जज उत्तम आनंद मर्डर केस, झारखंड हाईकोर्ट में CBI को फटकार, एक्युज्ड को सजा के बाद अब क्या होगी जांच
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच में भुधवार को धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर केस मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्टने सीबीआइ को फटकार लगाई है। कोर्ट ने इन्विस्टीगेटिंग अफसर से कहा कि जब इस मामले में ट्रायल पूरा हो गया है, एक्युज्ड को सजा सुना दी गई है तो फिर सीबीआइ आगे की जांच कैसे जारी रख सकती है।
रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच में भुधवार को धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर केस मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्टने सीबीआइ को फटकार लगाई है। कोर्ट ने इन्विस्टीगेटिंग अफसर से कहा कि जब इस मामले में ट्रायल पूरा हो गया है, एक्युज्ड को सजा सुना दी गई है तो फिर सीबीआइ आगे की जांच कैसे जारी रख सकती है।
हाई कोर्ट ने सवाल किया-क्या सीबीआइ ने जांच जारी रखने के लिए लोअर से छूट प्राप्त की है। किस प्रावधान के तहत इस मामले की जांच की जा रही है? आगे की जांच पूरी होने के बाद सीबीआइ किस कोर्ट में और किस नियम और प्रावधान के तहत पूरक आरोपपत्र दाखिल करेगी।
सीबीआइ पता नहीं लगा सकी षड्यंत्र
हाई कोर्ट ने सभी बिंदुओं पर सीबीआइ से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी। सुनवाई के दौरान मामले के आीओ कोर्ट में उपस्थित हुए थे। आइओ की ओर से कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच जारी है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जिस स्टेज में सीबीआइ ने केस टेकओवर किया था आज भी उसी स्टेज में है। इतने दिनों में सीबीआइ षडयंत्र का पता नहीं लगा पाई। मर्डर के पीछे उद्देश्य का भी खुलासा नहीं कर सकी। सजा सुनाने के बाद सीबीआइ जांच जारी रखने की बात किस आधार पर कह रही है, जबकि लोअर कोर्ट में मामले की सुनवाई को अलग नहीं किया और न ही आगे की जांच के लिए आवेदन देकर छूट की मांग की गई। ऐसे में अब किस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया जायेगा।
मॉर्निंग वॉक के दौरान आटो ने मारी थी टक्कर
धनबाद के जज उत्तम आनंद सुबह मार्निंग वाक कर रहे थे, तभी एक आटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी। जिससे उनकी मौत हो गई थी। धनबाद के जिला जज ने इसकी रिपोर्ट हाई कोर्ट को भेजी थी। इस पर स्वत: संज्ञान लेकर हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है। सरकार के आदेश पर सीबीआइ ने इसकी जांच की। दो नेम्ड एक्युज्ड ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा के खिलाफ मर्डर आरोप के मामले में चार्जशीट दाखिल किया था। CBI की स्पेशल कोर्ट ने छह अगस्त 2022 को अपना फैसला सुनाया। स्पेशल जज रजनीकांत पाठक की कोर्ट ने मामले के दोनों नेम्ड आरोपी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा (22) व उसके सहयोगी राहुल वर्मा (21) को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। दोनों को आजीवन जेल में रहना होगा। कोर्ट ने दोनों दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है। इस बीच सीबीआई की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया है कि वह इस मामले की जांच अभी भी कर रहा है। मर्डर के पीछे के षडयंत्र पता लगाया जा रहा है। इस पर हाईकोर्ट ने पूछा है कि सजा सुनाने के बाद किस नियम के तहत सीबीआई जांच कर रही है?
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद वर्ष 2021 की 28 जुलाई से सुबह लगभग पांच बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। रणधीर वर्मा चौक के समीप ऑटो ने जज को धक्का मार दिया। वह बेहोश होकर गिर गये। घायल जज को SNMMCH ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जज के घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी। रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, इसके बाद पुलिस महकमा जज को ढूंढने में लग गया था। इसके बाद उनके एक्सीडेंट होने का पता। पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जानबूझकर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गई। मामले में जज की पत्नी कृति सिन्हा की कंपलेन पर धनबाद पुलिस स्टेशन में केस नंबर 300/21 दर्ज की गयी थी। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मर्डर की एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने गिरिडीह से ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया। मामले में झारखंड गवर्नमेंट ने एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेजा गया। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसी आधार पर सीबीआई बीते चार अगस्त ने मामले में एफआइआर दर्ज कर जिला पुलिस की केस को टेकओवर कर लिया था। अब सीबीआई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 इस मामले की जांच कर रही है। सीबीआइ ने मर्डर के अलावा ऑटो चोरी एवं मोबाइल चोरी की दो अलग एफआइआर भी दर्ज की है।मामले में सीबीआई ने 20 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने आईपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 16 नवंबर 2021 को उपरोक्त धाराओं में संज्ञान लिया। सीबीआइ ने चार्जशीट में 169 लोगों को गवाह बनाया है।
आरोपियों की हो चुकी है नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग
सीबीआई ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है। छह अगस्त के कोर्ट के आदेश के बाद सात अगस्त को सीबीआई दोनो आरोपितों को रिमांड पर ले गई थी। दोनों की साइ डिटेक्टर समेत अन्य जांच करायी जा चुकी है। 11 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था। सीबीआई की स्पेशल सेल ने नौ अगस्त को कोर्ट से दोनों आरोपीयों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट,ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। नौ एवं 10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाऊस सत्कार में राहुल और लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट ,ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआई की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर आई थी।सीबीआई धनबाद रेलवे स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था। परंतु अब तक सीबीआई मामले की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है। सीबीआइ घटनास्थाल पर तीन बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। सीबीआई दोनों आरोपियों की अहमदाबाद में नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग करायी। दोनों की फिस से ब्रैन मैपिंग व अन्य जांच करायी गयी।