Jharkhand liquor Scam Case : झारखंड का शराब घोटाला दिल्ली के शराब घोटाले से भी बड़ाः बाबूलाल मरांडी

झारखंड स्टेट बीजेपी प्रसिडेंट सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि झारखंड का शराब घोटाला दिल्ली शराब घोटाले से भी कहीं बड़ा है। अब एसीबी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि झारखंड में 100 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ है। 

Jharkhand liquor Scam Case : झारखंड का शराब घोटाला दिल्ली के शराब घोटाले से भी बड़ाः बाबूलाल मरांडी
बाबूलाल मरांडी (फाइल फोटो)।
  • 'विनय चौबे से ACB केवल चुनिंदा सवाल न पूछे'
  • बाबूलाल मरांडी ने जांच पर उठाये सवाल

रांची। झारखंड स्टेट बीजेपी प्रसिडेंट सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि झारखंड का शराब घोटाला दिल्ली शराब घोटाले से भी कहीं बड़ा है। अब एसीबी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि झारखंड में 100 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ है। 
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नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि इतना बड़ा घोटाला सिर्फ विभागीय अधिकारियों और प्लेसमेंट एजेंसी तक सीमित नहीं हो सकता। इस पूरे प्रकरण में सीएम की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। छत्तीसगढ़ की जिन कंपनियों को शराब कारोबार का जिम्मा सौंपा गया, उनसे हेमंत सोरेन को किन माध्यमों से आर्थिक लाभ पहुंचाया गया है, इसकी भी जांच की जाए। एसीबी सीएम को समन कर उनका पक्ष अवश्य जानें और 100 करोड़ के शराब घोटाले में बगैर किसी राजनीतिक दबाव के हेमंत जी के भूमिका की निष्पक्ष जांच करें।
बाबूलाल ने शराब घोटाले की एसीबी जांच पर सवाल शराब घोटाले की एसीबी जांच पर सवाल उठाते हुए इसे सच पर पर्दा डालने का प्रयास बताया है। उन्होंने अफसर विनय चौबे से चुनिंदा सवाल पूछने के बजाय घोटाले की तह तक जाने वाले सवाल पूछने की बात कही है ताकि इसमें शामिल सभी लोगों के नाम उजागर हो सकें। उन्होंने एक्स पर इस संबंध में लंबा पोस्ट करते हुए कहा है कि एसीबी इस मामले में गिरफ्तार आईएएस अधिकारी विनय चौबे से केवल चुनिंदा सवाल न पूछे, बल्कि वह सभी सवाल पूछे, जिससे घोटाले की तह तक पहुंचा जा सकता है और घोटाले में शामिल सभी लोगों के नाम उजागर हो सकते हैं।


मरांडी ने कहा कि शराब घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे से दो दिनों के रिमांड पर एसीबी पूछताछ कर रही है। अगर इरादा सच में सच्चाई जानने का और घोटाले की तह तक जाने का हो तो उनसे कुछ महत्वपूर्ण सवाल जरूर पूछे जाने चाहिए।
इन सवालों की उन्होंने सूची भी पोस्ट की है। इसमें पहला सवाल यह है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से पहले जो पत्र मैंने मुख्यमंत्री जी को लिखा था, क्या वह आपको (विनय चौबे को) प्राप्त हुआ, अगर मिला, तो क्या उस पत्र को आपने पढ़ा या सिर्फ अलमारी में रख दिया। यदि पढ़ा, तो क्या कार्रवाई की। क्या आपके पास मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई निर्देश आया उस पत्र के संबंध में। मरांडी ने पिछली सरकार में विधायकों को रायपुर शिफ्ट किये जाने के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा है कि वहां की व्यवस्था कराने और होटल में शराब पंहुचवाने के संबंध में भी विनय चौबे से सवाल पूछे जाने चाहिए। प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन उन्होंने खुद किया था या किसी के कहने पर किया था यह भी बताएं।
विनय चौबे और गजेंद्र सिंह से ACB ने की पूछताछ
झारखंड शराब घोटाला मामले में कल गुरुवार 29 मई को एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की टीम ने उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव विनय चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह से पूछताछ की। दोनों से फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर विजन और मार्शन कंपनी द्वारा मैनपावर सप्लाई का काम लेने, सरकार को राजस्व का भुगतान नहीं करने और राजस्व वसूली को लेकर विभाग द्वारा बरती गयी लापरवाही के बिन्दुओं पर पूछताछ की गयी।सप्लाई से जुड़ी अन्य कंपनियों के बारे में भी जानकारी ली गयी।
दोनों अफसरों ने खुद को बताया निर्दोष
पूछताछ के दौरान विनय चौबे और गजेंद्र सिंह ने पूरे मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। दोनों का कहना है कि वह किसी घोटाले में शामिल नहीं हैं और न ही मैनपावर सप्लाई से जुड़ी किसी कंपनी को लाभ पहुंचाने में उनकी कोई भूमिका है। 
विनय चौबे के सगे-संबंधियों से पूछताछ 
मामले में विनय चौबे के सगे-संबंधियों से भी पूछताछ शुरू हुई। एसीबी के नोटिस पर गुरुवार को सबसे पहले एसीबी कार्यालय में विनय चौबे के साला शिपिज पहुंचे। एसीबी के अधिकारियों ने इनसे भी शराब घोटाले, मैन पावर सप्लाई करनेवाली कंपनी के संबंध में और केस से जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में पूछताछ की। इस दौरान शिपिज त्रिवेदी ने किसी भी घोटाले में अपनी संलिप्तता से साफ इंकार किया। विनय चौबे के करीबी विनय कुमार सिंह से एसीबी ऑफिस में सुबह 11:30 बजे से पूछताछ की जा रही है।