Jharkhand: हजारीबाग भूमि घोटाला में ACB की बड़ी कार्रवाई, नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह के छह ठिकानों पर रेड
हजारीबाग भूमि घोटाला और शराब घोटाले में IAS विनय चौबे के सहयोगी कारोबारी विनय सिंह के 6 ठिकानों पर ACB की छापेमारी। 198 फाइलें, 27 सीपीयू, 4 डीड, 2 मोबाइल और लैपटॉप बरामद।

- ACB को मिले 198 फाइलें, 27 सीपीयू, चार डीड, दो मोबाइल और एक लैपटॉप
- जेल में बंद IAS विनय चौबे के सहयोगी हैं बिजनसमैन विनय सिंह
रांची। झारखंड में हजारीबाग भूमि घोटाले और शराब घोटाले से जुड़े मामलों में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रविवार को सस्पेंड IAS अफसर विनय चौबे के करीबी बिजनसमैन विनय सिंह के छह ठिकानों पर एक साथ रेड की। एसीबी ने सुबह 6:15 बजे से शाम 6:15 बजे तक चली रेड के दौरान 198 फाइलें, 27 सीपीयू, चार जमीन से जुड़े डीड, दो मोबाइल और एक लैपटॉप जब्त किया है।
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कहां-कहां हुई रेड
एसीबी की चार अलग-अलग टीमों ने रांची के चुटिया, अनंतपुर थर्ड स्ट्रीट स्थित आवास, डिबडीह स्थित टाटा मोटर्स शोरूम (एसएस मोटोजेन प्राइवेट लिमिटेड), डिबडीह स्थित नेक्सजेन सॉल्यूशन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कार्यालय, लालपुर पीस रोड स्थित अपार्टमेंट, हजारीबाग के डेमोटांड स्थित शोरूम में रेड की। रेड के दौरान ACB की टीम ने शराब घोटाले और जमीन की अवैध जमाबंदी से संबंधित दस्तावेज जब्त किए। बरामद डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच से बड़े खुलासे की संभावना जतायी जा रही है।
घोटाले से जुड़ा मामला
IAS विनय चौबे पहले से ही शराब घोटाले में जेल में बंद हैं। उनके करीबी कारोबारी विनय सिंह को ACB ने 25 सितंबर को वन भूमि घोटाले में गिरफ्तार किया था।आरोप है कि हजारीबाग में सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी करायी गयी थी। इस मामले में IPC की धारा 120B, 420, 467, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) व 13(1)(D) के तहत केस दर्ज है। विनय सिंह वर्तमान में हजारीबाग के लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।
शराब घोटाले का कनेक्शन
मई 2022 की नई उत्पाद नीति के दौरान विनय चौबे पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर पसंदीदा कंपनियों को शराब दुकानों में मैनपावर सप्लाई का ठेका दिलाया। इससे सरकार को करीब 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
निष्कर्ष
ACB ने रेड से मिले दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य को सुरक्षित कर लिया है। जांच एजेंसी को उम्मीद है कि इससे जमीन व शराब घोटाले की साजिश में शामिल कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
शराब घोटाला मामले में वारंट के बावजूद विनय सिंह की नहीं हो सकी थी गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि शराब घोटाला मामले में गिरफ्तारी वारंट के बावजूद विनय सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इस मामले में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व सचिव आइएएस विनय कुमार चौबे 20 मई को गिरफ्तार हुए थे। इसके बाद एक-एक कर 11 आरोपित पकड़े गये थे। इस मामले में विनय चौबे के करीबी नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह भी आरोपित थे, जिनकी गिरफ्तारी के लिए एसीबी ने गिरफ्तारी वारंट भी निकाला था, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। शराब घोटाले का यह मामला मई 2022 में लागू तत्कालीन नई उत्पाद नीति से जुड़ा है।तब तत्कालीन विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे थे। उनके कार्यकाल में फर्जी बैंक गारंटी पर दो प्लेसमेंट एजेंसियां मार्शन व विजन ने शराब की खुदरा दुकानों में मैनपावर आपूर्ति का ठेका ले लिया था। इससे राज्य सरकार को करीब 38 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ था। सभी आरोपितों पर यह आरोप है कि एक साजिश के तहत नियमों को ताक पर रखकर अपनी चहेती कंपनियों को मैनपावर आपूर्ति का ठेका दिलाया गया था।
गैर मजरूआ खास व जंगल झाड़ी किस्म की भूमि की अवैध तरीके से खरीदने व जमाबंदी करवाने का आरोप
विनय सिंह पर सरकारी अधिकारियों-कर्मियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचते हुए गैर मजरूआ खास व जंगल झाड़ी किस्म की भूमि की अवैध तरीके से अपने व अपनी वाइफ स्निग्धा सिंह के नाम पर खरीदने व जमाबंदी करवाने का आरोप है। आटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा के संचालक विनय सिंह निलंबित आइएएस अफसर विनय कुमार चौबे के करीबी हैं। इस विवादित जमीन की खरीद-बिक्री व जमाबंदी हजारीबाग के तत्कालीन डीसी विनय कुमार चौबे के कार्यकाल में ही हुई थी। हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त विनय चौबे के कार्यकाल में वन भूमि से संबंधित पांच प्लाट की अवैध तरीके से जमाबंदी हुई थी। मामला उजागर होने के बाद वर्ष 2013 में सभी अवैध जमाबंदी को रद किया गया था। इसे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भी सही ठहराया था। जंगल झाड़ी दर्ज किसी भूमि का भारत सरकार के पूर्वानुमति के बिना गैर वानिकी कार्य के लिए उपयोग करना वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। इस मामले में भी एसीबी ने पहले प्रारंभिक जांच की थी।इसमें हजारीबाग के तत्कालीन डीसी विनय चौबे की भूमिका भी सामने आयी थी। इस जांच में पुष्टि के बाद एसीबी ने मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से प्राथमिकी की अनुमति मांगी। अनुमति मिलने के बाद एसीबी ने 25 सितंबर को कांड संख्या 11/25 में एफआइआर दर्ज की थी। इस केस में एफआइआर के दिन ही विनय सिंह की गिरफ्तारी हुई है।