CIL पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया, पेमेंट में आनाकानी: CM हेमंत
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोल इंडिया पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है। यह राज्य का अधिकार है। वे इसे लेकर रहेंगे। अगर यह राशि नहीं मिली तो कोयला-खनिज पर बैरिकेडिंग और ताला लगायेंगे। झारखंड से कोयला-खनिज नहीं ले जाने देंगे।
रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोल इंडिया पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है। यह राज्य का अधिकार है। वे इसे लेकर रहेंगे। अगर यह राशि नहीं मिली तो कोयला-खनिज पर बैरिकेडिंग और ताला लगायेंगे। झारखंड से कोयला-खनिज नहीं ले जाने देंगे।
झारखंडियों की भावना के अनुरूप बनायेंगे स्थानीय नीति, 1932 खतियान पर हेमंत का एलान
Inspite of repeated consultations held with @CoalMinistry & @NITIAayog regarding non payment of long standing legitimate dues of Rs 1.36 lakh crores related to mining done by Central PSUs, Govt of India has paid no heed so far. I have written to @JoshiPralhad’ji in this regard. pic.twitter.com/VcSReuyQaa
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) March 26, 2022
सीएम ने ट्वीट कर कहा है कि बार-बार परामर्श के बाद भी बकाया का भुगतान नहीं किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा किये गयेमाइनिंग कार्य से संबंधित एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये के वैध बकाया का पेमेंट नहीं किया जा रहा है।इस संबंध में सेंट्रल गवर्नमेंट ने अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने कहा है कि इस बाबत कोल मिनिस्टर प्रहलाद जोशी को पिछले दिनों पत्र लिखा है।
बाहर नहीं जाने देंगे कोयला
सीएम ने बजट सेशन के समापर पर विधानसभा में सेंट्रल गवर्नमेंट और कोल कंपनियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि डीवीसी के बहाने सेंट्रल गवर्नमेंट ने आरबीआई के राज्य कंसोलिडेटेड फंड से 3000 करोड़ काटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कोल कंपनियों के पास राज्य का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है। इसका राज्य को जल्द भुगतान किया जाये। ऐसे नहीं होने पर हम कोयला राज्य से बाहर नहीं जाने देंगे। ताला लगा देंगे।ल कंपनियों से हर हाल में बकाया लेकर रहेंगे।
बीजेपी झारखंड की हकीकत से दूर
उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्र को हो, मुंडारी, कुड़ुख को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रोपोजल भेजा था। सरना धर्म कोड का प्रोपोजल भेजा था, उनका क्या हुआ? हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी के लीडर कहते हैं कि सीएम को पेंशन, राशन आदि पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। उनके इस वैचारिक बौनापन पर हंसी आती है। ये झारखंड की हकीकत से कितने दूर हैं, यह पता चलता है। आज सरकार को गरीबों को एक हजार रुपये पेंशन, दस रुपये में धोती-साड़ी, एक रुपये किलो अनाज देना पड़ता है तो इसके लिए जिम्मेदार विपक्ष के लोग हैं।
बीजेपी ने सत्ता सुख भोगते हुए भी गरीबों के लिए कुछ नहीं किया
सीएम ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता सुख भोगते हुए भी गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। पिछली सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए नहीं पूंजीपतियों के लिए एक रुपये में 50 लाख की संपत्ति के निबंधन की व्यवस्था की। हमारी प्राथमिकता में 50 लाख की संपत्तिवाले लोग नहीं हड़िया बेचनेवाली 25 हजार महिलाएं हैं। उन्हें मुख्य धारा में लाना ही महिला सशक्तिकरण है।
महंगाई से बढ़ेगी गरीबी, भ्रूण हत्या और बाल विवाह
महंगाई बढ़ने के लिए सीएम ने सेंट्रल गवर्नमेंट को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने चिंता भी जताई कि इससे गरीबी, भ्रूण हत्या, बाल विवाह जैसी कुप्रथाएं बढ़ेंगी। उन्होंने पहले 15-20 हजार कमानेवाले भी अपने बच्चों को पढ़ाने का सपना पूरा करता था अब तो पेट की चिंता करनी पड़ रही है। महंगाई की चपेट में सबसे अधिक आदिवासी और दलित आयेंगे।