Land For Job Scam: जमीन के बदले रेलवे में नौकरी मामले में ED का एक्शन, लालू फैमिली की छह करोड़ की संपत्ति अटैच
जमीन के बदले रेलवे में नौकरी (IRCTC) घोटाले मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई लालू यादव फैमिली पर फिर कार्रवाई की है। ईडी ने लालू यादव व उनकी फैमिली से जुड़े दिल्ली और गाजियाबाद स्थित कई संपत्तियों को जब्त कर लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जब्त की गई संपत्तियों की कीमत छह करोड़ से अधिक बताई जा रही है।
नई दिल्ली। जमीन के बदले रेलवे में नौकरी (IRCTC) घोटाले मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई लालू यादव फैमिली पर फिर कार्रवाई की है। ईडी ने लालू यादव व उनकी फैमिली से जुड़े दिल्ली और गाजियाबाद स्थित कई संपत्तियों को जब्त कर लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जब्त की गई संपत्तियों की कीमत छह करोड़ से अधिक बताई जा रही है।
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बताया जाता है कि गाजियाबाद में जिस संपत्ति को अटैच किया गया है उसका ताल्लुक लालू यादव की बेटी हेमा यादव से है। पिछले दिनों हेमा यादव से भी जांच एजेंसियों ने पूछताछ की थी। इस कार्रवाई के बाद आशंका जताई जा रही है कि अब इस केस में हेमा यादव के पति और उनके ससुर पर भी जांच की तलवार लटक सकती है। दूसरी ओर दिल्ली के न्यूफ्रेंड्स कॉलोनी स्थित संपत्ति को भी जप्त किया गया है। लालू परिवार की यह प्रॉपर्टी काफी चर्चा में रही। यहां डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव रहते हैं। इनके अलावे पटना के बिहटा, महुआबाद, दानापुर में स्थित संपत्तियों को अटैच किया गया है।
ईडी सीबीआई की एफआईआर के आधार पर कार्रवाई यह कर रही है। इस केस को लेकर ईडी लालू, राबड़ी और तेजस्वी समेत परिवार के कई सदस्यों से पूछताछ कर चुकी है।विगत 10 मार्च को लालू यादव एंड फैमीली के साथ-साथ लैंड फॉर जॉब केस से जुड़े कई ठिकानों पर रेड की गयी जिसमें यह ठिकाना भी शामिल था। लैंड फॉर जॉब घोटाला केस मेंईडी के साथ-साथ सीबीआई भी जांच कर रही है। इस केस में लालू यादव के परिवार के कई सदस्यों से पूछताछ की जा चुकी है। जांच एजेंसियों ने लालू यादव के अलावे एक्स सीएम राबड़ी देवी, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, मीसा भारती और परिवार के अन्य सदस्यों से भी पूछताछ की थी। इस मामले में तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट भी दायर किया जा चुका है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने तीन जुलाई को तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। चार्जशीट में तेजस्वी के अलावे अन्य कई लोगों और कंपनियों के नाम आरोपी के तौर पर शामिल हैं।
लालू फैमिल से CBI ने मांगा था संपत्ति का डिटेल
इससे पहले मई में रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले की जांच के क्रम में सीबीआइ ने लालू फैमिली के सभी सदस्यों के नाम से खरीदी गई संपत्ति का डिटेल मांगा था। वर्ष 2004 से 2009 तक तत्कालीन रेल मिनिस्टर लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद, मंत्री तेजप्रताप एवं मीसा भारती समेत लालू की सभी सात बेटियों के नाम से खरीदी, गिफ्ट की गई या लीज पर दी गई अचल संपत्ति का डिटेल मांगा गया था।
सीबीआई एसपी, आर्थिक अपराध इकाई ने राज्य के निबंधन महानिरीक्षक (आइजी) को पत्र भेजकर यह ब्योरा उपलब्ध कराने के लिए कहा था। इसके तहत सहायक निबंधन महानिरीक्षक मनोज कुमार संजय ने राज्य के सभी जिला अवर निबंधक एवं अवर निबंधक को निर्देश भी जारी किये थे। इसमें सभी विवरण सीधे सीबीआई के पुलिस अधीक्षक को भेजने के लिए कहा गया था।100 पन्नों सेअधिक की इस चार्जशीट में केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूरे घोटाले में तीन दर्जन से अधिक लोगों को रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप-डी में नौकरी देने के नाम पर जमीन जायदाद लिखवा नेकी बात कही गई है। सीबीआई की तरफ से इस मामलेमें 18 मई 2022 को दायर पहली चार्जशीट में तत्कालीन रेल मिनिस्टर लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों मीसा भारती समेत अन्य समेत 16 लोगों को नेम्ड एक्युज्ड बनाया गया था। वहीं, दूसरी चार्जशीट में तेजस्वी यादव को भी दोषी मानते हुए एक्युज्ड बनाया गया है। इस मामले को लेकर लालू प्रसाद और उनके परिवार के बिहार समेत अन्य शहरों के ठिकानों पर सीबीआई की रेड भी हो चुकी है।
ऐसे हुआ लैंड फॉर जॉब घोटाला
सीबीआई नेआरोप लगाया है कि 2004-2009 में यूपीए गवर्नमेंट में लालू यादव के रेल मिनिस्टर रहने के दौरान बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर पसंदीदा लोगों को रेलवे में नियुक्त किया गया। एजेंसी के अनुसार रेलवे में नौकरी के बदले में अभ्यर्थियों ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लालू फैमिली के सदस्यों को बाजार भाव से काफी कम दरों पर जमीन बेची थी। आरोप है कि जमीनें राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं। रेलवे में बहाली के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। फिर भी जो पटना के निवासी थे... उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित अलग-अलग जोनल रेलवे में सब्स्टिट्यूट के तौर पर नियुक्त किया गया था। सीबीआई के अनुसार इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को कैश पमेंट कर हासिल की थी।
ED ने IRCTC घोटाला यानी नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में 10 मार्च 2023 को बड़ी एक्स रेल मिनिस्टर लालू यादव के रिश्तेदारों व करीबियों के अलग-अलग 20 से ज्यादा ठिकानों बिहार, झारखंड, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में रेड किया था। ईडी की टीम ने दिल्ली में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ ही लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती, हेमा यादव, रागिनी यादव, चंदा यादव और आरजेडी के एक्स एमएलए अबू दुजाना के अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ रेड की है। ईडी ने लालू के रिश्तेदार और समाजवादी पार्टी के लीडर जितेंद्र यादव के आवास पर भी रेड की है की। लालू यादव के सीए के के चार्टर्ड फर्म एसके नायक एंडएं कंपनी के रांची कांटाटोली स्थित मंगल टावर के पीछे एक और टावर है, जिसमें एक ऑफिस में भी रेड किया था।
Land For Job Scam कब-कब क्या हुआ
18 मई 2022 : सीबीआई ने 16 नामजद समेत अन्य अज्ञात पर मामला दर्ज किया
20 मई 2022 : बिहार और दिल्ली के 16 ठिकानों पर एक साथ रेड
27 जुलाई 2022 : एक्स एमएलए भोला यादव व रेलकर्मी हृदयानंद चौधरी अरेस्ट
27 जुलाई 2022: भोला यादव के पटना व दरभंगा के आवास पर सीबीआई रेड
24 अगस्त 2022 : आरजेडी नेताओं के बिहार, दिल्ली व गुरुग्राम के 17 ठिकानों पर रेड
सात अक्टूबर 2022: सीबीआई ने लालू, राबड़ी, मीसा और हेमा समेत 17 के खिलाफ चार्जशीट दायर की
छह फरवरी 2023: एक्स सीएम राबड़ी देवी से पटना आवास पर सीबीआई की पूछताछ
सात फरवरी 2023: मीसा भारती के दिल्ली आवास पर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से सीबीआइ ने की पूछताछ
10 मार्च 2023: लालू यादव के रिश्तेदारों व करीबियों के अलग-अलग 20 से ज्यादा ठिकानों पर ईडी रेड
तीन जुलाई 2023:तेजस्वी यादव समेत अन्य के खिलाफ सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट
31 जुलाई लालू फैमिली से जुड़े छह करोड़ की संपत्ति ईडी ने किया जब्त
जिन लोगों ने लालू प्रसाद के परिजनों को जमीन
राजकुमार, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को नौकरी देने के नाम पर लालू प्रसाद ने किशुन देव राय और उनकी पत्नी सोनमतिया देवी से छह फरवरी 2008 को महुआबाग की 3375 वर्गफीट जमीन राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर कराई। एवज में दिए 3.75 लाख। तीन को नौकरी मिली और मुंबई सेंट्रल में हुआ पदस्थापन।
संजय राय, धर्मेंद्र राय, रविंद्र राय ने अपने पिता कामेश्वर राय की महुआबाग की 3375 वर्ग फीट जमीन छह फरवरी 2008 को राबड़ी देवी के नाम पर लालू प्रसाद के कहने पर ट्रांसफर की। एवज में इन्हें मुंबई सेंट्रल में समूह-डी में नौकरी मिली।
किरण देवी नाम की महिला ने 28 फरवरी 2007 में बिहटा की अपनी 80905 वर्ग फीट जमीन लालू प्रसाद के कहने पर उनकी पुत्री मीसा भारती के नाम कर दी। इस जमीन के एवज में किरण देवी को 3.70 लाख रुपये और उनके पुत्र अभिषेक कुमार को सेंट्रल रेलवे, मुंबई में नौकरी दी गई।
हजारी राय ने महुआबाग की अपनी 9527 वर्गफीट जमीन 10.83 लाख रुपये लेकर मेसर्स एके इंफोसिस के नाम लिख दी। इसके एवज में हजारी राय के दो भांजे दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार में से एक को पश्चिम सेंट्रल रेलवे, जबलपुर में और दूसरे को पूर्वोत्तर रेलवे कोलकाता में नौकरी मिली।
लाल बाबू राय ने महुआ बाग, पटना की अपनी 1360 वर्गफीट जमीन 23 मई 2015 को लालू प्रसाद के नाम ट्रांसफर की, जिसके एवज में लाल बाबू को 13 लाख रुपये दिए गए। इसके पहले ही उनके पुत्र लालचंद कुमार को 2006 में उत्तर-पश्चिम रेलवे, जयपुर में नौकरी मिल चुकी थी।
ब्रजनंदन राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफीट की जमीन 29 मार्च 2008 को गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख लेकर ट्रांसफर किया।बाद में यह जमीन हृदयानंद चौधरी ने लालू की पुत्री हेमा यादव के नाम कर दी, जिसके बाद यह जमीन तोहफे में दी गई उस वक्त उसका सर्किल रेट 62.10 लाख रुपये था। जमीन के एवज में हृदयानंद चौधरी को पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर (बिहार) में नौकरी मिली।
विशुन देव ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफीट जमीन 29 मार्च 2008 को सिवान निवासी ललन चौधरी के नाम ट्रांसफर की। ललन चौधरी ने बाद में यह जमीन हेमा यादव को 28 फरवरी 2014 को तोहफे में दे दी। सीबीआई के अनुसार इस तोहफे के बदले में ललन चौधरी के पोते पिंटू कुमार को दक्षिण रेलवे, मुंबई में नौकरी दी गई।