भारतीय NGO 'एजुकेट गर्ल्स' को मिला 2025 का रैमोन मैगसायसाय अवॉर्ड मिला
भारतीय NGO ‘एजुकेट गर्ल्स’ को 2025 का रैमोन मैगसायसाय अवॉर्ड मिला। सफीना हुसैन द्वारा स्थापित संस्था ने अब तक 20 लाख लड़कियों को शिक्षा से जोड़ा है।
- एशिया का सबसे बड़ा सम्मान है रैमोन मैगसायसाय अवॉर्ड
अवॉर्ड पाने वाली पहली भारतीय संगठन बनी एजुकेट गर्ल्स - लड़कियों की शिक्षा के लिए करती है काम
नई दिल्ली। भारत की गैर-लाभकारी संस्था एजुकेट गर्ल्स (Educate Girls) को एशिया का सबसे बड़ा सम्मान रैमोन मैगसायसाय अवार्ड 2025 मिला है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय संगठन को यह पुरस्कार मिला।
यह भी पढ़ें:Dhanbad: मनोज अग्रवाल बने BCCL के 35वें CMD, एक सितंबर को संभालेंगे पदभार
एजुकेट गर्ल्स को सम्मान उन लड़कियों की शिक्षा के लिए दिया गया है जो दूरदराज के गांवों में स्कूल से बाहर रह जाती हैं। रैमोन मैगसायसाय अवार्ड को एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है। यह सम्मान हर साल ऐसे लोगों और संगठनों को दिया जाता है, जिन्होंने समाज की सेवा में बड़ा योगदान दिया है। भारत की एजुकेट गर्ल्स, मालदीव की शाहिना अली (समुद्री पर्यावरण की रक्षा के लिए)
व फिलीपींस के फ्लावियानो एंटोनियो विल्लानुएवा (गरीबों की सेवा के लिए) सम्मान मिला है। इन सभी विजेताओं को सात नवंबर को फिलीपींस की राजधानी मनीला में होने वाले समारोह में सम्मानित किये जायेंगे। उन्हें एक मेडल, प्रमाणपत्र और नकद पुरस्कार मिलेगा।
एजुकेट गर्ल्स की शुरुआत
वर्ष 2007 में सफीना हुसैन ने एजुकेट गर्ल्स की शुरुआत की थी। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की। विदेश में काम करने के बाद भारत लौटकर लड़कियों की शिक्षा को अपना मिशन बनाया। उन्होंने शुरुआत राजस्थान से की जहां उन समुदायों में काम किया जहां लड़कियों की पढ़ाई को नजरअंदाज किया जाता था। धीरे-धीरे यह संस्था 30 हजार से ज्यादा गांवों में पहुंची। अब तक 20 लाख से ज्यादा लड़कियों को शिक्षा से जोड़ा।
एजुकेट गर्ल्स की उपलब्धियां
एजुकेट गर्ल्स ने वर्ष 2015 में संस्था ने दुनिया का पहला डेवलपमेंट इम्पैक्ड बॉन्ड (DIB) शुरू किया, जिसमें शिक्षा से जुड़ी सफलता के आधार पर वित्तीय मदद मिलती है। इस मॉडल से शिक्षा को और मजबूती मिली। संस्था ने 'प्रगति' नाम का प्रोग्राम शुरू किया, जिससे 15 से 29 साल तक की युवा महिलाएं ओपन स्कूलिंग के जरिए अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। अब तक 31 हजार 500 से ज्यादा युवतियां इसमें शामिल हो चुकी हैं।एजुकेट गर्ल्स की संस्थापक सफीना हुसैन ने कहा है कि यह हमारे लिए एतिहासिक पल है। यह सम्मान न सिर्फ एजुकेट गर्ल्स के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। अब दुनिया भर में भारत के इस आंदोलन पर ध्यान जायेगा।






