झारखंड: रघुवर दास ने हेमंत सोरेन पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- सीएम ने अपने नाम से ली पत्थर माइंस लीज
झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी के राषट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन पर बड़ा आरोप लगाया है। रघुवर ने आरोप लगाया है कि सीएम सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। सीएम रहते हुए अपने नाम पर पत्थर माइंस की स्वीकृति ली। बीजेपी स्टेट हेडक्वार्टर में गुरुवार को मीडिया से बातचीत में रघुवर दास ने सीएम पर उक्त आरोप लगाया है।
- नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा
रांची। झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी के राषट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन पर बड़ा आरोप लगाया है। रघुवर ने आरोप लगाया है कि सीएम सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। सीएम रहते हुए अपने नाम पर पत्थर माइंस की स्वीकृति ली।
बीजेपी स्टेट हेडक्वार्टर में गुरुवार को मीडिया से बातचीत में रघुवर दास ने सीएम पर उक्त आरोप लगाया है।
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रघुवर ने कहा कि सीएम ने रांची जिला के अनगड़ा मौजा, थाना नंबर - 26, खाता नंबर 187, प्लाट नंबर 482 में अपने नाम से माइनिंग पट्टा की स्वीकृति ली है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त माइनिंग पट्टा की स्वीकृति के लिए हेमंत सोरेन 2008 से ही प्रयासत थे। सीएमबनने के बाद दिनांक 16 जून 2021 को पत्थर माइंस की स्वीकृति के लिए सैद्धांतिक सहमति के आशय का पत्र विभाग ने जारी कर दिया। जिला खनन कार्यालय द्वारा 10-जुलाई -2021 को खनन योजना की स्वीकृति दी गई। इसके बाद हेमंत सोरेन ने नौ सितंबर 2021 को सिया (स्टेट लेबल इंवायरमेंट इंपेक्ट असेसमेंट ऑथोरिटी) को आवेदन भेजा। सिया द्वारा 15-18 सितंबर के बीच पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा की गई।
सेंट्रल होम मिनिस्टरी द्वारा मिनिस्टर्स के लिए जारी आचार संहिता का उल्लंघन
बीजेपी उपाध्यक्ष रघुवर दास ने इससे संबंधित कागजात मीडिया से साथ शेयर करते हुए कहा कि सीएम द्वारा का यह कार्य सेंट्रल होम मिनिस्टरी द्वारा मिनिस्टर्स के लिए जारी आचार संहिता का उल्लंघन है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(डी) के तहत आपराधिक कृत्य भी है। सेंटरल गवर्नमेट का यह कोड आफ कंडक्ट, सेंट्रल गवर्नमेंट व स्टेट गवर्नमेंट के मिनिस्टर्स पर लागू होता है। हेमंत सोरेन सीएम के पद को पिछले दो साल से ज्यादा समय से संभाल रहे हैं और सरकारी सेवक के रूप में आते हैं।
फायदे के लिए सीएम के पद का दुरुपयोग
रघुवर ने कहा कि आश्चर्य है कि एक सीएम जिसके पास माइंस डिपार्टमेंट भी है, वही विभाग उन्हें पत्थर माइनिंग पट्टा की स्वीकृति के लिए सैद्धांतिक सहमति का पत्र (एलओआइ) जारी करता है। जिला कार्यालय उनकी खनन योजना को स्वीकृत करता है। पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा भी देता है। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्ट आचरण का प्रमाण है। यह अपने फायदे के लिए सीएम के पद का दुरुपयोग है, जो कि धारा 7 (ए) भ्रष्टाचार निरोधक कानून अंतर्गत दंडनीय अपराध है। हेमंत सोरेन का उपर्युक्त कृत्य धारा 169 आइपीसी का स्पष्ट उल्लंघन है। सरकार ने जिस जमीन की माइनिंग लीज दी है, वह सरकारी संपत्ति है। सीएम एक सरकारी सेवक हैं, इस नाते उनके द्वारा लीज लेना गैर कानूनी है।हेमंत सोरेन ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9 और संविधान के अनुच्छेद 191(ए) का भी उल्लंघन किया है। अतः धारा 9 (ए) के तहत हेमंत सोरेन को डिसक्वालीफाई करना चाहिए।
हेमंत सोरेन भारत सरकार के द्वारा जारी कोड ऑफ कंडक्ट के भी दोषी
रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन भारत सरकार के द्वारा जारी कोड ऑफ कंडक्ट के भी दोषी हैं। कोड ऑफ कंडक्ट के अनुसार कोई भी मिनिस्टर व सीएम किसी तरह का बिजनस नहीं कर सकता है। फिर भी हेमंत सोरेन, सीएम के पद पर रहते हुए, सरकार चलाते हुए अपने नाम से व्यापार कर रहे हैं। हेमंत सोरेन द्वारा जनता के विश्वास एवं प्रजातांत्रिक व्यवस्था का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। जनता की भलाई करने की जगह वे खुद की भलाई में लगे हैं। ऐसा करने में उन्हें कोई सकोच भी नहीं है। यब सब जानते-मानते हैं कि लोकराज लोकलाज से चलता है। लेकिन सीएम हेमंत सोरेन लोकलाज छोड़कर अपनी तिजोरी भरने में लगे हैं। लेकिन अब उनका कच्चा चिट्ठा सामने आ गया है। इसलिए यदि उनके पास थोड़ी भी नैतिकता शेष है, तो अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
गवर्नर से करेंगे कंपलेन
रघुवर दास ने कहा कि मेरी जानकारी में झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां के सीएम खुद बिजनस कर रहे हैं। इस राज्य में जब-जब झामुमो-कांग्रेस की सरकार बनती है, तब-तब झारखंड शर्मसार होता है। उन्होंने कहा कि यह अपराधिक मामला है। जल्द ही बीजेपी का एक डेलीगेशन गवर्नर से मिलकर सारी बातों को रखेंगा।
सरकार के तलवे चाट रही है ब्यूरोकेसी
एक सवाल के जवाब में रघुवर ने कहा कि यदि सीएम अज्ञानी थे तो कम से कम ब्योकेसी की जिम्मेदारी थी कि वह उन्हें बताती। लेकिन यहां जो प्रशासन है वह सरकार का तलवा चाट रहा है।
बसंत सोरेन की सदस्यता समाप्त होनी चाहिए
रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन के साथ-साथ उनके एमएलए भाई बसंत सोरेन पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि 28 जनवरी को मैंने ग्रैंड माइनिंग कंपनी पर कुछ सवाल उठाये थे। इस संदर्भ में परिवार की भक्ति में लीन झामुमो नेता ने लोगों को गुमराह कर सच पर परदा डालने का प्रयास किया है। वास्तविकता यह है कि ग्रैंड माइनिंग कंपनी पर सरकार का आज भी आठ करोड़ रुपये बकाया है। बकाया वसूलना तो दूर कंपनी आज भी इलिगल माइनिंग का काम कर रही है और पत्थर बांग्लादेश जा रहा है। ग्रैंड माइनिंग कंपनी के कौन डायरेक्टर है, यह संताल परगना का बच्चा-बच्चा जानता है। जो पार्टनर है, वह सत्ताधारी परिवार का है। लाभ का पद बनता है। अविलंब बसंत सोरेन की सदस्यता समाप्त होनी चाहिए। बसंत सोरेन स्वयं त्याग पत्र दें, क्योंकि यह लाभ के पद का मामला बनाता है।