झारखंड: चतरा में 30 पुलिसकर्मियों के Murder का आरोपी Naxalite अरेस्ट, 45 मामलों में है आरोपी
नक्सलियों के खिलाफ चतरा जिला पुलिस को गुरुवार को बड़ी सफलता मिली है। एसपी राकेश रंजन ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी रिजनल कमिटी सदस्य आज़ाद उर्फ रमेश गंझू को नाटकीय ढंग से नक्सलियों की मांद से गिरफ्तार कर लिया है।
चतरा। नक्सलियों के खिलाफ चतरा जिला पुलिस को गुरुवार को बड़ी सफलता मिली है। एसपी राकेश रंजन द्वारा गठित स्पेशल पुलिस टीम ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी रिजनल कमिटी सदस्य आज़ाद उर्फ रमेश गंझू को नाटकीय ढंग से नक्सलियों की मांद से गिरफ्तार कर लिया है। 15 लाख के इनामी रमेश के खिलाफ 30 पुलिसकर्मियों की मर्डर का आरोप है। इसके खिलाफ 45 मामले दर्ज हैं।
हजारीबाग के डीआईजी नरेंद्र कुमार सिंह ने गुरुवार को डीसी आफिस स्थित सभा कक्ष में प्रेस कांफ्रेस में उक्त जानकारी दी। मौके परएसपी राकेश रंजन व सीआरपीएफ के कमांडेंट व अन्य पुलिस अफसर उपस्थित थे। डीआईजी ने बताया कि एसपी राकेश रंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि माओवादी रीजनल कमांडर संगठन विस्तार को लेकर युवाओं को प्रोत्साहित करने और पार्टी का प्रचार प्रसार को लेकर चतरा-लावालौंग क्षेत्र में सक्रिय है। सूचना के आलोक में एसपी ने एक छापेमारी दल का गठन किया।गठित टीम में सिमरिया के एसडीपीओ अशोक प्रियदर्शी, सिमरिया थाना प्रभारी गोविंद कुमार, लावालौंग थाना प्रभारी विवेक कुमार, कुंदा थाना प्रभारी बंटी यादव एवं अवर पुलिस निरीक्षक सचिन कुमार दास को शामिल किया गया।
पुलिस टीम लावालौंग थाना क्षेत्र के बरवाडीह नामक स्थान से उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से 1.5 लाख रुपये कैश भी बरामद किया है। आजाद मूल रूप से सदर थाना क्षेत्र के कोरचा गांव निवासी नकलाली गंझू का पुत्र है। डीआईजी ने बताया कि आजाद खुंखार उग्रवादी है।र उसके नेतृत्व में झारखंड व बिहार के विभिन्न जिलों में 45 से अधिक घटनाओं को अंजाम दिया गया है। इसमें 30 से अधिक पुलिसकर्मियों की हत्या शामिल शामिल है। उन्होंने बताया कि वह पिछले दो दशक से संगठन में सक्रिय था। वर्ष 2011 में टंडवा थाना क्षेत्र में पुलिस पेट्रोलिंग टीम पर हमला कर तीन पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था।
आजाद के नेतृत्व में वर्ष 2011-12 में लातेहार जिले के बूढापहाड़ी के जंगली क्षेत्र में माओवादियों ने पुलिस पेट्रोलिंग टीम पर हमला कर दो पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था। माओवादी पुलिस की राइफल लूट कर भाग गये थे। वर्ष 2011 में आजाद के नेतृत्व में लगबघ एक सौ माओवादियों ने पलामू जिले के पांकी पुलिस स्टेशन एरिया के मतनागा गांव के समीप हमला कर तीन पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था। पुलिस टीम की एक एके-47, एक एक्स-95 राइफल, छह मैग्जीन, एक ग्रेनेट लूट कर भाग गये। घटना में दो माओवादी भी मारे गयेथे। आजाद के नेतृत्व में ही मार्च 2012 में लातेहार जिले के बालूमाथ के सुरागी टोंगरी पर हमला कर तीन पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था। पांच राइफल तथा छह सौ कारतूस लूट कर ले गये थे।
बिहार के औरंगाबाद थाना क्षेत्र में वर्ष 2013 में पुलिस कैंप पर हमला कर एक पुलिसकर्मी को शहीद करमाओवादियों ने तीस राइफल लूट लिया था। आजाद के ही नेतृत्व में लातेहार के बरवाडीह थाना क्षेत्र के अमुआ टीकर गांव के जंगल में वर्ष 2013 में देर रात को हमलाकर 14 पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था।सभी के आर्म्स लूट लिए थे। पुलिसकर्मियों के पेट को चीरकर उसमें आईईडी फिट कर दिया। इस घटना में कई ग्रामीण मारे गये थे। पलामू के विश्रामपुर थाना क्षेत्र में अगस्त 2014 मेंआजाद के नेतृत्व में 200 माओवादियों ने छोटकी कौडिया गांव में टीएसपीसी उग्रवादियों पर हमलाकर 16 लोगों की मर्कडर र दी थी। बििहार के गया जिले के आमस थाना क्षेत्र में 2016 में चौकीदार राजेश्वर पासवान की हत्या कर दी थी।
डीआईजी नरेंद्र सिंह ने बताया कि नक्सली रमेश गंझू उर्फ आजाद के खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशन में 45 मामले दर्ज हैं। आज़ाद उर्फ रमेश गंझू झारखंड, बिहार, ओडिशा व छत्तीसगढ़ में ये आतंक का पर्याय था। इसके खिलाफ चार स्टेट में 45 मामले दर्ज हैं। नक्सली रमेश सदर पुलिस सटेशन एरिया के सखुआ टोला का रहने वाला है। डीआईजी ने बताया आजाद पुलिस जवान की हत्या कर उसके पेट में लैंड माइंस सेट करने एव टीपीसी के नक्सलियों और पुलिस की मर्ड समेत कई बंदूक लूट कांड में शामिल रहा है।एसपी राकेश रंजन के मात्र पंद्रह दिनों में ही जिला पुलिस को यह बड़ी उपलब्धि मिली है। इस सफलता से पुलिस महकमे में काफी खुशी है।