झारखंड: Rajya Sabha चुनाव-2016 Horse Trading Case में जुड़ी पीसी एक्ट की सेक्शन, एएसपी हटिया करेंगे इन्विस्टीगेशन
राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग के मामले में रांची के जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (पीसी एक्ट) की सेक्शन जोड़ दी गयी है। रांची पुलिस ने पीसी एक्ट जोड़ने के बाद इसकी लिखित जानकारी कोर्ट को दे दी है। पीसी एक्ट का सेक्शन धारा जोड़ने के साथ ही इस केस का इन्विस्टीगेशन की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर से लेकर हटिया के एएसपी विनित कुमार को सौंपी गई है।
- जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (पीसी एक्ट) की सेक्शन लगी
- रांची पुलिस ने पीसी एक्ट जोड़ने के बाद लिखित जानकारी कोर्ट को दी
रांची। राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग के मामले में रांची के जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (पीसी एक्ट) की सेक्शन जोड़ दी गयी है। रांची पुलिस ने पीसी एक्ट जोड़ने के बाद इसकी लिखित जानकारी कोर्ट को दे दी है। पीसी एक्ट का सेक्शन धारा जोड़ने के साथ ही इस केस का इन्विस्टीगेशन की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर से लेकर हटिया के एएसपी विनित कुमार को सौंपी गई है।
जिनपर पीसी एक्ट लगाया गया है, उनमें कांड के एफआइआर एक्युज्ड एडीजी अनुराग गुप्ता व तत्कालीन सीएम रघुवर दास के सलाहकार अजय कुमार शामिल हैं। स्टेट गवर्नमेंट ने एक्स सीएम रघुवर दास को नन FIR एक्युज्डबनाने संबंधित प्रोपोजल को स्वीकृति दी थी। भारत निर्वाचन आयोग के आदेश के आलोक में रांची पुलिस ने कानूनी सलाह लेने के बाद राज्य सरकार की अनुमति पर यह कार्रवाई की है।
17 माह से सस्पेंड चल रहे हैं एडीजी अनुराग गुप्ता
एडीजी अनुराग गुप्ता लगभग 17 माह से सस्पेंड चल रहे हैं। गवर्नमेंट ने वर्ष 2020 की 14 फरवरी को एडीजी अनुराग गुप्ता को सस्पेंडकर दिया था। उस समय वे सीआइडी के एडीजी थे। उनके खिलाफ राज्यसभा चुनाव 2016 में बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन एमएलए निर्मला देवी को लालच देने और उनके हसबैंड एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप है।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर दर्ज हुई थी FIR
स्पेशल ब्रांच के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता पर वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन एमएलए निर्मला देवी को लालच देने और उनके हसबैंड एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप लगा था। भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विकास मोर्चा की शिकायत पर इसकी जांच कराई थी। आयोग ने प्रथम दृष्ट्या आरोप को सही पाते हुए उनके विरुद्ध एफाइआर दर्ज करने का आदेश दिया था। हॉर्स ट्रेडिंग मामले में (पीसी एक्ट) जोड़ने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग का ही था।
भारत निर्वाचन आयोग ने सुनवाई के बाद 2017 में ही हॉर्स ट्रेडिंग मामले में धारा 171बी व 171सी आइपीसी के अलावा पीसी एक्ट भी लगाने का आदेश दिया था। उस समय स्टेट में रघुवर दास के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी। उस वक्त सरकार ने पीसी एक्ट लगाने की अनुमति नहीं दी थी। तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता व सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ वर्ष 2018 की 29 मार्च को केवल जमानतीय धारा 171बी व 171सी में FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद ही तीनों एक्युज्ड पर पीसी एक्ट लगाया गया है।