Jharkhand : पंकज मिश्रा की वाइफ को सरकारी खर्चे पर बॉडीगार्ड देने की अनुशंसा, साहिबगंज DC की दरियादिली
झारखंड के संताल में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में मनी लांड्रिंग में अरेस्ट पंकज मिश्रा की वाइफ रीता मिश्रा की जान को खतरा है। साहिबगंज डीसी राम निवास यादव ने रीता मिश्रा सरकारी खर्च पर दो बॉडीगार्ड देने की देने की अनुशंसा प्रमंडलीय आयुक्त से की है।
रांची। झारखंड के संताल में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में मनी लांड्रिंग में अरेस्ट पंकज मिश्रा की वाइफ रीता मिश्रा की जान को खतरा है। साहिबगंज डीसी राम निवास यादव ने रीता मिश्रा सरकारी खर्च पर दो बॉडीगार्ड देने की देने की अनुशंसा प्रमंडलीय आयुक्त से की है।
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डीसी ने पहले भी की थी अनुशंसा
साहिबगंज डीसी ने 20 दिसंबर 2022 को भी कमिश्नर से बॉडीगार्ड देने की अनुशंसा की थी। अब रिमाइंडर भेजकर फिर से अनुशंसा की है। रीता मिश्रा साहिबगंज में जिरवाबाड़ी ओपी अंतर्गत एसडीओ कोठी के समीप सकरोगढ़ में रहती हैं। डीसी रामनिवास यादव ने कमिश्नर को भेजी गई अनुशंसा में जानकारी दी है कि रीता मिश्रा को कोर्ट व मेडिकल वर्क के सिलसिले में अपने हसबैंड से मिलने के लिए साहिबगंज-रांची आना-जाना करना पड़ता है। साहिबगंज जिले में उत्पन्न वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जिला सुरक्षा समिति की बैठक में रीता मिश्रा की सुरक्षा व संवेदनशीलता को देखते हुए सरकारी खर्चे पर दो बॉडीगार्ड उपलब्ध कराए जाने के लिए पूर्व में भी अनुशंसा की गई थी। उक्त अनुशंसा पर राज्य सरकार की स्वीकृति अनिवार्य है। अब तक अनुशंसा गृह विभाग को नहीं भेजे जाने के बाद एक बार फिर जिला सुरक्षा समिति की बैठक 16 मार्च 2022 को की गई थी। उक्त बैठक में भी रीता मिश्रा को सरकारी खर्चे पर दो बॉडीगार्ड उपलब्ध कराने का पुन: निर्णय लिया गया है। डीसी ने आयुक्त ने आग्रह किया है कि राज्य सरकार की स्वीकृति के लिए जल्द अनुशंसा भेजें, ताकि उन्हें बॉडीगार्ड दिया जा सके।
कमिश्नर की अनुशंसा होम सेकेरेटरी के पास जायेगी
प्रमंडलीय आयुक्त से अनुशंसा होम सेकरेटरी के पास जायेगी। होम सेकरेटरी की अध्यक्षता में गठित समिति की स्वीकृति के बाद ही बॉडीगार्ड देने का प्रविधान है। पंकज मिश्रा सीएम के विधायक प्रतिनिधि है। पंकज को ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में19 जुलाई 2022 को अरेस्ट किया था। बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल रांची में बंद रहे पंकज मिश्रा वर्तमान में ज्यूडिशियल कस्टडी में रिम्स में इलाजरत है।
सरकारी खर्चे पर बॉडीगार्ड देने का नियम
बॉडीगार्ड देने के लिए सबसे पहले जिला में जिला सुरक्षा समिति की बैठक होती है। इसके अध्यक्ष डीसी होते हैं। एसपी व स्पेशल ब्रांच के संबंधित डीएसपी उसके सदस्य होते हैं। जिला सुरक्षा समिति की अनुशंसा आयुक्त से होते हुए गृह सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य सुरक्षा समिति को भेजी जाती है। राज्य सरकार की अनुमति के बाद ही बॉडीगार्ड दिया जाता है। इसमें सरकारी खर्चे पर बॉडीगार्ड उन्हें दिया जाता है, जिसमें समिति को लगता है कि उस व्यक्ति की जान-माल को खतरा है और उसे बॉडीगार्ड देने अत्यंत आवश्यक है। वहीं, निजी खर्च पर बॉडीगार्ड उन्हें दिया जाता है, जो भुगतान में सक्षम होते हैं और उन्हें भी जान-माल का खतरा रहता है।