मधुपुर उपचुनाव 2021: महागठबंधन की ठोस रणनीति के आगे विफल हुई हुई बीजेपी, उपचुनाव में हार की हैट्रिक

यूपीए महागठबंधन की ठोस रणनीति के आगे मधुपुर विधानभा उप चुनाव में भी बीजेपी की रणनीति विफल हो गयी। जेएमएम कैंडिडिडेट हफीजुल हसन ने लगभग छह हजार वोटों से बीजेपी कैंडिडेट गंगा नारायण सिंह को पराजित कर दिया। 

मधुपुर उपचुनाव 2021: महागठबंधन की ठोस रणनीति के आगे विफल हुई हुई बीजेपी, उपचुनाव में हार की हैट्रिक
  • 2019 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी नहीं चख सकी जीत का स्वाद 

रांची। यूपीए महागठबंधन की ठोस रणनीति के आगे मधुपुर विधानभा उप चुनाव में भी बीजेपी की रणनीति विफल हो गयी। जेएमएम कैंडिडिडेट हफीजुल हसन ने लगभग छह हजार वोटों से बीजेपी कैंडिडेट गंगा नारायण सिंह को पराजित कर दिया। 

सफलता का श्रेय सत्ताधारी महागठबंधन के लीडर सीएम हेमंत सोरेन को
मधुपुर उपचुनाव में हार के साथ बीजेपी स्टेट के उपचुनाव में हार की हैट्रिक बना चुकी है। 2019 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन पराजित होकर सत्ता से हटी बीजेपी अब तक झारखंड में जीत का स्वाद नहीं चख सकी है। बीजेपी को दुमका, बेरमो व मधुपुर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में करारी शिकस्त मिली है। स्टेट में बीजेपी की हार के पीछे सत्तारूढ़ महागठबंधन के लीडर हेमंत सोरेन को जाता है। हेमंत ने महागठबंधन की एकजुटता मजबूत करने के साथ-साथ बीजेपी की रणनीति को विफल करते हुए जीत के सिलसिले को आगे बढ़ाया है। 

बीजेपी की सभी चुनावी रणनीति फेल

महागठबंधन कैंडिडेट ने पहले दुमका और बेरमो में परचम लहराया। दो मई को मधुपुर विधानसभा उपचुनाव का परिणाम भी महागठबंधन के पक्ष में आया। बीजेपी इन चुनावों में अपने पक्ष में हवा बनाने की भरपूर कोशिश की थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई। मधुपुर में बीजेपी ने आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ चुके गंगानारायण सिंह को मैदान में उतारा। बीजेपी के सभी  प्रमुख नेताओं ने इलाके में कैंप किया। वहीं प्रचार के सभी हथकंडे अपनाये गये। बीजेपी ने रणनीति के तहत ध्रुवीकरण की कोशिश की। प्रशासन को भी निशाने पर रखा गया। महागठबंधन की एकजुटता इस चुनाव में मजबूती के साथ सामने आई। बीजेपी की सभी चुनावी रणनीति फेल हो गयी। 

महागठबंधन की सफल रणनीति
सीएम हेमंत सोरेन ने मधुपुर में खुद कमान संभाली, साथ ही कांग्रेस और आरजेडी लीडरों को भी सफलतापूर्वक मोर्चे पर लगाया। बिहार से तेजस्वी यादव को लेकर भी चुनावी सभा करायी गयी। बीजेपी के लीडर पहले की तरह इस उप चुनाव में जीत के के बाद स्टेट में सरकार बनाने की दावा कर रहे थे।चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी बचाव की मुद्रा में है, वहीं महागठबंधन का रुख आक्रामक है। भाजपा ने जिन मुद्दों के सहारे चुनावी किला फतह करने की कोशिश की थी, वह परवान नहीं चढ़ पाई। जबकि महागठबंधन की रणनीति ने कैंडिडेट को जीत दिला बीजेपी को फिर पीछे ढ़केल दिया।