एक कॉल से बिगड़ गया MLA अब्बास अंसारी के फरार होने का प्लान, वाइफ निखत बानो भी फंसी, मोबाइल से खुलेगा राज
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला जेल में बंद सुभासपा एमएलए अब्बास को भगाने का उसकी पत्नी निखत बानो ने फुल प्लान तैयार कर लिया था। लेकिन एक कॉल ने पूरा प्लान चौपट दिया। जानकार सोर्सेज का कहना है कि अब्बास ने निखत के फोन से एक गवाह को धमकाया था। एक सप्ताह में देख लेने की धमकी दी थी। पीड़ित ने सीनीयर अफसरों से कंपलेन की। डीएम-एसपी ने रेड मारा तो निखत जेल से पकड़ी गई।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला जेल में बंद सुभासपा एमएलए अब्बास को भगाने का उसकी पत्नी निखत बानो ने फुल प्लान तैयार कर लिया था। लेकिन एक कॉल ने पूरा प्लान चौपट दिया। जानकार सोर्सेज का कहना है कि अब्बास ने निखत के फोन से एक गवाह को धमकाया था। एक सप्ताह में देख लेने की धमकी दी थी। पीड़ित ने सीनीयर अफसरों से कंपलेन की। डीएम-एसपी ने रेड मारा तो निखत जेल से पकड़ी गई।
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पुलिस की एफआईआर में उल्लेख है कि निखत कई दिनों से जेल में जा रही थी। जेल में बंद कमरे में हसबैंड अब्बास के साथ तीन से चार घंटा बिताती थी। उस दौरान प्रेम की बातों के साथ जेल से भागने का प्लान तैयार किया जा रहा था। वाइफ के मोबाइल फोन से अब्बास अपने खिलाफ दर्ज मामलों से संबंधित विभिन्न पुलिस अफसरों, गवाहों, अभियोजन अफसरों के मर्डर का प्लान बना रहे थे। वह उन्हें पक्षद्रोही होने के लिए डराते धमकाते थे। उसके फोन से ही कई बार रंगदारी भी वसूली गई थी। अब्बाज से जेल से अपनी वाइफ के मोबाइल से फोन कर गवाही न देने के लिए धमकाया। उसने इनकार तो एक सप्ताह बाद अंजाम भुगतने की धमकी दी। भयभीत गवाह ने सीनीयर अफसरों को सूचना दी। इस पर डीएम व एसपी ने जेल में रेड मारा और निखत पकड़ी गई।
जेल के अफसर भी थे अब्बास भगाने के प्लान में शामिल
जामकार सोर्सेज का कहना है कि चित्रकूचट जेल के अफसर भी एमएलए अब्बास अंसरी के भगाने के षड्यंत्र में शामिल थे। आरोप है कि निखत ने जेल अफसरोंको मोटी रकम खिलाई थी। वह उसके क्रियाकलाप में कोई दखल नहीं देते थे। निखत जब जेल में आना होता था तो आती थी और जब मन तभी जाती थी। इसलिए जांच के बाद डीजी जेल ने जेल सुपरिटेंडेट अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार और डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय ने सस्पेंड कर दिया था। एएसपी जेल बांदा अवनीश गौतम ने हेड जेल वार्डर जगदीश प्रसाद व मुलायम सिंह, जेल वार्डर अभय प्रताप सिंह, सत्येंद्र कुमार और जगमोहन को सस्पेंड कर दिया था।
मोबाइल फोन की डिटेल से फंसेगी और कई लोगों की गर्दन
निखत के मोबाइल फोन रिकार्ड से कई लोगों की गर्दन फंस सकती है। पुलिस उसकी कॉल डिटेल निकाल रही है। अब्बास किस-किस से बात करता था। यह खंगाला जा रहा है। उसमें तमाम लोकल समाजवादी पार्टी भी शामिल हैं जो निखत के संपर्क में थे। उनसे निखत बात ही नहीं करती थी वह उसकी पूरी मदद करते थे। कमरा दिलाने से लेकर मिलना तक साथ रहते थे। ऐसे कुछ नेताओं को पुलिस चिन्हित कर लिया है। पुलिस मकान मालिक प्रहलाद साहू से भी पूछताछ कर रही है। जहां पर निखत किराये में कमरा लिए थी।
चित्रकूट में नये जेलर ने संभाला चार्ज
उन्नाव जेल से भेजे गये जेलर राजीव कुमार सिंह और लखनऊ से भेजे गए डिप्टी जेलरदे देवशरण सिंह ने चार्ज संभाल लिया है। उन्होंने रविवार की सुवह डीआईजी जेल शैलेंद्र कुमार मैत्रेय के साथ जेल के वार्डों का निरीक्षण किया। अन्य व्यवस्थाओं को परखा।
क्वारंटीन बैरक में रखी गई निखत
जिला जेल मे शनिवार की रात निखत करवट बगल कर गुजारी। हसबैंडके फरार कराने की योजना के आरोप में जेल भेजी गई निखत को क्वारंटीन बैरक में रखा गया है। जबकि उसके के ड्रााउवर नियात को अलग बैरक में रखा गया। वहीं जिस कार से निखत जेल आती जाती थी उसको भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।
निखत कब से आ रही थी जेल, जांच में जुटी एसआईटी, डीवीआर में डंप डाटा की होगी जांच
चित्रकूट जिला जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के एमएलए बेटे अब्बास अंसारी से उसकी वाइफ निखत बानो कब से बेरोक-टोक मिलने आ रही थी, इसकी जांच की जा रही है। इसमें और कौन-कौन लोग शामिल थे, उसका भी पता किया जा रहा है। आरोप है कि कुछ कैदी भी निखत के प्लान में शामिल थे और अब्बास को जेल से फरार करने में मदद करने वाले थे। इनकी भी पहचान की जा रही है। अभी तक जेल सुपरिटेडेंट समेत आठ जेल स्टाफ बेनकाब हो चुके हैं।बिना एंट्री के बेधड़क निखत के जेल में जाम की जांच की जिम्मेवारी डीआईजी जेल प्रयागराज शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को मिली थी। डीआइजी नेअपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। उनकी जांच में जेल सुपरिटेंडट अशोक कुमार सागर, जेलर संतोष कुमार व डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय समेत आठ जेल स्टाफ को सस्पेंड कर दिया गया था। डीआईजी जेल ने बताया कि जिस बिंदु पर उनको जांच करनी थी पूरी हो चुकी है। अब आगे कोई नया तथ्य आता है तो उस पर पड़ताल की जाएगी। फिलहाल आगे की जांच पुलिस मुकदमा के अनुसार करेंगी। रविवार को डीआईजी जेल अपनी जांच पूरी कर प्रयागराज लौट गए।
पांच मेंबर की एसआईटी कर रही है जांच
हाई प्रोफाइल मामले की जांच के लिए एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी नगर बर्ष पांडेय, क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर राजेश द्विवेदी, गिरेंद्र सिंह व शिवमूरत की पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। एसआइटी ने जांच शुरू कर दी है। सील सीसीटीवी फुटेज और अभिलेखों को अभी खोला नहीं गया है। टीम सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज देखना चाहती है कि निखत बानो कब से जिला जेल आ रही थी और कितने बार आई है। एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि सीसीटीवी के डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) में काफी डाटा है। उसको छंटनी कराने के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जायेगा। इसके बाद निखत की जेल में गतिविधियों का अध्ययन किया जाएगा। पांच सदस्यीय टीम एक-एक बिंदु को अच्छी तरह देखेगी।
कमरे था रूम फ्रेशनर व मैट
बताया जाता है कि जेल के जिस कमरे में निखत को पकड़ गया था, वह जेल सुपरिटेंडेट के ऑफिस से लगा है। उसमें अंदर से ही जाने का रास्ता है। कमरे में रूम फ्रेशनर के साथ मेज कुर्सी और मैट पड़ी थी, जिसमें निखत हसबैंड के साथ तीन से चार घंटे गुजारती थी।