धनबाद: पुलिस सुरक्षा के बीच कोरोना पेसेंट की डेड बॉडी की अंतिम संस्कार के लिए आमझर में हुआ शमशान का निर्माण 

जिला प्रशासन द्वारा बलियापुर आमझर मौजा में कोरोना  संक्रमण से मृत पेसेंट की बॉडी की अंत्येष्टि के लिए चिह्नित जमीन पर सोमवार को श्मशान निर्माण युद्धस्तर पर काम कराया गया।

धनबाद: पुलिस सुरक्षा के बीच कोरोना पेसेंट की डेड बॉडी की अंतिम संस्कार के लिए आमझर में हुआ शमशान का निर्माण 
  • मुखिया समेत कइयों लोगों को घंटो पुलिस स्टेशन में बैठाया गया

धनबाद। जिला प्रशासन द्वारा बलियापुर आमझर मौजा में कोरोना  संक्रमण से मृत पेसेंट की बॉडी की अंत्येष्टि के लिए चिह्नित जमीन पर सोमवार को श्मशान निर्माण युद्धस्तर पर काम कराया गया। ग्रामीणों और पुलिस के बीच रविवार संघर्ष के बाद काम बंद हो गया था। भारी पुलिस व्यवस्था के बीच सोमवार को निर्माण कार्य शुरू  किया गया।
पुलिस ने श्मशान निर्माण का विरोध करने वालों पर दबिश दी है। आमझर और आसपास के गांवों के मुखिया, पूर्व मुखिया को बलियापुर पुलिस स्टेशन में बुलाकर बैठा दिया गया था। सभी लोगों को शाम  पांच बजे  तक पुलिस स्टेशन में रखा गया।  इनमें मुखिया संजय महतो, मनोज सिंह, संतोष रवानी, पूर्व मुखिया कन्हाई बनर्जी, रफीक अंसारी शामिल हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से लोकल लोगों में आक्रोश है। पुलिस द्वारा रविवार को लाठीचार्ज के बाद ग्रामीण सहम गये हैं। 

धनबाद जिले में जहां-जहां भी दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट हैं वहां पर कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा है। इसके बाद प्रशासन ने आमझर में एक अलग श्मशान घाट और कब्रिस्तान बनाने का निर्णय लिया है। लेकिन यहां भी विरोध हो रहा है। लोकल  ग्रामीणों को कहना है कि यहां अंतिम संस्कार होने से कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलेगा। सोमवार को आमझर में कोरोना से मरनेवाले लोगों को दफनाने और उनकी अंत्येष्टि करने के लिए सफाई, रास्ता बनाने व घेराबंदी का काम  शुरू हुआ। आधा दर्जन पुलिस स्टेशन की पुलिस यहां कैंप कर रही थी।

पुलिस लाइन धनबाद से भी पुलिस को बुलाया गया था। बलियापुर के सीओ, बीडीओ और थाना प्रभारी की देखरेख में काम किया जा रहा था।  रविवार को पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प के बाद प्रशासन की ओर से रात में इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया गया था। धनबाद पुलिस लाइन से वज्रवाहन को भी बुलाया गया था। आमझर नया मस्जिद के पास सोमवार को ग्रामीणों की बैठक होनी थी। लोगों का जुटान सुबह से होने लगा था। पुलिस ने माइक से अलाउंस कर बैठक नहीं करने की चेतावनी दी। पुलिस ने आमझर के अलावा  परघा, निचितपुर, सुफलडीह  आदि गांव में माइक से प्रचार कर कहा कि समूह में आदमी देखे जाने पर उन पर कार्रवाई की जायेगी। इस कारण ग्रामीणों की होनेवाली बैठक नहीं हो सकी।