झारखंड: कोयलांचल धनबाद में क्यों बनता है गोफ? पता लगाएंगे IIT ISM के एक्सपर्ट्स
कोयला राजधानी धनबाद में आये दिन जमीन धंसने व गोफ बनने की सूचना मिलती रहती है। बरसात में कोलियरी एरिया में भूधंसान व फायर एरिया में यह बढ़ जाती है। लोकल लोग इसे लेकर चिंतित रहते हैं। कोल मिनिस्टरी ने इसे गंभीरता से लेते हुए आईआईटी आईएसएम धनबाद को इसपर रिसर्च करने की जिम्मेवारी सौंपी हैं।
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में आये दिन जमीन धंसने व गोफ बनने की सूचना मिलती रहती है। बरसात में कोलियरी एरिया में भूधंसान व फायर एरिया में यह बढ़ जाती है। लोकल लोग इसे लेकर चिंतित रहते हैं। कोल मिनिस्टरी ने इसे गंभीरता से लेते हुए आईआईटी आईएसएम धनबाद को इसपर रिसर्च करने की जिम्मेवारी सौंपी हैं।
आईआईटी आईएसएम के प्रोफेसर संजीत कुमार पॉल, प्रोफेसर आरएम भट्टाचार्य, प्रोफेसर रीमा चटर्जी व प्रोफेसर पीएस पॉल इसपर रिसर्च करेंगे। कोल मिनिस्टरी ने उक्त प्रोजेक्ट के लिए दो करोड़ रुपये स्वीकृत किया है। प्रोफेसर आरएम भट्टाचार्य का कहना है कि बीसीसीएल के झरिया व ईसीएल में इसपर जियोफिजिकल उपकरण के माध्यम से रिसर्च होगा। पुरानी माइंस होने के कारण नक्शा पर्याप्त नहीं है। जमीन के ऊपर से यह पता नहीं चलता है। कहीं से भी जमीन धंसने, गोफ बनने या जमीन से आग निकलने की सूचना मिलती है। इस कारण हम जियोफिजिकल उपकरण के माध्यम से उक्त खतरों का अध्ययन करेंगे।
प्रोफेसर भट्टाचार्य ने बताया कि हमारा प्रयास होगा कि ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित किया जाए, ताकि खतरा रहने पर संबंधित क्षेत्र के लोगों को समय रहते उक्त स्थान से बाहर निकाला जा सके। वाटरलॉग्ड एरिया का भी अध्ययन करेंगे। फंड की स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही हमलोग संबंधित क्षेत्र में काम शुरू करेंगे।