LJP का बंगला EC ने किया फ्रीज, नये नाम और निशान पर लड़ना होगा चुनाव
इलेक्शन कमीशन ने लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का सिंबल (बंगला) फ्रीज कर दिया चुनाव आयोग ने एलजेपी के चुनाव चिह्न बंगला को फ्रीज कर दिया है। यह चुनाव चिह्न फिलहाल पशुपति पारस या चिराग पासवान किसी गुट को नहीं मिलेगा। दोनों गुट अंतरिम उपाय के रूप में नए नाम और चुनाव चिह्न अपने उम्मीदवारों को आवंटित कर सकते हैं।आयोग ने दोनों गुटों को को पांच नवंबर तक अपने दावों के समर्थन में दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है।
नई दिल्ली। इलेक्शन कमीशन ने लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का सिंबल (बंगला) फ्रीज कर दिया चुनाव आयोग ने एलजेपी के चुनाव चिह्न बंगला को फ्रीज कर दिया है। यह चुनाव चिह्न फिलहाल पशुपति पारस या चिराग पासवान किसी गुट को नहीं मिलेगा। दोनों गुट अंतरिम उपाय के रूप में नए नाम और चुनाव चिह्न अपने उम्मीदवारों को आवंटित कर सकते हैं।आयोग ने दोनों गुटों को को पांच नवंबर तक अपने दावों के समर्थन में दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है।
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दोनों ओर से इसके लिये दावे किये गये थे। चुनाव आयोग का कहना है कि पशुपति पारस या चिराग दोनों गुटों में से किसी को भी लोजपा के प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। दोनों गुट अंतरिम उपाय के रूप में नये नाम और चुनाव चिह्न अपने उम्मीदवारों को आवंटित कर सकते हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने दोनों ही पक्षों को अपनी ओर से हल निकालने के लिए कहा है।
रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) पर कब्जे की लड़ाई में पशुपति पारस ने लोकसभा में खुद को संसदीय दल का नेता घोषित कराने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर अपने आपको अध्यक्ष भी घोषित किया हुआ है। पशुपति पारस मोदी कैबिनेट में मिनिस्टर भी बन गये हैं। इसके बावजूद बावजूद इसके चुनाव आयोग से एलजेपी का नाम और चुनाव चिह्न नहीं मिलना उनके लिए बड़ा झटका है। चुनाव आयोग में सबसे पहले पारस की तरफ से ही नाम पर चिह्न पर दावा किया गया था। पशुपति पारस गुट की तरफ से किये गये सभी फैसलों की जानकारी चुनाव आयोग को दी गई थी।
पहले चिराग पहुंचे थे चुनाव आयोग
एलजेपी में विवाद के बाद पारस से पहले चिराग पासवान चुनाव आयोग पहुंचे थे। उन्होंने आयोग से कहा था कि अगर किसी की तरफ से एलजेपी पर दावा किया जाता है तो उसे प्रथम दृष्टया खारिज किया जाए। अगर कोई फैसला भी करना है तो पहले चिराग पासवान का पक्ष सुना जाए।
एलजेपी में बने दो गुट
एलजेपी के छह एमपी में से पांच ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में संसदीय दल का नेता चुना है। इसे स्पीकर की भी मंजूरी मिल चुकी है। पारस गुट ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन करके खुद को पार्टी का अध्यक्ष भी बनवा लिया। वहीं, चिराग पासवान ने भी एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलाकर पारस गुट के फैसलों को पार्टी विरोधी गतिविधि बताकर खारिज कर दिया था।
आयोग के फैसले से बिहार की दो विधानसभा सीट कुशेश्वरस्थान और तारापुर के लिए होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रहे चिराग को भी बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब चिराग और पशुपति पारस गुट चुनाव चिह्न बंगले का इस्तेमाल नहीं कर पायेगा।