Jharkhand: रांची में जमीन हड़पने के मामलों की जांच करेगी SIT, छह IPS और एक ASP टीम में शामिल

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने रांची में जमीन हड़पने के मामलों की जांच के लिए सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। इस एसआईटी के अध्यक्ष सीआईडी के आईजी संगठित अपराध सह कारा महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल बनाये गये हैं। 

Jharkhand: रांची में जमीन हड़पने के मामलों की जांच करेगी SIT, छह IPS और एक ASP टीम में शामिल
डीजीपी अनुराग गुप्ता (फाइल फोटो)।
  • DGP ने सभी DSP और थानेदारों को दिया नया निर्देश
  • रांची में जमीन से जुड़े सभी प्रमुख मामलों की रिव्यू करेगी एसआईटी
  • जांच की दिशा और दशा, पेंडिंग रहने के कारणों को भी तलाशेगी टीम
  • डीजीपी ने जमीन माफिया की सूची उपलब्ध कराने का दिया है आदेश

रांची। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने रांची में जमीन हड़पने के मामलों की जांच के लिए सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। इस एसआईटी के अध्यक्ष सीआईडी के आईजी संगठित अपराध सह कारा महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल बनाये गये हैं। 
यह भी पढ़ें:Bihar: सरकार बनी तो एक घंटे में शराबबंदी खत्म करेंगे: प्रशांत किशोर

एसआइटी में डीआईजी मयूर पटेल कन्हैयालाल, कार्तिक एस., संध्या रानी मेहता, एसपी ऋषभ कुमार झा, अनुरंजन किस्पोट्टा व एएसपी दीपक कुमार सदस्य बनाये गये हैं। डीजीपी ने एसआईटी को जमीन के सभी प्रमुख मामलों की गहन समीक्षा का आदेश दिया है। वैसे मामले, जिनमें फाइनल रिपोर्ट दी जा चुकी है या फिर उनका इन्विस्टीगेशन पेंडिंग है, उसे भी जांच के अधीन रखा गया है।एसआईटी इन्विस्टीगेशन की दशा व दिशा देखेगी, आरोपितों पर कार्रवाई हो रही है या नहीं, कोई निर्दोष तो नहीं फंस रहा है, लंबे समय से अनुसंधान पेंडिंग का कारण तलाशेगी। क्या सीनीयर अफसर समय-समय पर सुपरविजन व IO को सही दिशा-निर्देश दे रहे हैं कि नहीं, उसे भी देखेंगे।
जमीन विवाद से संबंधित मामले की होगी रिव्यू
डीजीपी ने रांची जिले के सभी डीएसपी व थाना प्रभारियों को एसआईटी का सहयोग करने, जमीन माफिया की सूची उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है। प्रत्येक थाने में पिछले कुछ वर्षों से जमीन विवाद से संबंधित जितने भी मामले दर्ज हुए, उसकी गहन समीक्षा होगी। एसआईटी को सहयोग नहीं करने वालों के विरुद्ध भी एसआईटी रिपोर्ट तैयार करेगी। एसआईटी वैसे सरकारी और गैर सरकारी कर्मियों को भी चिह्नित करेगी, जो सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों को प्रभावित करते हैं या जमीन के अवैध स्थानांतरण में संलिप्त हैं।
डीजीपी ने रांची के एसएसपी को भी निर्देश दिया है कि वे अपने कनीय पदाधिकारियों को निर्देशित करें कि एसआईटी को ससमय सूचनाएं उपलब्ध हो। शिथिलता बरतने वालों पर कार्रवाई भी होगी। उल्लेखनीय है कि रांची जिला में खासकर शहरी क्षेत्र में जमीन माफियाओं के द्वारा जमीन के कागजातों का फर्जीवाड़ा कर और बलपूर्वक गलत तरीके से जमीन हड़पने का काम किया जा रहा है।
रांची जिले के सभी डीएसपी को सख्त आदेश
प्रत्येक पुलिस स्टेशन में पिछले कुछ वर्षों में जमीन विवाद से संबंधित आईपीसी धारा 144 ( बीएनएनएस 163) के के तहत जितने भी मामले दर्ज किये गये हैं, उसकी गहन समीक्षा की जायेगी। हालांकि एसआईटी के द्वारा यह समीक्षा  किया जायेगा कि किस पुलिस स्टेशन में किस वर्ष धारा 144 के तहत कितनी कार्रवाई की गयी। आदेश में कहा गया है कि ऐसे कांडो की संख्या ज्यादा है। इसलिए रांची जिला से संबंधित थाना प्रभारी का दायित्व होगा कि वह पिछले कुछ जमीन विवाद से संबंधित दर्ज सभी मामलों की संपूर्ण सूची अपने-अपने क्षेत्र के डीएसपी को उपलब्ध करा देंगे। उसे क्षेत्र के डीएसपी उन जमीन विवाद की स्वयं ग्रहण जांच करते हुए एक रिपोर्ट एसआईटी के अध्यक्ष को समर्पित करेंगे। इसको लेकर रांची के सभी डीएसपी को सख्त आदेश दिया जाता है, कि आदेश प्राप्ति के दो सप्ताह के भीतर कार्य पूरा हो जाना चाहिए।

जमीन हड़पने वाले माफियाओं की लिस्ट एसआईटी थाना प्रभारी से प्राप्त करेंगे
सभी थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र के ऐसे सभी जमीन से संबंधित फर्जीबाड़ा करने वाले व्यक्ति या जमीन पर कब्जा जमाने के लिए बल का प्रयोग करने से संबंधित व्यक्तियों की संपूर्ण सूची बनायेगी। इसे दो सप्ताह के अंदर डीएसपी को उपलब्ध करायेगी।इसी प्रकार सीआईडी आईजी सीआईडी विभाग में दर्ज ऐसे सभी कांड, उपलब्ध जानकारियां और दस्तावेज की सूची एसआईटी को उपलब्ध करायेंगे। यदि कोई थाना प्रभारी जमीन से जुड़े अपराधी की सूचना एसआईटी को जानबूझकर नहीं देता है, तो एसआईटी उसकी भी जानकारी देगी। क्षेत्र के सभी डीएसपी का दायित्व होगा, कि वह थाना प्रभारी से प्राप्त रिपोर्ट पर गहन समीक्षा करेंगे। उसके संबंध में रिपोर्ट एसआईटी को समर्पित करेंगे। एसआईटी अपने कार्यशैली में उन सरकारी और गैर सरकारी कर्मियों को भी चिन्हित करेगी, जो सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों को प्रभावित करते हैं, या उनके सहयोग से जमीन का फर्जीबाड़ा होता है या जमीन के अवैध स्थानांतरण में संलिप्त है।