Jharkhand: के राजू को कांग्रेस का प्रदेश प्रभारी बनने से धनबाद कांग्रेस में बदलेगा समीकरण
कांग्रेस अलाकमान द्वारा के राजू को झारखंड कांग्रेस का प्रदेश प्रभारी नियुक्त से पार्टी में स्टेट के साथ-साथ धनबाद जिला में भी समीकरण बदलने की संभावना है। धनबाद के कांग्रेसियों का कहना है कि इस बदलाव का असर धनबाद सहित राज्य के हर जिलों में दिखेगा।

धनबाद। कांग्रेस अलाकमान द्वारा के राजू को झारखंड कांग्रेस का प्रदेश प्रभारी नियुक्त से पार्टी में स्टेट के साथ-साथ धनबाद जिला में भी समीकरण बदलने की संभावना है। धनबाद के कांग्रेसियों का कहना है कि इस बदलाव का असर धनबाद सहित राज्य के हर जिलों में दिखेगा।
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कांग्रेस नेताओं का कहना है कि नये प्रदेश प्रभारी प्रशासनिक सेवा छोड़कर राजनीति में आये हैं। वर्ष 2013 में बाद में राजनीति में आते ही राजू कांग्रेस से जुड़े। पार्टी में इनकी छवि अनुशासन प्रिय तथा टारगेट ओरिएंटेड नेता के रूप में रही है। विधानसभा चुनाव तथा लोकसभा चुनाव में धनबाद में कांग्रेस का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरुप नहीं रहा है। विधानसभा चुनाव में तो झरिया एकमात्र झरिया सीट भी कांग्रेस हार गई थी। लोकसभा चुनाव में तो पिछले चार बार से कांग्रेस हारती चली आ रही है।
पुराने कांग्रेसियों ने कहा कि गुलाम अहमद मीर पूरी तरह से राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े थे। राजनीतिक हर जोड़-घटाव को जानते थे। यही कारण था कि धनबाद के कई कांग्रेसियों से उनके मधुर संबंध थे। धनबाद के कई कांग्रेसी तो गुलाम अहमद मीर विधानसभा चुनाव में समर्थन के लिए कश्मीर भी गये थे। टिकट वितरण को लेकर उनपर गंभीर आरोप लगाया गया था। टिकट वितरण में पारिवादवाद को बढ़ावा देने का मामला राहुल गांधी तक पहुंचा था।
नये प्रभारी के बारे में धनबाद के कई कांग्रेसियों का कहना है कि के राजू राजनीति जोड़-घटाव पर कम जमीनी सच्चाई पर अधिक काम करते हैं। टारगेट सेट करना तथा तय समय में उसे करवाने पर विश्वास रखते हैं। अगर टारगेट पूरा नही हुआ तो एक-दो मौका देते हैं। इसके बाद भी टार्गेट हासिल नहीं हुआ हुआ तो फि्र पद से छुट्टी। नये प्रभारी के बारे में कहा जाता है कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक समय देने पर भी जोर देते हैं।
निशाने पर जिलाध्यक्ष, हो सकती है छुट्टी!
धनबाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह की कार्यशैली से जिला कांग्रेस का एक बड़ा तबका नाराज है। खासकर दलित नेताओं का वर्ग शुरु से ही खिलाफ में है। आरोप है कि जिला अध्यक्ष एक खास वर्ग को तरजीह देते हैं। गुटबाजी को बढ़ावा देते हैं। एक-दूसरे में मतभेद कराते रहते हैं। विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए कैसे-कैसे लोगों की अनुशंसा की गयी, जिसकी जांच की मांग की जाती रही है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो व झरिया की एक्स एमएलए पूर्णिमा नीरिज सिंह लगातार जिलाअध्यक्ष पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगाते रहे हैं। जिला अध्यक्ष की कारगुजारियों का चिट्ठा नये प्रभारी तक पहुंचाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि झारखंड में धनबाद समेत आधा दर्जन जिला अध्यक्ष को बदला जा सकता है।