे कितनी सजा, कितना जुर्माना
लालू यादव को पांच साल की सजा 60 लाख जुर्माना
मोहम्मद सईद- पांच साल सजा एक करोड़ पचास लाख जुर्माना
जगमोहन लाल-चार साल सजा एक करोड़ जुर्माना
आरके राणा-पांच साल की सजा
लालू यादव ने रांची रिम्स में लैपटाप पर सुनी सजा
लालू यादव ने रांची रिम्स के पेइंग वार्ड में सजा सुनी। उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी को सीबीआइ कोर्ट ने इन सभी को चारा घोटला मामले में दोषी ठहराया था। 15 फरवरी को कोर्ट ने 35 अभियुक्तो को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी। वहीं, 24 अभियुक्तों को कोर्ट ने बरी कर दिया था। शेष दोषियों को आज सजा सुनाई गई।
लालू को चारा घोटाला के चार मामलों में हो चुकी है पहले सजा
लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के अन्य चार मामलों में सजा हो चुकी है। उनको देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में साढ़े साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं, दुमका कोषागार से अवैध राशि की निकासी मामले में उनको पांच साल की सजा हो चुकी है। इसी तरह सजा सुनायी गयीथी। वहीं फिर डोरंडा कोषागार से दूसरी अवैध निकासी के मामले में उन्हें सात साल की सजा सुनाई जा चुकी है। लालू प्रसाद यादव अपनी कुल सजा का आधा से अधिक समय जेल में गुजार चुके हैं। इसी आधार पर उन्हें बेल दे दी गई थी।
वर्ष 1990 से 1995 के बीच डोरंडा कोषागार से हुई थी अवैध निकासी
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का यह मामला वर्ष 1990 से 1995 के बीच का है। इस कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने पिछले दिनों कुल 24 अभियुक्तों को बरी कर दिया था। सीबीआइ की विशेष अदालत में इसी वर्ष 29 जनवरी को इस मामले की बहस पूरी हुई थी। वहीं, 15 फरवरी को सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि ने लालू प्रसाद यादव को कई धाराओं में दोषी ठहराया था।
कोर्ट के वीसी रूम के बाहर जम रहे आरजेडी के कई बड़े लीडर
सीबीआई कोर्ट यानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम के बाहर आरजेडी के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता फैसला सुनने क्या की प्रतीक्षा कर रहे थे। इन नेताओं में जयप्रकाश यादव, श्याम रजक और अब्दुल बारी सिद्दीकी प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन नेताओं को अब लालू यादव की सजा की प्रतीक्षा है। यह जानने के लिए यह नेता बेचैन हैं कि लालू प्रसाद यादव को कितने दिनों की सजा सुनाई जाती है।