Jharkhand:धनबाद में झारखंड की सबसे बड़ी GST रेड, फर्जी कंपनियां बना डेढ़ सौ करोड़ की हेराफेरी
कोयला राजधानी धनबाद में रखंड की सबसे बड़ी जीएसटी रेड हुई है। इस रेड में 25 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाकर जीएसटी में लगभग डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की हेराफेरी का खुलासा हुआ है।
- रेड में नोट गिनने की मशीन बरामद
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में रखंड की सबसे बड़ी जीएसटी रेड हुई है। इस रेड में 25 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाकर जीएसटी में लगभग डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की हेराफेरी का खुलासा हुआ है। जीएसटी की टीम ने रेड के दौरान नोट गिनने की तीन मशीन जब्त की है।
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जममशेदपुर डीजीजीआई यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने धनबाद में शुक्रवार की रात तक कोल बिजनसमैनरी सौरभ सिंघल और उनके पार्टनर शिवम सिंह समेत अन्य के दर्जनभर ठिकानों पर रेड किया है। सौरभ सिंघल एंड टीम ने 25 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाकर जीएसटी में लगभग डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की हेराफेरी की है। टीम ने धनबाद के धैया रोड के हवेली अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 303, 505 व 901 के साथ झरिया के लक्ष्मीनिया मोड़, राजा तालाब स्थित मां देवासर इंटर प्राइजेज, एमएस भगवती इंटरप्राइजेज, जय मां विंध्यवासिनी इंटरप्राइजेज और ट्रिनिटी फ्यूल में रेज की है। वहीं मटकुरिया में एक, केंदुआडीह में दो और तपोवन कॉलोनी में भी एक जगह रेड हुई है। हवेली अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 303 और 901 सौरभ सिंघल तो 505 शिवम सिंह का बताया जाता है। बताया जाता है किजीएसटी की रेड करने वाली टीम के पहुंचने के पहले ही सौरभ सिंघल, मनीष सिंह, रेसव सुरेश बंसल और मिथिलेश सिंह निकल गये थे। रेड में कई दस्तावेज मिलने की बात कही जा रही हैं।
रेड के दौरान मिले कागजात से भारी मात्रा में टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। कार्रवाई आगे बढ़ने पर इसमें शामिल कई और चहरे के बेनकाब होने की संभावना है। रेड में धनबाद, जमशेदपुर और रांची के 50 से अधिक जीएसटी अफसर व स्टाफ काम कर रहे हैं। इस रेड के आधार पर आधार बना आगे और बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
फर्जी कंपनी के ई वे बिल का किया गया उपयोग
जानकार सोर्सेज का कहना है कि चोरी के कोयले को बाहर भेजने के लिए फर्जी कंपनी के ई वे बिल का इस्तेमाल किया जाता था। लगभग तीन वर्षों से यह काम किया जा रहा था। अब तक जीएसटी चोरी के 150 करोड़ के इनवॉइस मिलाने की बात कही जा रही है।अगर इनवॉइस फर्जी कंपनी के नहीं होते तो सरकार को लगभग 40 करोड़ का रेवन्यू सरकार को मिलता। जिन कंपनियों को फर्जी कंपनियों के ई वे बिल पर कोयला बेचा है. उन कंपनियों से जीएसटी वसूला जायेगा। इन कंपनियों को नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है। कुल आठ ठिकानों पर रेड की गयी है।