Jharkhand Liquor Scam: बाबूलाल मरांडी ने ACB पर लगाये गंभीर आरोप, सीएम हेमंत सोरेन को लिखा लेटर

बाबूलाल मरांडी ने ACB पर झारखंड के शराब घोटाले में सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया। CM हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में भ्रष्टाचार छुपाने की साजिश का दावा।

Jharkhand Liquor Scam: बाबूलाल मरांडी ने ACB पर लगाये गंभीर आरोप, सीएम हेमंत सोरेन को लिखा लेटर
बाबूलाल मरांडी-हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)।
  • उत्पाद घोटाले में सबूत नष्ट करने का जताया संदेह
  • एसीबी ने रात में कागजात हटाये
  • भ्रष्टाचार के खेल की तैयारी कुछ अफसरों को बचाने की कोशिश
  • सीएम से सबूतों को बचाने का आग्रह 

रांची। झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उत्पाद घोटाले में साक्ष्य को नष्ट करने का संदेह जताया है। उन्होंने इस संबंध में रविवार को सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। 
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बाबूलाल मरांडी ने लिखा है कि उन्हें मिली सूचना के अनुसार उत्पाद विभाग के ऑफिस से एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रात के अंधेरे में बड़ी संख्या में कागज हटाये हैं। यह कार्रवाई डीजीपी की देखरेख में की गयी है। कागजों को हटाना कोई विधिक प्रक्रिया न होकर गुप्त और संदिग्ध परिस्थितियों में किया गया है। इससे संदेह होता है कि उत्पाद विभाग एवं एसीबी के भीतर किसी बड़े भ्रष्टाचार के खेल की तैयारी चल रही है। 
बाबूलाल ने कहा कि कुछ खास अफसरों और राजनीतिक सरगना को बचाने की कोशिश हो रही है। यह न केवल संवैधानिक दायित्वों का उल्लंघन है, बल्कि राज्य की जनता के हितों एवं राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाला है। शराब घोटाले में सेंट्रल एजेंसियों की कार्रवाई की आशंका से सबूत नष्ट करने की कोशिश हो रही है। मरांडी ने सीएम से आग्रह किया है कि वो सबूतों को नष्ट होने से बचायें।
एसीबी रात में गायब कर रही शराब घोटाले के साक्ष्य
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एसीबी ऑफिस से झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े दस्तावेज गायब करने का गंभीर आरोप लगाया है। मरांडी ने दावा किया कि डीजीपी की निगरानी में मंगलवार रात अंधेरे में ट्रक के जरिए दस्तावेज ढोये गये, जो संदिग्ध है। उन्होंने इसे ईडी व सीबीआई की जांच से बड़े राजनीतिक व्यक्तियों को बचाने की साजिश बताया। एसीबी की इस कार्रवाई से शराब दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया में बाधा आने की जानकारी भी उन्होंने दी है। मरांडी ने कहा कि यह काम महत्वपूर्ण साक्ष्यों को मिटाने के लिए डीजीपी द्वारा किया जा रहा है। आने वाले समय में केंद्रीय एजेंसी, ईडी और सीबीआइ की जांच की आशंका को देखते हुए घोटालों के सबूतों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सीएम से मामले का संज्ञान लेने और सबूतों को नष्ट होने से रोकने की अपील की है। इस बात की जांच करने को भी कहा है कि किसके इशारे में सबूतों को नष्ट करने की कोशिश हो रही है।
शराब घोटाले की की कहानी
झारखंड में 2022 की नई शराब नीति के तहत लागू छत्तीसगढ़ मॉडल से शुरू हुआ यह घोटाला सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का कारण बना। जांच में कई बड़े खुलासे हुए, जिनमें नकली होलोग्राम, अवैध शराब बिक्री, और प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए गबन शामिल हैं। इस घोटाले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, और जांच का दायरा झारखंड से छत्तीसगढ़, दिल्ली और हरियाणा तक फैल गया है।
2022 में घोटाले का हुआ खुलासा
2022 में झारखंड में छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित नई शराब नीति लागू की गई। आरोप है कि इस नीति में बदलाव कर कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया गया। नकली होलोग्राम और अवैध शराब बिक्री से सरकार को 450 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। बीयर की प्रत्येक बोतल पर 10 रुपये की अतिरिक्त वसूली से भी करोड़ों रुपये की कमाई की।
एसीबी की जांच 
एसीबी ने 27 सितंबर 2024 को प्रारंभिक जांच (पीई) शुरू की थी। जांच में कई अहम साक्ष्य मिले, जिसके आधार पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को 20 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया। चौबे पर शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।अब तक इस मामले में 10 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, और छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया शामिल हैं। एसीबी ने 27 लोगों को समन जारी किया, जिनमें से कई से पूछताछ जारी है। जांच में छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट से जुड़े माफियाओं की भूमिका भी सामने आई है।
आईएएस अफसर विनय चौबे को मिली बेल
आईएएस अफसर विनय कुमार चौबे को 19 अगस्त 2025 को एसीबी कोर्ट से जमानत मिल गई, क्योंकि एसीबी 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी। मरांडी ने इसे जांच में ढिलाई का सबूत बताया और आरोप लगाया कि यह सुनियोजित साजिश थी। कोर्ट ने जमानत पर सख्त शर्तें लगाईं, जैसे चौबे का राज्य छोड़कर न जाना और मोबाइल नंबर न बदलना।