Jharkhand Politics: हेमंत नहीं तो कौन? JMM के ट्विटर हैंडल की प्रोफाइल पिक्चर हुई चेंज,राजनीतिक अटकलें तेज
झारखंड मुक्ति मोर्चा की लगभग एक दर्जन जिला इकाईयों के ऑफिसयल ट्वीटर हैंडल पर रविवार को बदली गई प्रोफाइल पिक्टर को लेकर अटकलों का बाजार गर्म रहा। बदली गई प्रोफाइल हेमंत सोरेन की फोटो के साथ लिखा है - हेमंत नहीं तो कौन? इसे लेकर कयास लगाया जाने लगा कि आखिरकार इसकी वजह क्या है।
- फोटो परर लिखा है- हेमंत नहीं तो कौन?
- कुछ ही घंटे में में फस लग गयी तीर-धनुष
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा की लगभग एक दर्जन जिला इकाईयों के ऑफिसयल ट्वीटर हैंडल पर रविवार को बदली गई प्रोफाइल पिक्टर को लेकर अटकलों का बाजार गर्म रहा। बदली गई प्रोफाइल हेमंत सोरेन की फोटो के साथ लिखा है - हेमंत नहीं तो कौन? इसे लेकर कयास लगाया जाने लगा कि आखिरकार इसकी वजह क्या है।
यह भी पढ़ें:गुजरात से लापता बड़े घराने की छात्रा सीतामढ़ी में बरामद, फेसबुक फ्रेंड के साथ रुन्नीसैदपुर में मिली
जेएमएम गिरीडीह, जेएमएम लोहरदगा, जेएमएम जामताड़ा, जेएमएम दुमका, जेएमएम रामगढ़, जेएमएम रामगढ़ विधानसभा, जेएमएम बेरमो विधानसभा जैसे ट्विटर हैंडल पर जो प्रोफाइल फोटो लगाया है, उसमें यही है कि ‘हेमंत नहीं तो कौन’?.हालांकि ट्विटर हैंडल के प्रोफाइल को भी कुछ ही घंटे में बदल दिया गया।अब प्रोफाइल पिक्चर में झामुमो का तीर धनुष का लोगो दिख रहा है। ट्विटर हैंडल पर जो प्रोफाइल फोटो बदले जाने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय समिति के सदस्य विनोद पांडेय ने कहा कि इसका कोई राजनीतिक आशय नहीं निकालना चाहिए। मोर्चा के नेताओं ने सर्वमान्य नेता के प्रति अपनी निष्ठा का प्रदर्शन किया है। यह वैसे लोगों को जवाब है जो सरकार को अस्थिर करना का सपना देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला इकाईयों को इस संबंध में कोई निर्देश नहीं जारी किया गया है। इसे सामान्य तरीके से देखा जाना चाहिए।
JMM द्वारा आज का ट्रेंड- “हेमंत नहीं तो कौन?” अरे भगवान भाजपा को कोई भी साधारण कार्यकर्ता भी हेमंत जी से बेहतर मुख्यमंत्री होगा,परिवार वाद से ग्रस्त पार्टी,दुर्गा सोरेन जी की असामयिक मृत्यु से बने नेता जिसने गुरुजी के संघर्ष को नहीं देखा,उसका भगवान ही मालिक है ,बहादुर शाह ज़फ़र
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 24, 2022
कहीं ऑपरेशन लोटस की शुरुआत तो नहीं !
जेएमएम के ट्वीटर एकाउंट को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी हैं। ट्वीटर के संदेशों को देखा जाए तो इसे कई आशंकाएं, संभावनाएं जतायी जाने लगी हैं। राजनीतिक पंडित इसे झारखंड में ऑपरेशन लोटस की शुरूआत मान रहे हैं। आनेवाले समय में जेएमएम-बीजेपी के करीब आने की बात कही जा रही है। अगर ऐसा संभव भी हो तो भी झारखंड की कमान सीएम हेमंत सोरेन के ही हाथों रहेगी। वहीं इन आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा जा रहा है कि यह कल्पना मात्र है। इसमें कोई दम नहीं है। दोनों दल इस तरह की संभावनाओं को खारिज कर रहे हैं।
बाबूलाल मरांडी ने कहा- पालिटिकल नैरेटिव
परिवारवाद से ग्रस्त पार्टियों द्वारा हमेशा एक “पोलिटिकल नैरटिव” बनाया जाता है जिसमें वंशवाद से उपजे नेताओं को “मसीहा”बताया जाता है.
— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 24, 2022
एक धारणा बनायी जाती है कि उस मसीहा के अलावा कोई भी सत्ता में बैठने के क़ाबिल नहीं है.उदाहरण के तौर पर JMM द्वारा आज का ट्रेंड- “हेमंत नहीं तो कौन?”
बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी झामुमो के टवीट पर टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा है कि परिवार ग्रस्त पार्टियों द्वारा हमेशा एक पालिटिकल नैरेटिव बनाया जाता है, जिसमें वंशवाद से उपजे नेताओं को मसीहा बताया जाता है।